Difference between revisions of "खनिज तेल"

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#पेट्रोलियम के [[आसवन]] से प्राप्त उत्पाद
 
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==प्राप्ति स्थान==
 
==प्राप्ति स्थान==
[[भारत]] में स्वतंत्रता प्राप्ति के समय तक मात्र [[असम]] में ही खनिज तेल निकाला जाता था, लेकिन उसके बाद [[गुजरात]] तथा बाम्बे हाई में खनिज तेल का [[उत्खनन]] प्रारम्भ किया गया। तेल एवं प्राकृतिक गैस आयोग द्वारा देश के स्थलीय एवं सागरीय भागो में 26 ऐसे बेसिनों का पता लगाया गया है, जहाँ से तेल-प्राप्ति की पर्याप्त संभावनाएं है। भारत में सम्भावित तेल क्षेत्र 14.1 लाख वर्ग किमी. पर विस्तृत हैं, जिसका 85 प्रतिशत भाग स्थल पर है एवं 15 प्रतिशत भाग अपतटीय क्षेत्र में। भारत का खनिज तेल का ज्ञात भण्डार एवं उत्पादन दोनो ही कम है, अतः अपनी आवश्यकता पूर्ति के लिए विदेशों से तेल का आयात किया जाता है। अंतर्राष्ट्रीय भू-गर्मिक सर्वेक्षण के अनुसार भारत में खनिज तेल का भंडार 620 करोड़ टन है। तेल एवं प्राकृतिक गैस आयोग ने भारत का कुल खनिज तेल भंडार 1750 लाख टन बताया है। भारत के तीन प्रमुख क्षेत्र ऐसे हैं- जहाँ से खनिज तेल प्राप्त किया जा रहा है। इनमें सबसे महत्तवपूर्ण तेल क्षेत्र उत्तरी-पूर्वी राज्यों असम तथा मेघालय में फैला है, जबकि दूसरा महत्तवपूर्ण क्षेत्र है- गुजरात में [[खम्भात की खाड़ी]] का समीपवर्ती क्षेत्र। मुम्बई तट से लगभग 176 किमी दूर [[अरब सागर]] में स्थित बाम्बे हाई नामक स्थान भी तेल उत्खनन की दृष्टि से महत्त्वपूर्ण हो गया है। यहाँ पर 1250 लाख टन तेल भंडार अनुमानित किये गये है। वर्ष 2007-08 के दौरान कुल 341 लाख टन कच्चे पेट्रोलियम का उत्पादन हुआ।   
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[[भारत]] में स्वतंत्रता प्राप्ति के समय तक मात्र [[असम]] में ही खनिज तेल निकाला जाता था, लेकिन उसके बाद [[गुजरात]] तथा बाम्बे हाई में खनिज तेल का [[उत्खनन]] प्रारम्भ किया गया। तेल एवं प्राकृतिक गैस आयोग द्वारा देश के स्थलीय एवं सागरीय भागो में 26 ऐसे बेसिनों का पता लगाया गया है, जहाँ से तेल-प्राप्ति की पर्याप्त संभावनाएं है। भारत में सम्भावित तेल क्षेत्र 14.1 लाख वर्ग किमी. पर विस्तृत हैं, जिसका 85 प्रतिशत भाग स्थल पर है एवं 15 प्रतिशत भाग अपतटीय क्षेत्र में। भारत का खनिज तेल का ज्ञात भण्डार एवं उत्पादन दोनो ही कम है, अतः अपनी आवश्यकता पूर्ति के लिए विदेशों से तेल का आयात किया जाता है। अंतर्राष्ट्रीय भू-गर्मिक सर्वेक्षण के अनुसार भारत में खनिज तेल का भंडार 620 करोड़ टन है। तेल एवं प्राकृतिक गैस आयोग ने भारत का कुल खनिज तेल भंडार 1750 लाख टन बताया है। भारत के तीन प्रमुख क्षेत्र ऐसे हैं- जहाँ से खनिज तेल प्राप्त किया जा रहा है। इनमें सबसे महत्त्वपूर्ण तेल क्षेत्र उत्तरी-पूर्वी राज्यों असम तथा मेघालय में फैला है, जबकि दूसरा महत्त्वपूर्ण क्षेत्र है- गुजरात में [[खम्भात की खाड़ी]] का समीपवर्ती क्षेत्र। मुम्बई तट से लगभग 176 किमी दूर [[अरब सागर]] में स्थित बाम्बे हाई नामक स्थान भी तेल उत्खनन की दृष्टि से महत्त्वपूर्ण हो गया है। यहाँ पर 1250 लाख टन तेल भंडार अनुमानित किये गये है। वर्ष 2007-08 के दौरान कुल 341 लाख टन कच्चे पेट्रोलियम का उत्पादन हुआ।   
 
 
 
====असम घाटी तेल क्षेत्र====
 
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असम घाटी तेल क्षेत्र भारत का सबसे महत्त्वपूर्ण एवं प्राचीन तेल क्षेत्र है। यहाँ सबसे पहले 1837 में सेना के एक अधिकारी द्वारा तेल की खोज की गयी। यहाँ के प्रमुख तेल क्षेत्रों में डिगबोई, नहरकाटिया, हगरीजन-मोरान, सुरमा नदी घाटी का नाम लिया जाता हनौ। डिगबोई तेल क्षेत्र नागा पहाड़ी क्षेत्र में स्थित [[लखीमपुर ज़िला|लखीमपुर ज़िले]] की टीपम पहाड़ियों के उत्तर-पूर्वी भाग में स्थित है। यहाँ लगभग 800 तेल कूप खोदे गये हैं, जिनमें बप्पापांग, डिगबोई, पानीटोला, हस्सापांग आदि काफ़ी महत्तवपूर्ण हैं। डिगबोई से 40 किमी दक्षिण पश्चिम में स्थित नहरकटिया भी एक प्रमुख क्षेत्र है जहाँ दिहिंग नदी के किनारे तेलकूपों का निर्माण करके तेल निकाला जाता है। हगरीजन-मोरान क्षेत्र नहरकटिया से लगभग 40 किमी दक्षिण पश्चिम में स्थित है जहाँ प्राकृतिक गैस भी पायी जाती है। [[सुरमा नदी]] की घाटी में बदरपुर तथा पथरिया में तेल निकाला जाता है। इसके समीप ही मसीमपुर तेल क्षेत्र स्थित है। असम में कुल 500 लाख टन तेल भंडार होने का अनुमान है।
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असम घाटी तेल क्षेत्र भारत का सबसे महत्त्वपूर्ण एवं प्राचीन तेल क्षेत्र है। यहाँ सबसे पहले 1837 में सेना के एक अधिकारी द्वारा तेल की खोज की गयी। यहाँ के प्रमुख तेल क्षेत्रों में डिगबोई, नहरकाटिया, हगरीजन-मोरान, सुरमा नदी घाटी का नाम लिया जाता हनौ। डिगबोई तेल क्षेत्र नागा पहाड़ी क्षेत्र में स्थित [[लखीमपुर ज़िला|लखीमपुर ज़िले]] की टीपम पहाड़ियों के उत्तर-पूर्वी भाग में स्थित है। यहाँ लगभग 800 तेल कूप खोदे गये हैं, जिनमें बप्पापांग, डिगबोई, पानीटोला, हस्सापांग आदि काफ़ी महत्त्वपूर्ण हैं। डिगबोई से 40 किमी दक्षिण पश्चिम में स्थित नहरकटिया भी एक प्रमुख क्षेत्र है जहाँ दिहिंग नदी के किनारे तेलकूपों का निर्माण करके तेल निकाला जाता है। हगरीजन-मोरान क्षेत्र नहरकटिया से लगभग 40 किमी दक्षिण पश्चिम में स्थित है जहाँ प्राकृतिक गैस भी पायी जाती है। [[सुरमा नदी]] की घाटी में बदरपुर तथा पथरिया में तेल निकाला जाता है। इसके समीप ही मसीमपुर तेल क्षेत्र स्थित है। असम में कुल 500 लाख टन तेल भंडार होने का अनुमान है।
 
====गुजरात तेल क्षेत्र====
 
====गुजरात तेल क्षेत्र====
गुजरात राज्य में खम्भात तथा अंकलेश्वर महत्तवपूर्ण क्षेत्र है जबकि नवगाँव, कोसम्बा, सनन्द नदी घाटी , कदी, ओल्पाद, कठाना, ढ़ोलका, मेंहसाना, कल्लोल आदि स्थानों पर भी तेल क्षेत्र का विस्तार है। खम्भात तेल क्षेत्र में पहली बार [[1958]] में तेल का [[उत्खनन]] किया गया था। [[सौराष्ट्र]] में [[भावनगर]] से 45 किमी दूर एलियाबेट द्वीप में भी तेल का पता लगाया जा चुका है।
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गुजरात राज्य में खम्भात तथा अंकलेश्वर महत्त्वपूर्ण क्षेत्र है जबकि नवगाँव, कोसम्बा, सनन्द नदी घाटी , कदी, ओल्पाद, कठाना, ढ़ोलका, मेंहसाना, कल्लोल आदि स्थानों पर भी तेल क्षेत्र का विस्तार है। खम्भात तेल क्षेत्र में पहली बार [[1958]] में तेल का [[उत्खनन]] किया गया था। [[सौराष्ट्र]] में [[भावनगर]] से 45 किमी दूर एलियाबेट द्वीप में भी तेल का पता लगाया जा चुका है।
 
;महाराष्ट्र  तेल क्षेत्र
 
;महाराष्ट्र  तेल क्षेत्र
 
[[महाराष्ट्र]] के सागरीय तट से दूर लगभग 2,000 वर्ग किमी क्षेत्र में फैला बाम्बे हाई क्षेत्र भी एक महत्त्वपूर्ण तेल क्षेत्र है, जहाँ से [[1976]] से ही तेल की प्राप्ति हो रही है। वर्तमान में गोदावरी नदी घाटी क्षेत्र से भी खनिज तेल का उत्खनन किया जा रहा है। तेल एवं प्राकृतिक गैस आयोग के अनुसार गुजरात में 500 लाख टन तेल भंडार है।
 
[[महाराष्ट्र]] के सागरीय तट से दूर लगभग 2,000 वर्ग किमी क्षेत्र में फैला बाम्बे हाई क्षेत्र भी एक महत्त्वपूर्ण तेल क्षेत्र है, जहाँ से [[1976]] से ही तेल की प्राप्ति हो रही है। वर्तमान में गोदावरी नदी घाटी क्षेत्र से भी खनिज तेल का उत्खनन किया जा रहा है। तेल एवं प्राकृतिक गैस आयोग के अनुसार गुजरात में 500 लाख टन तेल भंडार है।
 
 
====अन्य सम्भावित क्षेत्र====
 
====अन्य सम्भावित क्षेत्र====
 
[[पश्चिम बंगाल]] का [[सुन्दरवन]] क्षेत्र, [[बिहार]] में किसनगंज एवं रक्सौल क्षेत्र, [[राजस्थान]] में [[जैसलमेर]], [[बीकानेर]] तथा [[बाड़मेर ज़िला|बाड़मेर]] ज़िले, कावेरी नदी घाटी एवं पाक की खाड़ी क्षेत्र, [[अण्डमान निकोबार द्वीप समूह]] का अपतटीय क्षेत्र आदि। भारत में नये तेल क्षेत्रो का पता लगाने तथा उसके भण्डारो के सर्वेक्षण के लिए [[1956]] में तेल एवं प्राकृतिक गैस आयोग की स्थापना की गयी थी, जबकि [[1959]] में असम एवं [[अरुणाचल प्रदेश]] के तेल क्षेत्रों एवं भण्डारों का पता लगाने तथा उनके विकास हेतु आयल इण्डिया लि. का गठन किया गया। भारत में सबसे पहली खनिज तेल की शोधनशाला [[1901]] में डिग्बोई में स्थापित की गई, जो स्वतन्त्रता प्राप्ति तक भारत की कुल मांग का मात्र 5 प्रतिशत तेल ही शोधित करती थी। वर्तमान समय में इनकी कुल संख्या 14 है।  
 
[[पश्चिम बंगाल]] का [[सुन्दरवन]] क्षेत्र, [[बिहार]] में किसनगंज एवं रक्सौल क्षेत्र, [[राजस्थान]] में [[जैसलमेर]], [[बीकानेर]] तथा [[बाड़मेर ज़िला|बाड़मेर]] ज़िले, कावेरी नदी घाटी एवं पाक की खाड़ी क्षेत्र, [[अण्डमान निकोबार द्वीप समूह]] का अपतटीय क्षेत्र आदि। भारत में नये तेल क्षेत्रो का पता लगाने तथा उसके भण्डारो के सर्वेक्षण के लिए [[1956]] में तेल एवं प्राकृतिक गैस आयोग की स्थापना की गयी थी, जबकि [[1959]] में असम एवं [[अरुणाचल प्रदेश]] के तेल क्षेत्रों एवं भण्डारों का पता लगाने तथा उनके विकास हेतु आयल इण्डिया लि. का गठन किया गया। भारत में सबसे पहली खनिज तेल की शोधनशाला [[1901]] में डिग्बोई में स्थापित की गई, जो स्वतन्त्रता प्राप्ति तक भारत की कुल मांग का मात्र 5 प्रतिशत तेल ही शोधित करती थी। वर्तमान समय में इनकी कुल संख्या 14 है।  
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==बाहरी कड़ियाँ==
 
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==संबंधित लेख==
 
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{{खान और खनिज}}
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Revision as of 07:34, 17 October 2017

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khanij tel ke do alag-alag arth hai :

  1. 'krood ayal' ya prakritik roop se milane vala petroliyam
  2. petroliyam ke asavan se prapt utpad

prapti sthan

bharat mean svatantrata prapti ke samay tak matr asam mean hi khanij tel nikala jata tha, lekin usake bad gujarat tatha bambe haee mean khanij tel ka utkhanan prarambh kiya gaya. tel evan prakritik gais ayog dvara desh ke sthaliy evan sagariy bhago mean 26 aise besinoan ka pata lagaya gaya hai, jahaan se tel-prapti ki paryapt sanbhavanaean hai. bharat mean sambhavit tel kshetr 14.1 lakh varg kimi. par vistrit haian, jisaka 85 pratishat bhag sthal par hai evan 15 pratishat bhag apatatiy kshetr mean. bharat ka khanij tel ka jnat bhandar evan utpadan dono hi kam hai, atah apani avashyakata poorti ke lie videshoan se tel ka ayat kiya jata hai. aantarrashtriy bhoo-garmik sarvekshan ke anusar bharat mean khanij tel ka bhandar 620 karo d tan hai. tel evan prakritik gais ayog ne bharat ka kul khanij tel bhandar 1750 lakh tan bataya hai. bharat ke tin pramukh kshetr aise haian- jahaan se khanij tel prapt kiya ja raha hai. inamean sabase mahattvapoorn tel kshetr uttari-poorvi rajyoan asam tatha meghalay mean phaila hai, jabaki doosara mahattvapoorn kshetr hai- gujarat mean khambhat ki kha di ka samipavarti kshetr. mumbee tat se lagabhag 176 kimi door arab sagar mean sthit bambe haee namak sthan bhi tel utkhanan ki drishti se mahattvapoorn ho gaya hai. yahaan par 1250 lakh tan tel bhandar anumanit kiye gaye hai. varsh 2007-08 ke dauran kul 341 lakh tan kachche petroliyam ka utpadan hua.

asam ghati tel kshetr

tel shodhanashalaean
shodhanashala sthapana varsh shodhan kshamata (lakh tan)
digboee (asam) 1901 5.0
mumbee (ech.pi.si.el.) 1954 55
mumbee (bi.pi.si.el.) 1955 60
vishakhapatanam 1957 45
guvahati (asam) 1962 8.5
barauni (bihar) 1964 33.0
koyali (gujarat) 1965 95
kochin 1966 45
chennee 1969 56
haldiya (pashchim bangal) 1975 27.5
bogaeegaanv (asam) 1979 13.5
mathura (uttar pradesh) 1982 75
karanal (hariyana) 1987 30
jamanagar (gujarat) 1999 54

asam ghati tel kshetr bharat ka sabase mahattvapoorn evan prachin tel kshetr hai. yahaan sabase pahale 1837 mean sena ke ek adhikari dvara tel ki khoj ki gayi. yahaan ke pramukh tel kshetroan mean digaboee, naharakatiya, hagarijan-moran, surama nadi ghati ka nam liya jata hanau. digaboee tel kshetr naga paha di kshetr mean sthit lakhimapur zile ki tipam paha diyoan ke uttar-poorvi bhag mean sthit hai. yahaan lagabhag 800 tel koop khode gaye haian, jinamean bappapaang, digaboee, panitola, hassapaang adi kafi mahattvapoorn haian. digaboee se 40 kimi dakshin pashchim mean sthit naharakatiya bhi ek pramukh kshetr hai jahaan dihiang nadi ke kinare telakoopoan ka nirman karake tel nikala jata hai. hagarijan-moran kshetr naharakatiya se lagabhag 40 kimi dakshin pashchim mean sthit hai jahaan prakritik gais bhi payi jati hai. surama nadi ki ghati mean badarapur tatha pathariya mean tel nikala jata hai. isake samip hi masimapur tel kshetr sthit hai. asam mean kul 500 lakh tan tel bhandar hone ka anuman hai.

gujarat tel kshetr

gujarat rajy mean khambhat tatha aankaleshvar mahattvapoorn kshetr hai jabaki navagaanv, kosamba, sanand nadi ghati , kadi, olpad, kathana, dholaka, meanhasana, kallol adi sthanoan par bhi tel kshetr ka vistar hai. khambhat tel kshetr mean pahali bar 1958 mean tel ka utkhanan kiya gaya tha. saurashtr mean bhavanagar se 45 kimi door eliyabet dvip mean bhi tel ka pata lagaya ja chuka hai.

maharashtr tel kshetr

maharashtr ke sagariy tat se door lagabhag 2,000 varg kimi kshetr mean phaila bambe haee kshetr bhi ek mahattvapoorn tel kshetr hai, jahaan se 1976 se hi tel ki prapti ho rahi hai. vartaman mean godavari nadi ghati kshetr se bhi khanij tel ka utkhanan kiya ja raha hai. tel evan prakritik gais ayog ke anusar gujarat mean 500 lakh tan tel bhandar hai.

any sambhavit kshetr

pashchim bangal ka sundaravan kshetr, bihar mean kisanaganj evan raksaul kshetr, rajasthan mean jaisalamer, bikaner tatha ba damer zile, kaveri nadi ghati evan pak ki kha di kshetr, andaman nikobar dvip samooh ka apatatiy kshetr adi. bharat mean naye tel kshetro ka pata lagane tatha usake bhandaro ke sarvekshan ke lie 1956 mean tel evan prakritik gais ayog ki sthapana ki gayi thi, jabaki 1959 mean asam evan arunachal pradesh ke tel kshetroan evan bhandaroan ka pata lagane tatha unake vikas hetu ayal indiya li. ka gathan kiya gaya. bharat mean sabase pahali khanij tel ki shodhanashala 1901 mean digboee mean sthapit ki gee, jo svatantrata prapti tak bharat ki kul maang ka matr 5 pratishat tel hi shodhit karati thi. vartaman samay mean inaki kul sankhya 14 hai.


panne ki pragati avastha
adhar
prarambhik
madhyamik
poornata
shodh

tika tippani aur sandarbh

bahari k diyaan

sanbandhit lekh