बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ

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बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ
देश भारत
उद्घाटनकर्ता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
शुरुआत 22 जनवरी, 2015
मंत्रालय महिला एवं बाल विकास मंत्रालय, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय एवं मानव संसाधन विकास मंत्रालय की संयुक्त पहल।
उद्देश्य बेटियों के प्रति समाज में होने वाले नकारात्मक बर्ताव के प्रति जागरूकता फैलाना व उनके भविष्य को अच्छा बनाना।
अद्यतन‎

बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ (अंग्रेज़ी: Beti Bachao Beti Padhao) महिला एवं बाल विकास मंत्रालय, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय एवं मानव संसाधन विकास मंत्रालय की एक संयुक्त पहल है। इस योजना की शुरुआत देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 22 जनवरी, 2015 को की गयी थी। केंद्र सरकार द्वारा इस योजना के माध्यम से बेटियों के प्रति समाज में होने वाले नकारात्मक बर्ताव के प्रति जागरूकता फैलाना व उनके भविष्य को अच्छा बनाने और उनके कल्याण के लिए तमाम योजनाओं को शुरू करना व क्रियान्वित करना है।

परिचय

  • बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना से पूरे जीवन-काल में शिशु लिंग अनुपात में कमी को रोकने में मदद मिलती है और महिलाओं के सशक्तीकरण से जुड़े मुद्दों का समाधान होता है।
  • यह योजना तीन मंत्रालयों द्वारा कार्यान्वित की जा रही है अर्थात महिला और बाल विकास मंत्रालय, स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्रालय तथा मानव संसाधन मंत्रालय।
  • इस योजना का उद्देश्य देश में महिलाओं की स्थिति में सुधार लाना है और इसके लिए बालिका लिंग अनुपात में गिरावट रोकना एवं महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देना है।
  • इकोनॉमिक सर्वे 2019 में बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना का नाम बदलने का प्रस्ताव दिया गया है। अगर इसे मंजूरी मिली तो लैंगिक समानता के लिए काम करने वाली इस योजना को अब BADLAV (बेटी आपा धन लक्ष्मी और विजय-लक्ष्मी) के नाम से जाना जाएगा।

रणनीति

  • गिरते बाल लिंग अनुपात में सुधार करने और जागरुकता फैलाने के लिए बहस का आयोजन करना।[1]
  • लड़कियों के जन्म और उनके बेहतर भविष्य के लिए समुदायों को प्रेरित करना, ताकि वह अपने खुद के विकास की दिशा में काम कर सकें।
  • योजना का प्रसार करने के लिए संचार अभियान की शुरुआत करना।
  • सामाजिक बदलाव और सुधार के लिए स्थानीय निकायों के साथ-साथ स्कूलों और सरकारी विभागों के कर्मचारियों को प्रशिक्षण देना।

योजना हेतु योग्यता

  • योजना का लाभ उठाने के लिए भारतीय नागरिकता होनी चाहिए।
  • बेटी का किसी भी बैंक में खुद का सुकन्या समृद्धि अकाउंट (एसएसए) होना चाहिए और उम्र 10 साल से कम हो।

आवेदन कैसे करें?

  • उस बैंक या पोस्ट ऑफिस में जाएं, जहां इस पर काम होता है।
  • पीपीबी/एसएसए का आवेदन फॉर्म भरें और इसमें जरूरी दस्तावेज अटैच कर दें।
  • दस्तावेजों को जमा कर अपनी बेटी के नाम से अकाउंट खुलवाएं।
  • महिला एवं बाल विकास मंत्रालय की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर भी आवेदन कर सकते हैं।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

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