विसर्जन (श्राद्ध)

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Revision as of 08:24, 21 March 2011 by व्यवस्थापन (talk | contribs) (Text replace - "==टीका टिप्पणी और संदर्भ==" to "{{संदर्भ ग्रंथ}} ==टीका टिप्पणी और संदर्भ==")
Jump to navigation Jump to search

विसर्जन में तीन प्रकार के विसर्जन किये जाते हैं, जिनके नाम इस प्रकार है:-

  • पिण्ड विसर्जन,
  • पितृ विसर्जन,
  • देव विसर्जन।

पिण्ड विसजर्न

नीचे लिखे मन्त्र के साथ पिण्डों पर जल सिञ्चित करें।

ॐ देवा गातुविदोगातुं, वित्त्वा गातुमित।
मनसस्पत ऽ इमं देव, यज्ञ स्वाहा वाते धाः॥[1]

पितृ विसर्जन

पितरों का विसर्जन तिलाक्षत छोड़ते हुए करें।

ॐ यान्तु पितृगणाः सवेर्, यतः स्थानादुपागताः।
सवेर् ते हृष्टमनसः, सवार्न् कामान् ददन्तु मे॥
ये लोकाः दानशीलानां, ये लोकाः पुण्यकमर्णाम्।
सम्पूणार्न् सवर्भोगैस्तु, तान् व्रजध्वं सुपुष्कलान्॥
इहास्माकं शिवं शान्तिः, आयुरारोगयसम्पदः।
वृद्धिः सन्तानवगर्स्य, जायतामुत्तरोत्तरा॥

देव विसर्जन

अन्त में पुष्पाक्षत छोड़ते हुए देव विसर्जन करें।

ॐ यान्तु देवगणाः सवेर्, पूजामादाय मामकीम्।
इष्ट कामसमृद्ध्यथरं, पुनरागमनाय च॥


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. -8.21

वर्णमाला क्रमानुसार लेख खोज

                              अं                                                                                                       क्ष    त्र    ज्ञ             श्र   अः