अहह: Difference between revisions
Jump to navigation
Jump to search
[unchecked revision] | [unchecked revision] |
(''''अहह''' (अव्य.) [अहं जहाति इति-हा+क पृषो.]<ref>{{पुस्तक संदर...' के साथ नया पृष्ठ बनाया) |
No edit summary |
||
Line 2: | Line 2: | ||
*विस्मयादि द्योतक निपात निम्नांकित अर्थों में प्रयुक्त होता है- | *विस्मयादि द्योतक निपात निम्नांकित अर्थों में प्रयुक्त होता है- | ||
:::(क) शोक, खेद-अहह कष्टमपण्डितता विधेः<ref>-भर्तृ. 0/92, 3/11</ref>, अहह ज्ञानराशिर्विनष्ट:-मुद्रा 2 | :::(क) शोक, खेद-अहह कष्टमपण्डितता विधेः<ref>-भर्तृ. 0/92, 3/11</ref>, अहह ज्ञानराशिर्विनष्ट:<ref>-मुद्रा 2</ref> | ||
:::(ख) आश्चर्य, विस्मय-अहह महतां निस्सीमानश्चरित्रविभूतय:-भर्तु. 2/35,36 | :::(ख) आश्चर्य, विस्मय-अहह महतां निस्सीमानश्चरित्रविभूतय:<ref>-भर्तु. 2/35,36</ref> | ||
:::(ग) दया-तरस-भामि. 4/39 | :::(ग) दया-तरस<ref>-भामि. 4/39</ref> | ||
:::(घ) बुलाना | :::(घ) बुलाना | ||
:::(ङ) थकावट | :::(ङ) थकावट |
Latest revision as of 09:49, 30 May 2024
अहह (अव्य.) [अहं जहाति इति-हा+क पृषो.][1]
- विस्मयादि द्योतक निपात निम्नांकित अर्थों में प्रयुक्त होता है-
- REDIRECTसाँचा:इन्हें भी देखें
|
|
|
|
|
टीका टिप्पणी और संदर्भ
संबंधित लेख