गोकण्रेश्वर मंदिर

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Revision as of 15:52, 5 October 2013 by Dr, ashok shukla (talk | contribs)
Jump to navigation Jump to search

गोकण्रेश्वर मंदिर एक टीले पर बना है। जिसे गोकण्रेश्वर या कैलाश मंदिर कहा जाता है। इस महादेव को उत्तरीय सीमा का रक्षक माना जाता है। इस मंदिर को भगवान गोकण्रेश्वर को समर्पित किया गया था। जिसके बारे में कहा गया है कि इन्होंने गाय के कान से जन्म लिया था। इस मंदिर में शिवभक्तों का तांता लगा रहता है।

1936 में अंग्रेजों द्वारा मथुरा में खुदाई करायी जा रही थी। गोकण्रेश्वर टीले पर खुदाई के दौरान कुषाणकालीन दो हजार वर्ष पुराना शिलापट मिला। जिस के बीच में शिवलिंग और अगल-बगल विदेशी शक को दिखाया गया है। उन के एक हाथ में पुष्प है और एक हाथ में माला। उसमें वह शिवलिंग का पूजन कर रहे हैं। इससे सिद्ध होता है कि शक जाति के लोग भी शिव का पूजन करते थे। संग्रहालय के पूर्व वीथिका सहायक शत्रुध्न शर्मा बताते हैं कि यह शिलापट लगभग दो हजार वर्ष पुराना है जो अब संग्रहालय के गोदाम में रखा है। इसमें विदेशी शक भगवान शिव का पूजन कर रहे हैं।

कुषाण काल द्वितीय सदी में विदेशी भी शिव पूजा में विश्वास रखते थे। इसका पता गोकण्रेश्वर मंदिर में खुदाई में निकले दो हजार वर्ष पुराने शिलापट से चलता है। अब यह शिलापट संग्रहालय की शोभा बढ़ा रहा है। फिलहाल यह लोगों को देखने के लिए भी उपलब्ध नहीं है और संग्रहालय के गोदाम में रखा है।


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ


बाहरी कड़ियाँ

विदेशी भी करते थे शिव पूजन

संबंधित लेख


वर्णमाला क्रमानुसार लेख खोज

                              अं                                                                                                       क्ष    त्र    ज्ञ             श्र   अः