Difference between revisions of "इतिहास सामान्य ज्ञान 66"
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− | ||[[कुषाण साम्राज्य]] के पतन के समय [[उत्तरी भारत]] में जो अव्यवस्था उत्पन्न हो गई थी, उससे लाभ उठाकर बहुत से प्रान्तीय सामन्त राजा स्वतंत्र हो गए थे। सम्भवतः इसी प्रकार का एक व्यक्ति [[श्रीगुप्त]] भी था। [[गुप्त राजवंश]] की स्थापना | + | ||[[कुषाण साम्राज्य]] के पतन के समय [[उत्तरी भारत]] में जो अव्यवस्था उत्पन्न हो गई थी, उससे लाभ उठाकर बहुत से प्रान्तीय सामन्त राजा स्वतंत्र हो गए थे। सम्भवतः इसी प्रकार का एक व्यक्ति [[श्रीगुप्त]] भी था। [[गुप्त राजवंश]] की स्थापना महाराज गुप्त ने लगभग 275 ई. में की थी। उसका वास्तविक नाम 'श्रीगुप्त' था। उसने [[मगध]] के कुछ पूर्व में चीनी यात्री [[इत्सिंग]] के अनुसार [[नालन्दा]] से प्रायः चालीस [[योजन]] पूर्व की तरफ़ अपने राज्य का विस्तार किया। अपनी शक्ति को स्थापित कर लेने के कारण उसने 'महाराज' की पदवी ग्रहण की।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[श्रीगुप्त]] |
{'दीवानी' एवं 'फ़ौजदारी' से सम्बन्धित [[ग्रन्थ]] की रचना सर्वप्रथम कब हुई थी? | {'दीवानी' एवं 'फ़ौजदारी' से सम्बन्धित [[ग्रन्थ]] की रचना सर्वप्रथम कब हुई थी? | ||
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-[[कुशीनगर]] | -[[कुशीनगर]] | ||
-[[अमरावती]] | -[[अमरावती]] | ||
− | ||'बोधगया' में [[बराबर पहाड़ी|बराबर की पहाडि़यों]] में सात गुफ़ाएँ हैं, जिनमें तीन को [[अशोक]] ने आजीविकों को दान कर दिया था। [[श्रीलंका]] के शासक मेघवर्मन ने [[समुद्रगुप्त]] की अनुमति से [[बोधगया]] में एक बौद्ध-विहार बनवाया था। बराबर | + | ||'बोधगया' में [[बराबर पहाड़ी|बराबर की पहाडि़यों]] में सात गुफ़ाएँ हैं, जिनमें तीन को [[अशोक]] ने [[आजीविक|आजीविकों]] को दान कर दिया था। [[श्रीलंका]] के शासक मेघवर्मन ने [[समुद्रगुप्त]] की अनुमति से [[बोधगया]] में एक बौद्ध-विहार बनवाया था। [[बराबर पहाड़ी]] से प्राप्त एक [[अभिलेख]] में [[मौखरि वंश|मौखरि]] शासक अनन्तवर्मन का वर्णन है। बोधगया के ताराडीह से [[पाल वंश|पाल]] कालीन [[अवशेष]] प्राप्त हुए हैं। [[गया]] के समीप ही [[सोनपुर]] से [[कुषाण|कुषाणों]] के अवशेष मिले हैं। गया की यात्रा चीनी यात्रियों [[फ़ाह्यान]] तथा [[ह्वेनसांग]] ने भी की थी।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[बोधगया]] |
{ऋग्वैदिक युगीन नदी '[[परुष्णी नदी|परुष्णी]]' का महत्त्व क्यों है? | {ऋग्वैदिक युगीन नदी '[[परुष्णी नदी|परुष्णी]]' का महत्त्व क्यों है? | ||
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-ब्रीहि | -ब्रीहि | ||
+[[कपास]] | +[[कपास]] | ||
− | ||[[चित्र:Cotton-2.jpg|right|100px|कपास का पौधा]]'कपास' [[भारत]] की आदि फ़सल है, जिसकी खेती बहुत बड़ी मात्रा में की जाती है। भारत में इसका [[इतिहास]] काफ़ी पुराना है। [[हड़प्पा]] निवासी [[कपास]] के उत्पादन में संसार भर में प्रथम माने जाते थे। कपास उनके प्रमुख उत्पादनों में से एक था। भारत से ही 327 ई.पू. के लगभग [[यूनान]] में इस पौधे का प्रचार हुआ। यह भी उल्लेखनीय है कि भारत से ही यह पौधा [[चीन]] और विश्व के अन्य देशों को ले जाया गया। विश्व में प्रतिवर्ष लगभग 150 लाख मीट्रिक टन कपास पैदा होता है। [[संयुक्त राज्य अमरीका]], चीन, भारत, | + | ||[[चित्र:Cotton-2.jpg|right|100px|कपास का पौधा]]'कपास' [[भारत]] की आदि फ़सल है, जिसकी खेती बहुत बड़ी मात्रा में की जाती है। भारत में इसका [[इतिहास]] काफ़ी पुराना है। [[हड़प्पा]] निवासी [[कपास]] के उत्पादन में संसार भर में प्रथम माने जाते थे। कपास उनके प्रमुख उत्पादनों में से एक था। भारत से ही 327 ई.पू. के लगभग [[यूनान]] में इस पौधे का प्रचार हुआ। यह भी उल्लेखनीय है कि भारत से ही यह पौधा [[चीन]] और विश्व के अन्य देशों को ले जाया गया। विश्व में प्रतिवर्ष लगभग 150 लाख मीट्रिक टन कपास पैदा होता है। [[संयुक्त राज्य अमरीका]], [[चीन]], [[भारत]], [[ब्राज़ील]], [[मिस्र]], सूडान आदि कपास के प्रमुख उत्पादक देश हैं।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[कपास]] |
{[[ऋग्वेद]] में 'जन' और 'विश' का उल्लेख क्रमश: कितनी बार हुआ है? | {[[ऋग्वेद]] में 'जन' और 'विश' का उल्लेख क्रमश: कितनी बार हुआ है? | ||
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-[[महावीर|महावीर स्वामी]] | -[[महावीर|महावीर स्वामी]] | ||
-[[कृष्ण|वासुदेव कृष्ण]] | -[[कृष्ण|वासुदेव कृष्ण]] | ||
− | ||[[चित्र:Buddha1.jpg|right|100px|बुद्ध प्रतिमा, राजकीय संग्रहालय, मथुरा]]'गौतम बुद्ध' का मूल नाम 'सिद्धार्थ' था। [[सिंहली]] अनुश्रुति, [[खारवेल]] के [[अभिलेख]], [[अशोक]] के सिंहासनारोहण की तिथि, कैण्टन के अभिलेख आदि के आधार पर [[बुद्ध]] की जन्म तिथि 563 | + | ||[[चित्र:Buddha1.jpg|right|100px|बुद्ध प्रतिमा, राजकीय संग्रहालय, मथुरा]]'गौतम बुद्ध' का मूल नाम 'सिद्धार्थ' था। [[सिंहली]] अनुश्रुति, [[खारवेल]] के [[अभिलेख]], [[अशोक]] के सिंहासनारोहण की तिथि, कैण्टन के अभिलेख आदि के आधार पर [[बुद्ध]] की जन्म तिथि 563 ईसा पूर्व स्वीकार की गयी है। इनका जन्म शाक्य वंश के राजा [[शुद्धोदन]] की रानी महामाया के गर्भ से [[माघ मास]] की [[पूर्णिमा]] के दिन हुआ था। शाक्य गणराज्य की राजधानी [[कपिलवस्तु]] के निकट [[लुम्बिनी]] में इनका जन्म हुआ। बुद्ध को 'शाक्य मुनि' भी कहा जाता है। इनकी [[माता]] मायादेवी इनके जन्म के कुछ देर बाद ही मर गई थीं। कहा जाता है कि तभी एक [[ऋषि]] ने कहा कि वे या तो एक महान राजा बनेंगे, या फिर एक महान [[साधु]]।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[गौतम बुद्ध]] |
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- REDIRECTsaancha:nila band itihas praangan, itihas kosh, aitihasik sthan kosh
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