Difference between revisions of "प्रयोग:कविता1"
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− | '''देवराज अर्स''' ([[अंग्रेज़ी]]: ''D. Devaraj Urs'', जन्म: [[20 अगस्त]], [[1915]], [[मैसूर]]; मृत्यु: [[6 जून]], [[1982]]) [[कर्नाटक]] के भूतपूर्व 8वें | + | '''डी. देवराज अर्स''' ([[अंग्रेज़ी]]: ''D. Devaraj Urs'', जन्म: [[20 अगस्त]], [[1915]], [[मैसूर]]; मृत्यु: [[6 जून]], [[1982]]) [[कर्नाटक]] के भूतपूर्व 8वें मुख्यमंत्री थे। उन्होंने [[1952]] में राजनीति में प्रवेश किया और 10 साल तक विधायक रहें। उन्हें उनके आठ वर्षों तक के कार्यकाल के दौरान राज्य में मूक सामाजिक क्रांति चलाने और भूमि सुधारों को लागू करने का श्रेय दिया जाता है। |
==परिचय== | ==परिचय== | ||
− | देवराज अर्स का जन्म 20 अगस्त, 1915 को मैसूर ज़िले में हुआ था। उन्होंने मैसूर विश्वविद्यालय से बी.एस.सी करने के बाद खेती करना आरम्भ किया। उनके [[परिवार]] का मैसूर के राजवंश से सबंध था। उनकी माँ देविरा अम्मानी धार्मिक और पारंपरिक महिला थीं। उनका एक भाई भी था। देवराज अर्स का विवाह चिक्का अम्मानी से हुआ था, जो कि उस समय 11 वर्ष की थीं। देवराज को कृषि के साथ-साथ राजनीति में भी विशेष रुचि थी। | + | देवराज अर्स का जन्म 20 अगस्त, 1915 को मैसूर ज़िले में हुआ था। उन्होंने मैसूर विश्वविद्यालय से बी.एस.सी करने के बाद खेती करना आरम्भ किया। उनके [[परिवार]] का मैसूर के राजवंश से सबंध था। उनकी माँ देविरा अम्मानी धार्मिक और पारंपरिक महिला थीं। उनका एक भाई भी था। देवराज अर्स का [[विवाह]] चिक्का अम्मानी से हुआ था, जो कि उस समय 11 वर्ष की थीं। देवराज को [[कृषि]] के साथ-साथ राजनीति में भी विशेष रुचि थी। |
==राजनीतिक जीवन== | ==राजनीतिक जीवन== | ||
देवराज अर्स [[1941]] और [[1945]] में [[कांग्रेस]] के टिकिट पर मैसूर की 'प्रतिनिधि असेम्बली' के सदस्य चुने गए। स्वतंत्रता-संग्राम में प्रत्यक्ष रूप से भाग न लेने पर भी उनकी सहानुभूति मैसूर रियासत के कांग्रेस-संगठन से थी। इसी कारण वे निरंतर 6 बार वहां की असेम्बली के सदस्य चुने गए। देवराज अर्स [[1972]] में और कुछ दिनों के अंतर के बाद [[1978]] में प्रदेश के मुख्यमंत्री चुने गए और 8 वर्षों तक इस पद पर रहे। उन्होंने अल्पसंखकों और पिछड़े वर्गों के लिए विशेष आरक्षण की व्यवस्था कराई। | देवराज अर्स [[1941]] और [[1945]] में [[कांग्रेस]] के टिकिट पर मैसूर की 'प्रतिनिधि असेम्बली' के सदस्य चुने गए। स्वतंत्रता-संग्राम में प्रत्यक्ष रूप से भाग न लेने पर भी उनकी सहानुभूति मैसूर रियासत के कांग्रेस-संगठन से थी। इसी कारण वे निरंतर 6 बार वहां की असेम्बली के सदस्य चुने गए। देवराज अर्स [[1972]] में और कुछ दिनों के अंतर के बाद [[1978]] में प्रदेश के मुख्यमंत्री चुने गए और 8 वर्षों तक इस पद पर रहे। उन्होंने अल्पसंखकों और पिछड़े वर्गों के लिए विशेष आरक्षण की व्यवस्था कराई। | ||
− | कांग्रेस के विभाजन के बाद देवराज अर्स ने सुविधानुसार अपने लिए इस में स्थान बनाया। उन्होंने अलग दल का भी गठन | + | कांग्रेस के विभाजन के बाद देवराज अर्स ने सुविधानुसार अपने लिए इस पक्ष में स्थान बनाया। उन्होंने अपने लिए अलग दल का भी गठन किया, पर अंत में उन्हें इसमें सफलता नहीं मिली। उनके शासन-काल पर प्रशासनिक अव्यवस्था और भ्रष्टाचार के आरोप लगे। जांच कमीशन ने भी इसकी पुष्टि की थी। कहते हैं कि देवराज अर्स ने बाद में स्वीकार किया कि अपने समर्थकों को साथ रखने के लिए उन्हें किसी न किसी तरह धन की व्यवस्था करनी पड़ती थी। इस प्रकार देवराज अर्स का शासन राजनीतिक भ्रष्टाचार का नमूना बन गया। |
==निधन== | ==निधन== | ||
देवराज अर्स का निधन [[6 जून]], [[1982]] को हो गया। | देवराज अर्स का निधन [[6 जून]], [[1982]] को हो गया। | ||
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Revision as of 12:24, 28 September 2017
kavita1
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poora nam | devaraj ars |
janm | 20 agast, 1915 |
janm bhoomi | maisoor |
mrityu | 6 joon, 1982 |
abhibhavak | devira ammani |
pati/patni | chikka ammani |
nagarikata | bharatiy |
parti | bharatiy rashtriy kaangres |
pad | karnatak ke 8vean mukhyamantri |
kary kal | (20 march, 1972 se 31 disambar, 1977) aur (28 faravari, 1978 se 7 janavari, 1980) |
shiksha | bi.es.si |
vidyalay | maisoor vishvavidyalay |
any janakari | devaraj ars ne apane karyalay ke dauran alpasankhakoan aur pichh de vargoan ke lie vishesh arakshan ki vyavastha ki thi. |
di. devaraj ars (aangrezi: D. Devaraj Urs, janm: 20 agast, 1915, maisoor; mrityu: 6 joon, 1982) karnatak ke bhootapoorv 8vean mukhyamantri the. unhoanne 1952 mean rajaniti mean pravesh kiya aur 10 sal tak vidhayak rahean. unhean unake ath varshoan tak ke karyakal ke dauran rajy mean mook samajik kraanti chalane aur bhoomi sudharoan ko lagoo karane ka shrey diya jata hai.
parichay
devaraj ars ka janm 20 agast, 1915 ko maisoor zile mean hua tha. unhoanne maisoor vishvavidyalay se bi.es.si karane ke bad kheti karana arambh kiya. unake parivar ka maisoor ke rajavansh se sabandh tha. unaki maan devira ammani dharmik aur paranparik mahila thian. unaka ek bhaee bhi tha. devaraj ars ka vivah chikka ammani se hua tha, jo ki us samay 11 varsh ki thian. devaraj ko krishi ke sath-sath rajaniti mean bhi vishesh ruchi thi.
rajanitik jivan
devaraj ars 1941 aur 1945 mean kaangres ke tikit par maisoor ki 'pratinidhi asembali' ke sadasy chune ge. svatantrata-sangram mean pratyaksh roop se bhag n lene par bhi unaki sahanubhooti maisoor riyasat ke kaangres-sangathan se thi. isi karan ve nirantar 6 bar vahaan ki asembali ke sadasy chune ge. devaraj ars 1972 mean aur kuchh dinoan ke aantar ke bad 1978 mean pradesh ke mukhyamantri chune ge aur 8 varshoan tak is pad par rahe. unhoanne alpasankhakoan aur pichh de vargoan ke lie vishesh arakshan ki vyavastha karaee.
kaangres ke vibhajan ke bad devaraj ars ne suvidhanusar apane lie is paksh mean sthan banaya. unhoanne apane lie alag dal ka bhi gathan kiya, par aant mean unhean isamean saphalata nahian mili. unake shasan-kal par prashasanik avyavastha aur bhrashtachar ke arop lage. jaanch kamishan ne bhi isaki pushti ki thi. kahate haian ki devaraj ars ne bad mean svikar kiya ki apane samarthakoan ko sath rakhane ke lie unhean kisi n kisi tarah dhan ki vyavastha karani p dati thi. is prakar devaraj ars ka shasan rajanitik bhrashtachar ka namoona ban gaya.
nidhan
devaraj ars ka nidhan 6 joon, 1982 ko ho gaya.
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tika tippani aur sandarbh
bahari k diyaan
sanbandhit lekh