प्रयोग:Shilpi2
लिखने की रीति को वर्तनी या अक्षरी कहते हैं। इसे 'हिज्जे' भी कहा जाता है।
उच्चारण
वर्तनी का सीधा संबंध उच्चारण से होता है। हिन्दी में जो बोला जाता है वही लिखा जाता है। यदि उच्चारण अशुद्ध होगा तो वर्तनी भी अशुद्ध होगी। प्रायः अपनी मातृभाषा या बोली के कारण तथा व्याकरण संबंधी ज्ञान की कमी के कारण उच्चारण में अशुद्धियाँ आ जाती हैं जिसके कारण वर्तनी में भी अशुद्धियाँ आ जाती हैं।
अशुद्धियाँ
प्रायः लोग जिन शब्दों के उच्चारण एवं वर्तनी में अशुद्धियाँ करते हैं, उन शब्दों के अशुद्ध और शुद्ध रूप आगे तालिका में दिये जा रहे हैं-
स्वर संबंधी अशुद्धियाँ
अशुद्ध | शुद्ध |
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अकाश | आकाश |
अगामी | आगामी |
अजमाइश | आजमाइश |
अन्त्यक्षरी | अन्त्याक्षरी |
अर्यावर्त | आर्यावर्त |
अलपीन | आलपीन |
आजकाल | आजकल |
ढाकना | ढकना |
चहरदीवारी | चहारदीवारी |
हस्ताक्षेप | हस्तक्षेप |
हाथिनी | हथिनी |
अशुद्ध | शुद्ध |
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आशिर्वाद | आशीर्वाद |
इश्वर | ईश्वर |
दिपिका | दीपिका |
लिजिये | लीजिये |
हानी | हानि |
बाल्मीकी | बाल्मीकि |
शिर्षक | शीर्षक |
कोटी | कोटि |
गीनना | गिनना |
अशुद्ध | शुद्ध |
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अनुदित | अनूदित |
आशिर्वाद | आशीर्वाद |
आशिर्वाद | आशीर्वाद |
आशिर्वाद | आशीर्वाद |
आशिर्वाद | आशीर्वाद |
आशिर्वाद | आशीर्वाद |
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टीका टिप्पणी और संदर्भ