एपोफिस क्षुद्र ग्रह

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सौरमंडल में लाखों ऐसी छोटी-बड़ी चट्टाने हैं, जो सूर्य की परिक्रमा करते हुए कई बार पृथ्वी के निकट आ जाती हैं। अनुमान है कि कोई बीस लाख क्षुद्र ग्रह पृथ्वी के निकटवर्ती अंतरिक्ष में घूम रहे हैं। औसतन हर हफ्ते इस तरह का एक क्षुद्र पिंड पृथ्वी से चंद्रमा तक की दूरी दूरी के बीच से निकल जाता है। अमेरिकी अंतरिक्ष अधिकरण नासा के वैज्ञानिक उन आकाशीय पिंड़ों की भी हमेशा तलाश में रहते हैं, जो केवल कुछ मीटर ही बड़े हैं।

ऐसा ही एक क्षुद्र ग्रह है एपोफिस। ये लगभग 275 मीटर चौड़ा (आधा मील व्यास) है। दिसंबर 2004 में वैज्ञानिकों ने एपोफिस क्षुद्र ग्रह का पता लगाया था। ये क्षुद्र ग्रह भी हमारे सौर्यमंडल में ग्रहों के साथ सूर्य के चक्कर लगा रहा है। वैज्ञानिकों के अनुसार ये ग्रह धीरे-धीरे धरती के करीब आता जा रहा है और शुक्रवार 13 अप्रैल 2029 को वह पहली बार पृथ्वी के काफी शक्तिशाली गुरूत्वीय केंद्र की होल से केवल 36 हजार किलोमीटर की दूरी पर से गुजरेगा। यह वही दूरी है, जहाँ रेडियो और टेलीविजन कार्यक्रम रिले करने वाले हमारे अधिकतर संचार उपग्रह भी पृथ्वी की परिक्रमा कर रहे हैं।

यदि उस पर पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण का असर हो गया, तो क्षुद्र ग्रह सात वर्ष बाद 2036 में दुबारा आएगा और तब उसका पृथ्वी से टकराना लगभग निश्चित लगता है। वैज्ञानिक इसे ‘की-होल’ असर बता रहे हैं। खगोलविदों के अनुसार अंतरिक्ष में घूमने वाला क्षूद्रग्रह एपोफिस 37014.91 किमी/ प्रति घंटा की रफ्तार से पृथ्वी से टकरा सकता है। यदि यह टक्कर हुई, तो उसकी विस्फोटक शक्ति हिरोशिमा पर गिराए गए परमाणु बम से भी दस लाख गुना अधिक होगी।

इतने बड़े क्षुद्र ग्रह के धरती से टकराने पर यहां काफी नुकसान होगा। उससे लोगों की जानें जाएंगी। इसके टकराने से वातावरण में धूल काफी ऊपर तक जम जाएगी। धूल की वजह से कई सालों तक धरती पर पूरी रोशनी नहीं रहेगी। सूर्य की रोशनी नहीं मिलने का असर पौधों पर भी पड़ेगा और फसलें नहीं होंगी। फिर भी उम्मीद है कि इससे पूरी मानव जाती खत्म नहीं होगी। अगर ये समुद्र में भी गिरता है तो भयानक सुनामी का सामना करना पड़ेगा। इसमें भी करोड़ों जानें जाएंगी।

विज्ञान के अनुसार पहले भी कई बार धरती से दूसरे क्षुद्र ग्रह टकरा चुके हैं। इसी का नतीजा है जो धरती पर कई जगह बड़े गड्ढे हैं। समझा जाता है कि डायनोसोर भी इसी वजह से खत्म हुए थे। धरती का व्यास 8000 मील का है।


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