महासिद्धांत ग्रंथ

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Revision as of 12:01, 28 June 2011 by मेघा (talk | contribs)
Jump to navigation Jump to search
  • महासिद्धांत ग्रंथ में 18 अधिकार हैं और लगभग 625 आर्या छंद हैं।
  • पहले 13 अध्यायों के नाम वे ही हैं जो 'सूर्य सिद्धांत' या 'ब्राह्मस्फुट सिद्धांत' के ज्योतिष संबंधी अध्यायों के हैं, केवल दूसरे अध्याय का नाम है 'पराशरमताध्याय'।
  • 14वें अध्याय का नाम 'गोलाध्याय' है जिसमें 11 श्लोक तक 'पाटीगणित' या 'अंकगणित' के प्रश्न हैं।
  • इसके आगे के तीन श्लोक भूगोल के प्रश्न हैं और शेष 43 श्लोकों में अहर्गण और ग्रहों की मध्यम गति के संबंध में प्रश्न हैं।
  • 15वें अध्याय में 120 आर्याछंद हैं, जिनमें पाटीगणित, क्षेत्रफलस, घनफल आदि विषय हैं।
  • 16वें अध्याय का नाम 'भुवनकोश प्रश्नोत्तर' है जिसमें खगोल, स्वार्गादि लोक, भूगोल आदि का वर्णन है।
  • 17वां प्रश्नोत्तराध्याय है, जिसमें ग्रहों की मध्यमगति संबंधी प्रश्नों पर ब्राह्मस्फुट सिद्धांत की अपेक्षा कहीं अधिक विचार किया गया है। इससे भी प्रकट होता है कि आर्यभट्ट द्वितीय ब्रह्मगुप्त के पश्चात हुए हैं।



पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ


संबंधित लेख


वर्णमाला क्रमानुसार लेख खोज

                              अं                                                                                                       क्ष    त्र    ज्ञ             श्र   अः