Template:साप्ताहिक सम्पादकीय

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Jump to navigation Jump to search
भारतकोश सम्पादकीय -आदित्य चौधरी
टोंटा गॅन्ग का सी.ई.ओ.

right|120px|border|link=भारतकोश सम्पादकीय 30 जुलाई 2014

           अरे भाई पुलिस को पहले से पता होना चाहिए कि तुम कब, कहाँ और किस टाइम पर वारदात करने वाले हो... ये क्या कि चाहे जब मुँह उठाकर चल दिए वारदात करने..." टनकिया ने अफ़सोस ज़ाहिर किया और थोड़ा रुककर फिर दार्शनिक अंदाज़ में बोला- "अगर क्रिमनल, पुलिस को बता कर क्राइम करे तो भई हम भी बीस तरह की फ़ॅसेलिटी दे सकते लेकिन क्या करें समझ में ही नहीं आता आजकल के नए लड़कों को... देख लेना सरकार को ही एकदिन ऐसा क़ानून बनाना पड़ेगा... हमें भी तो राइट ऑफ़ इनफ़ॉरमेशन का फ़ायदा मिलना चाहिए। ...पूरा पढ़ें

पिछले सभी लेख जनतंत्र की जाति · असंसदीय संसद · किसी देश का गणतंत्र दिवस