Template:साप्ताहिक सम्पादकीय

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Jump to navigation Jump to search
भारतकोश सम्पादकीय -आदित्य चौधरी
भारत की जाति-वर्ण व्यवस्था

right|100px|border|link=भारतकोश सम्पादकीय 3 मार्च 2015

        एक राजा जिसका नाम चंद्रप्रभा था, पिंडदान करने नदी के किनारे पहुँचा। पिंड को हाथ में लेकर वह नदी में प्रवाहित करने को ही था कि नदी से तीन हाथ पिंड लेने को निकले। राजा आश्चर्य में पड़ गया। ब्राह्मण ने कहा: राजन! इन तीन हाथों में से एक हाथ किसी सूली पर चढ़ाए व्यक्ति का है क्योंकि उसकी कलाई पर रस्सी से बांधने का चिह्न बना है, दूसरा हाथ किसी ब्राह्मण का है क्योंकि उसके हाथ में दूब (घास) है और तीसरा किसी राजा का है क्योंकि उसका हाथ राजसी प्रतीत होता है साथ ही उसकी उंगली में राजमुद्रिका है।” पूरा पढ़ें

पिछले सभी लेख भूली-बिसरी कड़ियों का भारत · ‘ब्रज’ एक अद्‌भुत संस्कृति