विश्व कप फ़ुटबॉल 1978

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विश्व कप फ़ुटबॉल 1978
विवरण 'फ़ीफ़ा विश्व कप' का आयोजन 'फ़ीफ़ा' (फ़ेडरेशन ऑफ़ इंटरनेशनल फ़ुटबॉल एसोसिएशन) द्वारा कराया जाता है। ग्यारहवाँ विश्व कप फ़ुटबॉल वर्ष 1978 में खेला गया था, जिसकी मेज़बानी अर्जेंटीना ने की थी।
वर्ष 1978
तिथि 1 जून से 25 जून
कुल देश 16
फ़ाइनल हॉलैंड तथा अर्जेंटीना
कुल मैच 38
कुल गोल 102
दर्शक 1,545,791
अन्य जानकारी इस विश्व कप में सबसे ज़्यादा गोल मारे मारियो केम्पेस ने छह गोल दाग़े थे। हॉलैंड की टीम दूसरी बार भी फ़ाइनल पहुँचकर मैच जीतने में असफल रही।
अद्यतन‎

विश्व कप फ़ुटबॉल 1978 अथवा फ़ीफ़ा विश्व कप 1978 (अंग्रेज़ी: FIFA World Cup 1978) वर्ष 1978 में विश्व कप फ़ुटबॉल अर्जेंटीना में हुआ था। इस विश्व कप का ख़िताब मेज़बान अर्जेंटीना ने जीता। अर्जेंटीना ने फ़ाइनल में हॉलैंड को 3-1 से हराया। फ़ाइनल मैच का फ़ैसला अतिरिक्त समय में हुआ था। इस विश्व का आयोजन 1 जून से 25 जून तक हुआ, जिसमें 16 देश कि टीमों नें भाग लिया था।[1]

ग्रुप विभाजन

अर्जेंटीना ने पहली बार विश्व कप का ख़िताब जीतने में सफलता पाई और विश्व कप जीतने वाली छठी टीम बनी। इस विश्व कप का स्वरूप 1974 के विश्व कप की तरह रहा। 16 टीमें इसके लिए क्वालीफ़ाई हुईं। टीमों को चार-चार के ग्रुप में रखा गया। ग्रुप मैच के बाद चार-चार टीमों के दो ग्रुप बाँट दिये गये। इसके बाद दोनों ग्रुपों की विजेता के बीच फ़ाइनल मैच हुआ। लगातार दूसरी बार हॉलैंड की टीम फ़ाइनल मैच में हार गई। 1974 में हॉलैंड की टीम पश्चिम जर्मनी से हार गई थी। इस विश्व में सबसे ज़्यादा गोल मारे मारियो केम्पेस ने छह गोल दाग़े। ग्रुप-1 में इटली की टीम शीर्ष पर रही। अर्जेंटीना की टीम को दूसरे स्थान से संतोष करना पड़ा। ग्रुप-2 में पोलैंड की टीम शीर्ष पर रही। ग्रुप-3 से ऑस्ट्रिया और ग्रुप-4 से पेरू की टीम शीर्ष पर रही। असली कहानी दूसरे दौर से शुरू हुई।[1]

फाइनल

पहले ग्रुप से हंगरी की टीम आसानी से जीतकर फ़ाइनल में पहुँच गई लेकिन दूसरे ग्रुप की कहानी बिल्कुल अलग रही। ग्रुप-बी के दो मैचों के बाद भी ब्राज़ील और अर्जेंटीना के अंक बराबर थे। अब इस ग्रुप का फ़ैसला दोनों टीमों के आख़िरी मैचों पर निर्भर था। फ़ीफ़ा ने इस बात पर ज़ोर नहीं दिया कि दोनों मैच एक ही समय पर शुरू हों। नतीजा ये हुआ कि ब्राज़ील ने पोलैंड को तो 3-1 से हरा दिया लेकिन अर्जेंटीना के सामने फ़ाइनल में पहुँचने का लक्ष्य भी मिल गया, क्योंकि उसका मैच ब्राज़ील के मैच के बाद हुआ। अर्जेंटीना ने इसका लाभ उठाया और पेरू को 6-0 के बड़े अंतर से पराजित किया। उस मैच में पेरू के गोलकीपर पर सवाल उठाये गये। कहा जाता है कि अर्जेंटीना मूल के पेरू के गोलकीपर के कारण ही अर्जेंटीना इतना स्कोर कर पाया, कारण जो भी हो अर्जेंटीना की टीम फ़ाइनल में पहुँचने में सफल रही और ब्राज़ील की टीम बाहर हो गई। फ़ाइनल मैच काफ़ी उत्तेजना भरा रहा। मेज़बान अर्जेंटीना की टीम पहली बार फ़ाइनल खेल रही थी, तो लगातार दूसरी बार फ़ाइनल में उतरी थी हॉलैंड की टीम। हॉलैंड की टीम का सपना एक बार फिर टूटा और मेज़बान टीम ने विश्व विजेता बनने का गौरव हासिल किया। अर्जेंटीना ने फ़ाइनल में हॉलैंड को 2-1 से मात दी।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. 1.0 1.1 विश्व कप फ़ुटबॉल (हिन्दी) bbc.com। अभिगमन तिथि: 6 अगस्त, 2016।

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