छान्दोग्य उपनिषद अध्याय-2 खण्ड-11
- छान्दोग्य उपनिषद के अध्याय दूसरा का यह ग्यारहवाँ खण्ड है।
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- इस खण्ड में 'गायत्र' सम्बन्धी विशिष्ट उपासना का वर्णन है।
- जो साधक गायत्र-साम को प्राणों में अधिष्ठित हुआ जानता है, वह प्राणवान होता है और पूर्ण आयु को भोगता है।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
बाहरी कड़ियाँ
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