छान्दोग्य उपनिषद अध्याय-3
इस अध्याय में 19 खण्ड हैं।
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इस अध्याय में 'आदित्य' को ही परब्रह्म मानकर विविध रूपकों द्वारा उसके स्वरूप का वर्णन किया गया है।
- जो इस प्रकार है:-
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
बाहरी कड़ियाँ
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