एंटरो टाक्र्वीनियो द क्वेंटल

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Revision as of 08:36, 11 July 2018 by यशी चौधरी (talk | contribs) (''''एंटेरो टार्क्वीनियो द क्वेंटल''' (1842-1891 ई.) पुर्तगाली...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)
(diff) ← Older revision | Latest revision (diff) | Newer revision → (diff)
Jump to navigation Jump to search

एंटेरो टार्क्वीनियो द क्वेंटल (1842-1891 ई.) पुर्तगाली कवि। 18 अप्रैल, 1842 को अजोरेस प्रदेश के पाँटा डेलगाडा नामक स्थान में जन्म। 1864 ई. में कोयंब्रा विश्वविद्यालय से कानून की डिग्री प्राप्त की। तदनंतर लिस्बन के राजनीतिक एवं बौद्धिक क्षेत्र में प्रवेश किया। अपनी कविताओं के प्रकाशन के साथ वह विद्रोही युवकों के साथ हो गया और पूर्ववर्ती पीढ़ी के प्रमुख जीवित कवि का कास्टिल्हो को उनके तत्कालीन पुर्तगाली साहित्य के अधिनायकत्व से अपदस्थ कर दिया। समाजवादी विचारधारा से प्रेरित होकर संपन्न होते हुए भी कंपोजीटर का काम करने लगा और समाजवाद का प्रचारक बना। जीवन में असफल होने के कारण वह कुछ वेदनावादी बन गया और उसकी वेदना उसकी रचनाओं में प्रस्फुटित हुई है। रीढ़ के रोग के कारण वह इतना दुखी हुआ कि उसने अंततोगत्वा आत्महत्या कर ली।

क्वेंटल ने अधिकांशत: सॉनेट ही लिखे हैं। सॉनेट लिखनेवाले कवियों में कम ही ऐसे होंगे जिन्होंने इसकी तरह सुंदर रचनाएँ प्रस्तुत की होंगी । उसकी अधिकांश रचनाएँ वस्तुत: काव्यकला के अनुपम नमूने हैं। अपनी रचनाओं में या तो वह अपने संशय और अंतर्द्वद्व को भूल बैठा है या फिर उन्हें उसने सजीवता के साथ प्रस्तुत किया है। उसने अपनी अनुभूतियों, भावों और विचारों को प्रस्तुत करने के लिए लोक जीवन से प्रतीक चुने हैं। उसकी रचनाओं का चार खंडों में संग्रह उसके मित्र ओलवेरा मार्टिन ने किया है। उसके सॉनेट के अनुवाद अनेक यूरोपीय भाषाओं में हुए हैं और वे उसकी लोकप्रियता के प्रतीक है।[1]


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. हिन्दी विश्वकोश, खण्ड 3 |प्रकाशक: नागरी प्रचारिणी सभा, वाराणसी |संकलन: भारत डिस्कवरी पुस्तकालय |पृष्ठ संख्या: 255 |

संबंधित लेख

वर्णमाला क्रमानुसार लेख खोज

                              अं                                                                                                       क्ष    त्र    ज्ञ             श्र   अः