मिश्रित सामान्य ज्ञान 15: Difference between revisions
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-[[21 सितम्बर]], 1949 | -[[21 सितम्बर]], [[1949]] | ||
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-[[25 सितम्बर]], 1949 | -[[25 सितम्बर]], [[1949] | ||
||[[चित्र:Devnagari.jpg|border|80px|right|देवनागरी लिपि]]'देवनागरी लिपि' [[भारत]] में सर्वाधिक प्रचलित [[लिपि]] है, जिसमें [[संस्कृत]], [[हिन्दी]] और [[मराठी]] भाषाएँ लिखी जाती हैं। इस शब्द का सबसे पहला उल्लेख 453 ई. में जैन ग्रंथों में मिलता है। ‘नागरी’ नाम के संबंध में मतैक्य नहीं है। यह अपने आरंभिक रूप में ब्राह्मी लिपि के नाम से जानी जाती थी। इसका वर्तमान रूप नवी-दसवीं शताब्दी से मिलने लगता है। [[14 सितम्बर]] [[1949]] को संविधान सभा ने [[देवनागरी लिपि]] में लिखी हिंदी को [[अंग्रेज़ी]] के साथ राष्ट्र की आधिकारिक [[भाषा]] के तौर पर स्वीकार किया था। देवनागरी की विशेषता अक्षरों के शीर्ष पर लंबी क्षैतिज रेखा है, जो आधुनिक उपयोग में सामान्य तौर पर जुड़ी हुई होती है, जिससे लेखन के दौरान शब्द के ऊपर अटूट क्षैतिक रेखा का निर्माण होता है। देवनागरी को बाएं से दाहिनी ओर लिखा जाता है।अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[देवनागरी लिपि]] | |||
{निम्नलिखित में से कौन-सा [[तबला वादक]] चारों [[घराना|घराने]] के तबला वादन में सिद्ध रहा- | {निम्नलिखित में से कौन-सा [[तबला वादक]] चारों [[घराना|घराने]] के तबला वादन में सिद्ध रहा- | ||
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-[[किशन महाराज]] | -[[किशन महाराज]] | ||
+[[अहमद जान थिरकवा]] | +[[अहमद जान थिरकवा]] | ||
||[[चित्र:Ahmadjan-thirakhwa.jpg|border|70px|right|अहमद जान थिरकवा]]'अहमद जान थिरकवा' [[भारत]] के प्रसिद्ध [[तबला वादक|तबला वादकों]] में गिने जाते थे। तबला वादन में [[अहमद जान थिरकवा]] ने अपनी मेहनत एवं लगन से बहुत शीघ्र ही निपुणता प्राप्त कर ली थी। [[लखनऊ]], [[मेरठ]], अजराड़ा, [[फ़र्रूख़ाबाद ज़िला|फ़र्रूख़ाबाद]] आदि सभी घरानों का बाज थिरकवा को याद था, किन्तु विशेष रूप से वे [[दिल्ली]] और फ़र्रूख़ाबाद का बाज बजाने में सिद्ध हस्त थे। [[तबला]] बजाते समय जिन संगीत प्रेमियों ने उस्ताद थिरकवा के मुँह के बोल सुने थे, उन्हें ज्ञात था कि जितना सुन्दर वे बजाते थे, उतने ही सुन्दर और स्पष्ट बोल उनके मुख से निकलते थे। कठिन तालें भी वे बड़ी सुगमता से बजाते थे।अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[अहमद जान थिरकवा]] | |||
{[[भारत]] में सबसे बड़ा इंडोर स्टेडियम कौन सा हैं? | {[[भारत]] में सबसे बड़ा इंडोर स्टेडियम कौन सा हैं? |
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