अव्‌

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अव् (भ्वा.पर.) [अवति, अवित या ऊत]

1. रक्षा करना, बचाना,-यमवतामवतां च धुरि स्थितः[1], प्रत्यक्षाभिः प्रपन्नस्तनुभिरवतु वस्ता-भिरष्टाभिरीशः[2]

2. प्रसन्न करना, संतुष्ट करना, सुख देना-विक्रमस्ते न मामवति नाजिते त्वयि[3], न मामवति सद्वीपा रत्नसूरपि[4]

3. पसन्द करना, कामना करना, इच्छा करना

4. कृपा करना, उन्नत करना (धातुपाठ में इस धातु के और अनेक अर्थ दिये गये हैं, परन्तु श्रेण्य साहित्य में उनका प्रयोग विरल होता है)।[5]


  1. REDIRECTसाँचा:इन्हें भी देखें


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. रघु. 9/1
  2. श. 1/1
  3. रघु. 11/75
  4. मेदिनी-1/65
  5. संस्कृत-हिन्दी शब्दकोश |लेखक: वामन शिवराम आप्टे |प्रकाशक: कमल प्रकाशन, नई दिल्ली-110002 |पृष्ठ संख्या: 113 |

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