संगीत रत्नाकर शारंगदेव रचित, ऐतिहासिक दृष्टि से महत्वपूर्ण ग्रंथ माना जाता है।
- बारहवीं सदी के पूर्वार्द्ध में लिखे गये सात अध्यायों वाले इस ग्रंथ में संगीत व नृत्य का विस्तार से वर्णन है।
टीका टिप्पणी और संदर्भ
बाहरी कड़ियाँ
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