ख़लील अहमद

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Revision as of 10:08, 22 February 2024 by रविन्द्र प्रसाद (talk | contribs) (''''ख़लील अहमद''' (अंग्रेज़ी: ''Khaleel Ahmed'') ज़िला मिर्ज़ापुर...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)
(diff) ← Older revision | Latest revision (diff) | Newer revision → (diff)
Jump to navigation Jump to search

ख़लील अहमद (अंग्रेज़ी: Khaleel Ahmed) ज़िला मिर्ज़ापुर, उत्तर प्रदेश के प्रसिद्ध हस्तशिल्पकार हैं। वह हाथ से बनी दरी की डिजाइन और बुनाई करते हैं। ख़लील अहमद का परिवार तीन पीढ़ियों से यह काम कर रहा है। भारत सरकार ने साल 2024 में उन्हें पद्म श्री से सम्मानित किया है। ख़लील अहमद को पहले शिल्पगुरु के पुरस्कार से भी नवाजा जा चुका है। उनकी बुनी हुई दरी जापान के प्रधानमंत्री को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 2018 में भेंट कर चुके हैं।

  • इमामबाड़ा क्षेत्र के रहने वाले ख़लील अहमद तीन पीढ़ियों से इस कला से न केवल जुड़े हैं बल्कि इसे समृद्ध बना रहे हैं।
  • उनको साल 2000 में तत्कालीन राष्ट्पति ए. पी. जे. अब्दुल कलाम ने नेशनल अवार्ड से नवाजा था।
  • साल 2007 में वस्त्र मंत्रालय के सबसे प्रतिष्ठित पुरस्कार 'शिल्पगुरु' से ख़लील अहमद पुरस्कृत किए गए।
  • ख़लील अहमद का पूरा परिवार दरी के कारोबार से जुड़ा है। उनके तीन पुत्र- रुस्तम शोहराब, इफि्तखार अहमद, जलील अहमद भी इसी कला से जुड़े हैं।
  • पद्म श्री सम्मान मिलने पर ख़लील अहमद ने खुशी जाहिर की थी। उन्होंने कहा कि "वर्षों की मेहनत और तपस्या का यह परिणाम है"। उन्होंने कहा कि "इस पुरस्कार से नई पीढ़ी को इस विधा से जुड़ने का संबल मिलेगा"।
  • उल्लेखनीय है कि मिर्जापुर की दरी को जीआई टैग मिला हुआ है।
  • ख़लील अहमद के हाथों से बनी दरी नए संसद भवन में भी लगाई गई हैं।


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

संबंधित लेख


वर्णमाला क्रमानुसार लेख खोज

                              अं                                                                                                       क्ष    त्र    ज्ञ             श्र   अः