आंभी
आंभी 326 ई.पू., सिकंदर का समकालीन और तक्षशिला का राजा। सिकंदर ने जब सिंधुनद पार किया तब आंभी ने अपनी राजधानी तक्षशिला में चाँदी की वस्तुएँ, भेडें और बैल भेंट कर उसका स्वागत किया। चतुर विजेता ने उसके उपहारों को अपने उपहारों के साथ लौटा दिया जिसके फलस्वरूप आंभी ने आगे का देश जीतने के लिए उसे 5,000 अनुपम योद्धा प्रदान किए। आंभी को उदार विजेता ने फिर झेलम और सिंधुनद के द्वाब का शासक नियुक्त किया।[1]
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ हिन्दी विश्वकोश, खण्ड 1 |प्रकाशक: नागरी प्रचारिणी सभा, वाराणसी |संकलन: भारत डिस्कवरी पुस्तकालय |पृष्ठ संख्या: 332 |