अहह
अहह (अव्य.) [अहं जहाति इति-हा+क पृषो.][1]
- विस्मयादि द्योतक निपात निम्नांकित अर्थों में प्रयुक्त होता है-
- (क) शोक, खेद-अहह कष्टमपण्डितता विधेः[2], अहह ज्ञानराशिर्विनष्ट:-मुद्रा 2
- (ख) आश्चर्य, विस्मय-अहह महतां निस्सीमानश्चरित्रविभूतय:-भर्तु. 2/35,36
- (ग) दया-तरस-भामि. 4/39
- (घ) बुलाना
- (ङ) थकावट
- REDIRECTसाँचा:इन्हें भी देखें
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
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