Difference between revisions of "चारमीनार"

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'''चारमीनार'''<br />
 
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भारतीय राज्य आंध्र प्रदेश की राजधानी हैदराबाद का सबसे प्रसिद्ध और महत्वपूर्ण स्मारक है। चार मीनार को यहां के शासक मुहम्मद कुली कुतुबशाह ने बनवाया था। [[हैदराबाद]] शहर प्राचीन और आधुनिक समय का अनोखा मिश्रण है जो देखने वालों को 400 वर्ष पुराने भवनों की भव्‍यता के साथ आपस में सटी आधुनिक इमारतों का दर्शन कराता है।
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भारतीय राज्य [[आंध्र प्रदेश]] की राजधानी [[हैदराबाद]] का सबसे प्रसिद्ध और महत्वपूर्ण स्मारक है। चार मीनार को यहां के शासक मुहम्मद कुली कुतुबशाह ने बनवाया था। हैदराबाद शहर प्राचीन और आधुनिक समय का अनोखा मिश्रण है जो देखने वालों को 400 वर्ष पुराने भवनों की भव्‍यता के साथ आपस में सटी आधुनिक इमारतों का दर्शन भी कराता है।
 
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==वास्तुकला==
यह कुतुब शाही वास्‍तुकला के कुछ उत्‍कृष्‍ट उदाहरणों को प्रदर्शित करता है - जामी मस्जिद, मक्‍का मस्जिद, तौली मस्जिद और बेशक हैदराबाद का प्रभावशाली चिन्‍ह, चार मीनार।
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यह कुतुब शाही वास्‍तुकला के कुछ उत्‍कृष्‍ट उदाहरणों को प्रदर्शित करता है -  
 
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#जामी मस्जिद,  
चार मीनार 1591 में शहर के अंदर प्‍लेग की समाप्ति की खुशी में मोहम्‍मद कुली कुतुब शाह द्वारा बनवाई गई बृहत वास्‍तुकला का एक नमूना है। शहर की पहचान मानी जाने वाली चार मीनार चार मीनारों से मिलकर बनी एक चौकोर प्रभावशाली इमारत है। इसके मेहराब में हर शाम रोशनी की जाती है जो एक अविस्‍मरणीय दृश्‍य बन जाता है।
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#मक्‍का मस्जिद,  
 
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#तौली मस्जिद और  
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#बेशक हैदराबाद का प्रभावशाली चिन्‍ह, चार मीनार।
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==निर्माण समय==
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चारमीनार 1591 में शहर के अंदर प्‍लेग की समाप्ति की खुशी में मोहम्‍मद कुली कुतुब शाह द्वारा बनवाई गई बृहत वास्‍तुकला का एक नमूना है। शहर की पहचान मानी जाने वाली चारमीनार चार मीनारों से मिलकर बनी एक चौकोर प्रभावशाली इमारत है। इसके मेहराब में हर शाम रोशनी की जाती है जो एक अविस्‍मरणीय दृश्‍य बन जाता है।
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==वास्तु==
 
यह स्‍मारक ग्रेनाइट के मनमोहक चौकोर खम्‍भों से बना है, जो उत्तर, दक्षिण, पूर्व और पश्चिम दिशाओं में स्थित चार विशाल आर्च पर निर्मित किया गया है। यह आर्च कमरों के दो तलों और आर्चवे की गेलरी को सहारा देते हैं। चौकोर संरचना के प्रत्‍येक कोने पर एक छोटी मीनार है जो 24 मी. ऊंचाई की है, इस प्रकार यह भवन लगभग 54 मीटर ऊंचा बन जाता है। ये चार मीनारें हैं, जिनके कारण भवन को यह नाम दिया गया है। प्रत्‍येक मीनार कमल की पत्तियों के आधार की संरचना पर खड़ी है, जो कुतुब शाही भवनों में उपयोग किया जाने वाला तत्‍कालीन विशेष मोटिफ है।
 
यह स्‍मारक ग्रेनाइट के मनमोहक चौकोर खम्‍भों से बना है, जो उत्तर, दक्षिण, पूर्व और पश्चिम दिशाओं में स्थित चार विशाल आर्च पर निर्मित किया गया है। यह आर्च कमरों के दो तलों और आर्चवे की गेलरी को सहारा देते हैं। चौकोर संरचना के प्रत्‍येक कोने पर एक छोटी मीनार है जो 24 मी. ऊंचाई की है, इस प्रकार यह भवन लगभग 54 मीटर ऊंचा बन जाता है। ये चार मीनारें हैं, जिनके कारण भवन को यह नाम दिया गया है। प्रत्‍येक मीनार कमल की पत्तियों के आधार की संरचना पर खड़ी है, जो कुतुब शाही भवनों में उपयोग किया जाने वाला तत्‍कालीन विशेष मोटिफ है।
 
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==विहंगम दृश्य==
 
पहले तल को कुतुब शाही अवधि के दौरान मदरसे के रूप में उपयोग किया जाता था। दूसरे तल पर पश्चिमी दिशा में एक मस्जिद है, जिसका गुम्‍बद सड़क से ही दिखाई देता है, यदि कुछ दूरी पर खड़े होकर देखा जाए। चार मीनार की छत पर जाकर शहर का एक विहंगम दृश्‍य दिखाई देता है, जबकि मीनारों के अंदर अत्‍यधिक भीड़ के कारण कुछ विशेष अतिथियों को भारतीय पुरातत्‍व सर्वेक्षण, हैदराबाद वृत की अनुमति से यहां जाने दिया जाता है और वे मीनारों के सबसे ऊपरी सिरे पर जाकर हैदराबाद का दृश्‍य देख सकते हैं। वर्ष 1889 पर उपरोक्‍त चारों आर्चवे पर घडियां लगाई गई थीं।
 
पहले तल को कुतुब शाही अवधि के दौरान मदरसे के रूप में उपयोग किया जाता था। दूसरे तल पर पश्चिमी दिशा में एक मस्जिद है, जिसका गुम्‍बद सड़क से ही दिखाई देता है, यदि कुछ दूरी पर खड़े होकर देखा जाए। चार मीनार की छत पर जाकर शहर का एक विहंगम दृश्‍य दिखाई देता है, जबकि मीनारों के अंदर अत्‍यधिक भीड़ के कारण कुछ विशेष अतिथियों को भारतीय पुरातत्‍व सर्वेक्षण, हैदराबाद वृत की अनुमति से यहां जाने दिया जाता है और वे मीनारों के सबसे ऊपरी सिरे पर जाकर हैदराबाद का दृश्‍य देख सकते हैं। वर्ष 1889 पर उपरोक्‍त चारों आर्चवे पर घडियां लगाई गई थीं।
  
 
चार मीनार के क्षेत्र में टहलते हुए आप इतिहास के अवशेषों को वर्तमान से मिलता हुआ देखकर निरंतर आश्‍चर्य कर सकते हैं। चार मीनार के दक्षिण पूर्व की ओर निज़ामिया यूनानी अस्‍पताल की इमारत स्थित है। पश्चिम में लगभग 50 मीटर की दूरी पर लाड बाजार की दुकानों के बीच एक पुरानी ढहती भूरी दीवार है जो पुराने निज़ाम के जिलाऊ खाना या परेड के मैदान का प्रवेश दर्शाती है। अब इन मैदानों का उपयोग बड़े वाणिज्यिक संकुल के विकास में किया जा रहा है। पुन: बांईं ओर एक सड़क खिलावत कॉम्प्‍लेक्‍स (चौ महाल्‍ला पैलेस) की ओर जाती है। लाड बाजार की सड़क महबूब चौक पर समाप्‍त होती है जहां 19वीं शताब्‍दी के दौरान बनाई गई कोमल सफेद मस्जिद पर उसी अवधि के क्‍लॉक टावर लूम स्थित हैं।
 
चार मीनार के क्षेत्र में टहलते हुए आप इतिहास के अवशेषों को वर्तमान से मिलता हुआ देखकर निरंतर आश्‍चर्य कर सकते हैं। चार मीनार के दक्षिण पूर्व की ओर निज़ामिया यूनानी अस्‍पताल की इमारत स्थित है। पश्चिम में लगभग 50 मीटर की दूरी पर लाड बाजार की दुकानों के बीच एक पुरानी ढहती भूरी दीवार है जो पुराने निज़ाम के जिलाऊ खाना या परेड के मैदान का प्रवेश दर्शाती है। अब इन मैदानों का उपयोग बड़े वाणिज्यिक संकुल के विकास में किया जा रहा है। पुन: बांईं ओर एक सड़क खिलावत कॉम्प्‍लेक्‍स (चौ महाल्‍ला पैलेस) की ओर जाती है। लाड बाजार की सड़क महबूब चौक पर समाप्‍त होती है जहां 19वीं शताब्‍दी के दौरान बनाई गई कोमल सफेद मस्जिद पर उसी अवधि के क्‍लॉक टावर लूम स्थित हैं।
 
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==कैसे पहुँचें==
चार मीनार हैदराबाद रेलवे स्‍टेशन से लगभग 7 किलो मीटर की दूरी पर है। यह हैदराबाद बस स्‍टेशन से 5 किलो मीटर की दूरी पर है। दोनों शहरों के सभी हिस्‍सों से उत्‍कृष्‍ट निजी परिवहन सुविधा उपलब्‍ध है। ''आर्क डी ट्राइम्‍फ ऑफ द इस्‍ट'' नामक चार मीनार हैदराबाद की पहचान है। शहर जितनी पुरानी ये चार मीनारें इस भवन के साथ पुराने शहर के मध्‍य में हैं और ये कुतुब शाही युग का हॉल मार्क हैं।
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*चार मीनार हैदराबाद रेलवे स्‍टेशन से लगभग 7 किलो मीटर की दूरी पर है।  
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*यह हैदराबाद बस स्‍टेशन से 5 किलो मीटर की दूरी पर है।  
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*दोनों शहरों के सभी हिस्‍सों से उत्‍कृष्‍ट निजी परिवहन सुविधा उपलब्‍ध है।  
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*''आर्क डी ट्राइम्‍फ ऑफ द इस्‍ट'' नामक चार मीनार हैदराबाद की पहचान है।  
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*शहर जितनी पुरानी ये चार मीनारें इस भवन के साथ पुराने शहर के मध्‍य में हैं और ये कुतुब शाही युग का हॉल मार्क हैं।
  
  
  
[[Category:आंध्र_प्रदेश_के_ऐतिहासिक_स्थान]][[Category:आंध्र_प्रदेश_के_पर्यटन_स्थल]]__INDEX__
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[[Category:आंध्र_प्रदेश_के_ऐतिहासिक_स्थान]]
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Revision as of 10:01, 25 May 2010

charaminar

bharatiy rajy aandhr pradesh ki rajadhani haidarabad ka sabase prasiddh aur mahatvapoorn smarak hai. char minar ko yahaan ke shasak muhammad kuli kutubashah ne banavaya tha. haidarabad shahar prachin aur adhunik samay ka anokha mishran hai jo dekhane valoan ko 400 varsh purane bhavanoan ki bhavh‍yata ke sath apas mean sati adhunik imaratoan ka darshan bhi karata hai.

vastukala

yah kutub shahi vash‍tukala ke kuchh uth‍krishh‍t udaharanoan ko pradarshit karata hai -

  1. jami masjid,
  2. makh‍ka masjid,
  3. tauli masjid aur
  4. beshak haidarabad ka prabhavashali chinh‍h, char minar.

nirman samay

charaminar 1591 mean shahar ke aandar ph‍leg ki samapti ki khushi mean mohamh‍mad kuli kutub shah dvara banavaee gee brihat vash‍tukala ka ek namoona hai. shahar ki pahachan mani jane vali charaminar char minaroan se milakar bani ek chaukor prabhavashali imarat hai. isake meharab mean har sham roshani ki jati hai jo ek avish‍maraniy drishh‍y ban jata hai.

vastu

yah sh‍marak grenait ke manamohak chaukor khamh‍bhoan se bana hai, jo uttar, dakshin, poorv aur pashchim dishaoan mean sthit char vishal arch par nirmit kiya gaya hai. yah arch kamaroan ke do taloan aur archave ki gelari ko sahara dete haian. chaukor sanrachana ke prath‍yek kone par ek chhoti minar hai jo 24 mi. ooanchaee ki hai, is prakar yah bhavan lagabhag 54 mitar ooancha ban jata hai. ye char minarean haian, jinake karan bhavan ko yah nam diya gaya hai. prath‍yek minar kamal ki pattiyoan ke adhar ki sanrachana par kh di hai, jo kutub shahi bhavanoan mean upayog kiya jane vala tath‍kalin vishesh motiph hai.

vihangam drishy

pahale tal ko kutub shahi avadhi ke dauran madarase ke roop mean upayog kiya jata tha. doosare tal par pashchimi disha mean ek masjid hai, jisaka gumh‍bad s dak se hi dikhaee deta hai, yadi kuchh doori par kh de hokar dekha jae. char minar ki chhat par jakar shahar ka ek vihangam drishh‍y dikhaee deta hai, jabaki minaroan ke aandar ath‍yadhik bhi d ke karan kuchh vishesh atithiyoan ko bharatiy puratath‍v sarvekshan, haidarabad vrit ki anumati se yahaan jane diya jata hai aur ve minaroan ke sabase oopari sire par jakar haidarabad ka drishh‍y dekh sakate haian. varsh 1889 par uparokh‍t charoan archave par ghadiyaan lagaee gee thian.

char minar ke kshetr mean tahalate hue ap itihas ke avasheshoan ko vartaman se milata hua dekhakar nirantar ashh‍chary kar sakate haian. char minar ke dakshin poorv ki or nizamiya yoonani ash‍patal ki imarat sthit hai. pashchim mean lagabhag 50 mitar ki doori par lad bajar ki dukanoan ke bich ek purani dhahati bhoori divar hai jo purane nizam ke jilaoo khana ya pared ke maidan ka pravesh darshati hai. ab in maidanoan ka upayog b de vanijyik sankul ke vikas mean kiya ja raha hai. pun: baaneean or ek s dak khilavat k aaumph‍lekh‍s (chau mahalh‍la pailes) ki or jati hai. lad bajar ki s dak mahaboob chauk par samaph‍t hoti hai jahaan 19vian shatabh‍di ke dauran banaee gee komal saphed masjid par usi avadhi ke kh‍l aauk tavar loom sthit haian.

kaise pahuanchean

  • char minar haidarabad relave sh‍teshan se lagabhag 7 kilo mitar ki doori par hai.
  • yah haidarabad bas sh‍teshan se 5 kilo mitar ki doori par hai.
  • donoan shaharoan ke sabhi hish‍soan se uth‍krishh‍t niji parivahan suvidha upalabh‍dh hai.
  • ark di traimh‍ph aauph d ish‍t namak char minar haidarabad ki pahachan hai.
  • shahar jitani purani ye char minarean is bhavan ke sath purane shahar ke madhh‍y mean haian aur ye kutub shahi yug ka h aaul mark haian.