आल्बीनोवानस पेदो: Difference between revisions

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आल्बीनोवानस्‌ पेदो एक रोमन कवि जो संभवत: सम्राट् तिबेरियुस्‌ के समय में जीवित और सेनापति गेर्मनिकुस्‌ की सेना में नौकर थे। सेनापति गेर्मानिकुस्‌ के उत्तरीय सागर के अभियान के संबंध में इन्होंने एक महाकाव्य की रचना की थी जिसके खंडित अंश अब भी मिलते हैं।[1] इनकी सूक्तियों की प्रशंसा मार्तियाल तक ने की है। एक थेसेइस्‌ नामक काव्य भी इन्होंने लिखा था। कहते हैं, ये अत्यंत रोचक कथाकार भी थे। उदाहरण स्वरूप इन्होंने अपने एक वाचाल पड़ोसी की हास्यपूर्ण कथा में कहा था कि वह अपने नाद से रात्रि को दिन में बदल देता था।[2]


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. हिन्दी विश्वकोश, खण्ड 1 |प्रकाशक: नागरी प्रचारिणी सभा, वाराणसी |संकलन: भारत डिस्कवरी पुस्तकालय |पृष्ठ संख्या: 449 |
  2. सं.ग्रं.-मैकेल: लैटिन लिटरेचर; डफ़: द राइटर्स ऑव रोम।

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