विष्णु-वन्दना: Difference between revisions

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Jump to navigation Jump to search
[unchecked revision][unchecked revision]
No edit summary
No edit summary
Line 12: Line 12:
अर्हन्नित्यथ जैनशासनरता: कर्मेति मीमांसका:
अर्हन्नित्यथ जैनशासनरता: कर्मेति मीमांसका:
सोऽयं लो विदधातु वांछितफलं त्रैलोक्यनाथो हरि:।।</poem>
सोऽयं लो विदधातु वांछितफलं त्रैलोक्यनाथो हरि:।।</poem>
 
==संबंधित लेख==
{{आरती स्तुति स्त्रोत}}


[[Category:आरती स्तुति स्त्रोत]]
[[Category:आरती स्तुति स्त्रोत]]
__INDEX__
__INDEX__
[[Category:हिन्दू_धर्म_कोश]]
[[Category:हिन्दू_धर्म_कोश]]

Revision as of 11:49, 24 December 2010

सशंखचक्रं सकिरीटकुण्डलं
सपीतवस्त्रं सरसीरुहेक्षणम्।
सहारवक्ष:स्थलकौस्तुभश्रियं
नमामि विष्णुं शिरसा चतुर्भुजम्।।

सर्वरूप हरि-वन्दन

यं शैवा: समुपासते शिव इति ब्रह्मेति वेदान्तिनो
बौद्धा बुद्ध इति प्रमाणपटव: कर्तेति नैयायिका:।
अर्हन्नित्यथ जैनशासनरता: कर्मेति मीमांसका:
सोऽयं लो विदधातु वांछितफलं त्रैलोक्यनाथो हरि:।।

संबंधित लेख

  1. REDIRECT साँचा:आरती स्तुति स्तोत्र