लाल कालेन्द्र सिंह

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Revision as of 05:21, 4 February 2021 by आदित्य चौधरी (talk | contribs) (Text replacement - "आंखे" to "आँखें")
(diff) ← Older revision | Latest revision (diff) | Newer revision → (diff)
Jump to navigation Jump to search

लाल कालेन्द्र सिंह का नाम छत्तीसगढ़ राज्य में हुए असंख्य शूरवीरों के साथ लिया जाता है। बस्तर में अंग्रेज़ी दासता के विरुद्ध संघर्ष करने वालों में अनगिनत शूरवीरों का योगदान है, जिनके नाम केवल इतिहास में नहीं, जन-जन के मानव पटल में भी अंकित है। लाल कालेन्द्र सिंह उन्हीं में से एक थे।

  • ब्रिटिश सत्ता के विरुद्ध सन 1910 में एक महान् जनक्रान्ति का विस्फोट छत्तीसगढ़ में बस्तर के वनांचल में हुआ। स्थानीय भाषा में यह क्रान्ति 'भूमकाल' के नाम से आज भी विख्यात है। इस क्रान्ति के सूत्रधार, सिपहसालार और प्रेरणा स्रोत लाल कालेन्द्र सिंह थे।[1]
  • बस्तर के राजवंश में जन्म लेने के बावजूद भी लाल कालेन्द्र सिंह में राजशाही दंभ नहीं था। महल की सुख सुविधाओं के बदले उन्होंने असुविधाओं को झेलते देहात में रहना स्वीकार किया था, ताकि वनवासियों के बीच उनके अपने बनकर रह सकें।
  • सन 1808 में परजा जनजाति के लोगों के सामूहिक नरसंहार और बलात्कार की घटना ने समूचे बस्तर को दहला दिया था। पहले से क्षुब्ध और क्रुद्ध, पूरा का पूरा बस्तर ज्वालामुखी के समान भीषण विस्फोट के लिये तैयार हो चुका था।
  • रानी के सुझाव पर, नेता नार के वीर गुंडा धुर को भूमकाल का नायक निर्वाचित किया गया। प्रत्येक परगने से एक-एक व्यक्ति को नेता नियुक्त किया गया था।
  • कालेन्द्र सिंह के नेतृत्व में क्रांति की सुनियोजित रुपरेखा तैयार हो गयी और 1 फ़रवरी, 1910 को सम्पूर्ण बस्तर में विद्रोह का बिगुल बज उठा।
  • रानी सुबरन कुंवर ने क्रांतिकारियों की सभा में मुरिया राज की स्थापना की घोषणा की। वनवासियों ने नये जोश के साथ अंग्रेज़ आधिपत्य वाले शेष स्थानों को अधिकार में करने के लिए पूरी ताकत झोंक दी। छोटे डोंगर में क्रांतिकारियों एवं अंग्रेज़ी सेना के बीच दो बार मुठभेड़े हुई।[1]
  • अपनी क्रांतिकारी गतिविधियाँ चलाने वाले लाल कालेन्द्र सिंह पकड़ लिये गए थे और उन्हें आजीवन कारावास का दंड मिला। दंड भोगते-भोगते वनवासियों की आंखों के तारे वीर कालेन्द्र सिंह ने 1916 में अपनी आँखें सदा के लिये मूंद लीं और अपनी मातृभूमि के नाम शहीद हो गये।


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. 1.0 1.1 क्रांतिकारी वीरों की यशोगाथा (हिन्दी) आरम्भ, ब्लॉग छत्तीसगढ़। अभिगमन तिथि: 31 जनवरी, 2015।

संबंधित लेख

  1. REDIRECTसाँचा:स्वतन्त्रता सेनानी

वर्णमाला क्रमानुसार लेख खोज

                              अं                                                                                                       क्ष    त्र    ज्ञ             श्र   अः