यह पृष्ठ हे दयालु ले शरण में -शिवदीन राम जोशी लेख के सुधार पर चर्चा करने के लिए वार्ता पन्ना है।
|
- आपके बहुमूल्य सुझावों का हार्दिक स्वागत है। आपके द्वारा दिये जाने वाले सुझावों एवं जोड़े गए शब्दों की बूँदों से ही यह 'ज्ञान का हिन्दी महासागर' बन रहा है।
- भारतकोश को आपकी प्रशंसा से अधिक आपके "भूल-सुधार सुझावों" और आपके द्वारा किए गये “सम्पादनों” की प्रतीक्षा रहती है।
|
सुझाव देने के लिए लॉग-इन अनिवार्य है। आपके सुझाव पर 24 घंटे में अमल किये जाने का प्रयास किया जाता है।
|
|
- कृपया अपने संदेशों पर हस्ताक्षर करें, चार टिल्ड डालकर(~~~~)
100px|center
|
हे दयालु ! ले शरण मेँ.....
कृपया इस पन्ने मेँ अन्तिम शब्दोँ जैसे- बिसारयो, तारयो, धारयो, मारयो मेँ अक्षर र को
हलन्त करना है । मुझसे यह क्रिया नहीँ हो पाइ है।
वर्णमाला क्रमानुसार लेख खोज