जैन आधान संस्कार

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Revision as of 06:31, 10 February 2010 by रेणु (talk | contribs) (नया पन्ना: ==जैन आधान संस्कार / Jain Adhan Sanskar== *पाणिग्रहण (विवाह) के बाद सौभाग्यवत...)
(diff) ← Older revision | Latest revision (diff) | Newer revision → (diff)
Jump to navigation Jump to search

जैन आधान संस्कार / Jain Adhan Sanskar

  • पाणिग्रहण (विवाह) के बाद सौभाग्यवती नारियाँ उस स्त्री तथा उसके पति को मण्डप में लाकर वेदी के निकट बैठातीं हैं।
  • शुद्ध वस्त्र धारण कर संस्कार विधि इस प्रकार की जाती है-
  1. सर्वप्रथम मंगलाचरण,
  2. मंगलाष्टक का पाठ,
  3. पुन: हस्तशुद्धि,
  4. भूमिशुद्धि,
  5. द्रव्यशुद्धि,
  6. पात्रशुद्धि,
  7. मन्त्रस्नान,
  8. साकल्यशुद्धि,
  9. समिधाशुद्धि,
  10. होमकुण्ड शुद्धि,
  11. पुण्याहवाचन के कलश की स्थापना,
  12. दीपक प्रज्वलन,
  13. तिलककरण,
  14. रक्षासूत्रबन्धन,
  15. संकल्प करना,
  16. यन्त्र का अभिषेक,
  17. आन्तिधारा,
  18. गन्धोदक,
  19. वन्दन,
  20. इसके पूर्व अर्घसमर्पण,
  21. पूजन के प्रारम्भ में स्थापना,
  22. स्वस्तिवचान,
  23. इसके बाद देव-शास्त्र-गुरुपूजा, एवं
  24. सिद्धयन्त्र का पूजन करना चाहिए।
  • अनन्तर शास्त्रोक्त विधिपूर्वक पति और धर्मपत्नी द्वारा विश्वशान्तिप्रदायक हवन पूर्वक यह क्रिया सम्पन्न की जाती है।

वर्णमाला क्रमानुसार लेख खोज

                              अं                                                                                                       क्ष    त्र    ज्ञ             श्र   अः