आकृष्टि:

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आकृष्टिः (स्त्रीलिंग) [आ+कृष्+क्तिन्]

1. आकर्षण
2. खिंचाव, गुरुत्वाकर्षण (गणित ज्योतिष);-आकृष्टि-शक्तिश्च मही तया यत्स्वस्थं गुरु स्वाभिमुखं स्वशक्त्या, आकृष्यते तत्पततीव भाति समे समन्तात् क्व पतत्वियं खे। [1]
3. धनुष का खींचना या झुकाना[2][3]


  1. REDIRECTसाँचा:इन्हें भी देखें


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. गोलाध.।
  2. , ज्या-अमरु.
  3. संस्कृत-हिन्दी शब्दकोश |लेखक: वामन शिवराम आप्टे |प्रकाशक: कमल प्रकाशन, नई दिल्ली-110002 |पृष्ठ संख्या: 148 |

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