Difference between revisions of "प्रयोग:Shilpi"

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==वैज्ञानिक कारण==
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लाल रंग को रक्त रंग भी कहा जाता है, इसका कारण रक्त का रंग लाल होना है। लाल वर्ण [[प्रकाश]] की सर्वाधिक लम्बी [[तरंग दैर्घ्य]] वाली रोशनी या प्रकाश किरण को कहते हैं। इसका तरंग दैर्घ्य लगभग 6200 Å से 7800 Å <ref>(Å=10<sup>-10</sup>)</ref> तक तथा इसकी आवृति 3.75 - 4.84 होती है। इससे लम्बी तरंग को अधोरक्त कहते हैं, जो कि मानवीय चक्षु द्वारा दृश्य नहीं है। लाल रंग प्रकाश का संयोजी [[प्राथमिक रंग]] है, जो कि क्यान रंग का सम्पूरक है। लाल रंग RYB  वर्ण व्योम में सब्ट्रेक्टिव प्राथमिक रंग है।
 
वैज्ञानिक [[तत्व]] [[ऊष्मा]] व [[ऊर्जा]] भी लाल रंग से जुड़ी है। मनुष्य की भावनाएं जो कि रक्त से जुडी़ हैं। जैसे कि [[क्रोध]], [[आवेश]],  [[प्रेम]] आदि का रंग भी लाल होता है।
 
==धार्मिक कारण==
 
मां [[लक्ष्मी]] को लाल रंग प्रिय है। दरअसल, लाल रंग हमें आगे बढने की प्रेरणा देता है। यह रंग हम सभी में आत्मविश्वास जगाता है। हम अपने आत्मविश्वास और मजबूत इरादों के बल पर ही लक्ष्मी की प्राप्ति कर पाते हैं। लाल रंग सौभाग्य का प्रतीक है। मां लक्ष्मी लाल वस्त्र पहनती हैं और लाल रंग के कमल पर शोभायमान रहती हैं। [[राम]] भक्त [[हनुमान]] को भी लाल रंग प्रिय है। इसलिए भक्तगण उन्हें सिंदूर अर्पित करते हैं।
 
==टीका टिप्पणी और संदर्भ==
 
<references/>
 

Latest revision as of 06:32, 26 June 2011