सुशीला दीदी: Difference between revisions

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Jump to navigation Jump to search
[unchecked revision][unchecked revision]
m (Adding category Category:इतिहास कोश (using HotCat))
Line 18: Line 18:


[[Category:स्वतन्त्रता सेनानी]]
[[Category:स्वतन्त्रता सेनानी]]
[[Category:इतिहास कोश]]

Revision as of 10:03, 2 November 2010

  • क्रांतिकारी आन्दोलन के दौरान सुशीला दीदी ने भी प्रमुख भूमिका निभायी और काकोरी काण्ड के कैदियों के मुक़दमे की पैरवी के लिए अपनी स्वर्गीय माँ द्वारा शादी की ख़ातिर रखा 10 तोला सोना उठाकर दान में दिया।
  • यही नहीं उन्होंने क्रांतिकारियों का केस लड़ने के लिए 'मेवाड़पति' नामक नाटक खेलकर चन्दा भी इकट्ठा किया।
  • सन् 1930 के सविनय अविज्ञा आन्दोलन में 'इन्दुमति' के छद्म नाम से सुशीला दीदी ने भाग लिया और गिरफ्तार हुयीं।
  • इसी प्रकार हसरत मोहानी को जब जेल की सजा मिली तो उनके कुछ दोस्तों ने जेल की चक्की पीसने के बजाय उनसे माफी मांगकर छूटने की सलाह दी।
  • इसकी जानकारी जब बेगम हसरत मोहानी को हुई तो उन्होंने पति की जमकर हौसला अफ्ज़ाई की और दोस्तों को नसीहत भी दी।
  • मर्दाना वेष धारण कर उन्होंने स्वतंत्रता आन्दोलन में खुलकर भाग लिया और बाल गंगाधर तिलक के गरम दल में शामिल होने पर गिरफ्तार कर जेल भेज दी गयी, जहाँ उन्होंने चक्की भी पीसी।
  • यही नहीं महिला मताधिकार को लेकर 1917 में सरोजिनी नायडू के नेतृत्व में वायसराय से मिलने गये प्रतिनिधिमण्डल में वह भी शामिल थीं।


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध