अन्नपूर्णा देवी की आरती
thumb|300|अन्नपूर्णा देवी
Annapurna Devi
बारम्बार प्रणाम मैया बारम्बार प्रणाम
जो नही ध्यावै तुम्हें अम्बिके कहाँ उसे विश्राम |
अन्नपूर्णा देवी नाम तिहारो लेते होत सब काम ||
प्रलय युगांतर और जन्मांतर, कालांतर तक नाम |
सुर सुरों की रचना करती, कहाँ कृष्ण कहाँ राम ||
चूमहि चरण चतुर चतुरानन चारु चक्रधर श्याम |
चंद्र चुड चंद्रानन चाकर शोभा लखहि ललाम ||
देवी देव दयनीय दशा में दया दया तव नाम |
त्राहि त्राहि शारणगत वत्सल शरण रुप तव धाम ||
श्री, ह्रीं, श्रद्धा, श्रीं ऐं विद्या, श्री क्लीं कमल काम |
कान्तिभ्रांतिमयी कांति शातिमयी वर देतुनिष्काम ||
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