छान्दोग्य उपनिषद अध्याय-2 खण्ड-8

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Revision as of 12:11, 5 September 2011 by रेणु (talk | contribs)
Jump to navigation Jump to search
  1. REDIRECTसाँचा:मुख्य
  • इस खण्ड में सप्तविध साम की उपासना का वर्णन है।
  • वाणी में 'हुं' हिंकार है, शब्द 'प्र' प्रस्ताव है, 'आ' आदि रूप है, 'उत्' उद्गीथ है, 'प्रति' प्रतिहार है, 'उप' उपद्रव-रूप है और 'नि' निधन का रूप है।
  • इस प्रकार जो साधक उपासना से वाणी के सारतत्त्व को प्राप्त कर लेता है, उसे अन्न और अन्न को पचाने की सामर्थ्य प्राप्त होती है।


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ


बाहरी कड़ियाँ

संबंधित लेख


वर्णमाला क्रमानुसार लेख खोज

                              अं                                                                                                       क्ष    त्र    ज्ञ             श्र   अः