मुशरिफ़-ए-मुमालिक
प्रान्तों एवं अन्य विभाग से प्राप्त होने वाली आय एवं उसके व्यय का लेखा-जोखा रखने का दायात्वि 'मुशरिफ-ए-मुमालिक' का होता था। नाजिर इसका सहायक होता था।
टीका टिप्पणी और संदर्भ
बाहरी कड़ियाँ
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प्रान्तों एवं अन्य विभाग से प्राप्त होने वाली आय एवं उसके व्यय का लेखा-जोखा रखने का दायात्वि 'मुशरिफ-ए-मुमालिक' का होता था। नाजिर इसका सहायक होता था।