निर्बलता और सबलता -दिनेश सिंह

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Revision as of 05:50, 27 January 2015 by Dinesh Singh (talk | contribs) ('<!-- सबसे पहले इस पन्ने को संजोएँ (सेव करें) जिससे आपको य...' के साथ नया पन्ना बनाया)
(diff) ← Older revision | Latest revision (diff) | Newer revision → (diff)
Jump to navigation Jump to search

thumb|निर्बलता और सबलता -दिनेश सिंह लिंक पर क्लिक करके चित्र अपलोड करें

चित्र:Icon-edit.gif इस लेख का पुनरीक्षण एवं सम्पादन होना आवश्यक है। आप इसमें सहायता कर सकते हैं। "सुझाव"

आपको नया पन्ना बनाने के लिए यह आधार दिया गया है

चित्र:Icon-edit.gif यह लेख स्वतंत्र लेखन श्रेणी का लेख है। इस लेख में प्रयुक्त सामग्री, जैसे कि तथ्य, आँकड़े, विचार, चित्र आदि का, संपूर्ण उत्तरदायित्व इस लेख के लेखक/लेखकों का है भारतकोश का नहीं।

क्षितिज-वृत्त से दिनकर अपनी
आभा लेकर वह डूब चुका था
कुञ्ज तटी के शांति भवन में
निर्वाक खड़ा मै देख रहा था

अथक परिश्रम कर एक खग
था एक नीड़ निर्माण कर रहा
तृण तृण जोड़ जोड़कर पाती
था प्रेमारस से सींच रहा

शांति चीरता दूर परिधि से
एक तूफान कराल उठा
छिन्न भिन्न कर दिया नीड़
वह उसका सुख ना देख सका

होकर विक्षुब्ध वो व्योम विहारी
फिर एक साख पर बैठ गया था
शायद वह अपनी निर्बलता या
भाग्य-नियति को कोस रहा था

निरख विध्वंसित नीड़ विहग का
हृदय विक्षुब्धिध ब्याकुल विव्हल
यहाँ सबलता के सम्मुख
नित प्रलय सेज पर सोता निर्बल

टीका टिप्पणी और संदर्भ

संबंधित लेख




पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ


बाहरी कड़ियाँ

संबंधित लेख


वर्णमाला क्रमानुसार लेख खोज

                              अं                                                                                                       क्ष    त्र    ज्ञ             श्र   अः