छान्दोग्य उपनिषद अध्याय-2 खण्ड-12
- छान्दोग्य उपनिषद के अध्याय दूसरा का यह बारहवाँ खण्ड है।
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- जो साधक साम को अग्नि में प्रतिष्ठित जानकर उपासना करता है, वह ब्रह्मतेज से सम्पन्न प्रदीप्त जठराग्नि से युक्त होता है।
- वह पूर्ण तेजोमय जीवन व्यतीत करता है तथा महान कीर्ति को प्राप्त करता है।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
बाहरी कड़ियाँ
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