Difference between revisions of "भूपेन हज़ारिका"

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|अन्य जानकारी=भूपेन हज़ारिका ने [[हिंदी]] फ़िल्म 'स्वीकृति', 'एक पल', 'सिराज', 'प्रतिमूर्ति', 'दो राहें', 'साज', 'गजगामिनी', 'दमन', 'क्यों' और 'चिंगारी' जैसी हिंदी फ़िल्मों में अपनी आवाज़ का जादू बिखेरा।
 
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'''भूपेन हज़ारिका''' ([[अंग्रेज़ी]]: ''Bhupen Hazarika'', जन्म- [[8 सितंबर]], [[1926]]; मृत्यु- [[5 नवंबर]], [[2011]]) [[भारत]] के ऐसे विलक्षण कलाकार थे, जो अपने गीत खुद लिखते थे, संगीतबद्ध करते थे और गाते थे। भूपेन हज़ारिका को दक्षिण एशिया के श्रेष्ठतम सांस्कृतिक दूतों में से एक माना जाता है। उन्होंने [[कविता]] लेखन, [[पत्रकारिता]], गायन, फ़िल्म निर्माण आदि अनेक क्षेत्रों में काम किया है। भूपेंद्र हज़ारिका पहले शख़्सियत थे, जिन्होंने असमिया संस्कृति को विश्व मंच तक पहुंचाया था।
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==जीवन परिचय==
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डॉ. भूपेन हज़ारिका बहु–आयामी व्यक्तित्व के धनी थे। असम–रत्न हज़ारिका जी असम अथवा भारत के ही नहीं पूरे संसार के लिए वे एक विश्व रत्न थे। वे संगीत रचनाकार, सुरकार, संगीतकार, संगीत–निर्देशक, वाद्य–यंत्र वादक, अभिनेता, सिनेमा निर्देशक तो थे ही साथ ही साथ एक अच्छे [[कवि]], गद्यकार, निबंधकार, नाट्यकार आदि भी थे। वे समन्वयवादी थे, कल्याणकारी थे, शांतिदूत थे। वे मानवतावादी थे, मानव के कल्याण के लिए स्वप्नदृष्टा थे।<ref name="Gyankosh">{{cite web |url=http://kosh.khsindia.org/hindi/%E0%A4%B8.%E0%A4%AA%E0%A5%82.%E0%A4%85%E0%A4%82%E0%A4%95-13,%E0%A4%85%E0%A4%95%E0%A5%8D%E0%A4%9F%E0%A5%82-%E0%A4%A6%E0%A4%BF%E0%A4%B8-2011,%E0%A4%AA%E0%A5%83-4 |title=भूपेन हज़ारिका का जीवन-दर्शन और व्यक्तित्व |accessmonthday=8 सितम्बर |accessyear=2012 |last=मेधि |first=डॉ. दिलीप  |authorlink= |format=पी.एच.पी |publisher=ज्ञानकोश |language=हिन्दी }}</ref>
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====जन्म====
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भूपेन हज़ारिका का जन्म सन [[1926]] के [[8 सितम्बर]] को शदिया ([[असम]]) में हुआ था। नीलकांत हज़ारिका उनके [[पिता]] थे। वे स्कूल उप–परिदर्शक थे। बाद में वे एस.डी.सी. बने थे। [[माँ]] का नाम था शांतिप्रिया हज़ारिका। भूपेन हज़ारिका के सात भाई और तीन बहने थीं। वे ज्येष्ठ थे।<ref name="Gyankosh"/>
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====शिक्षा====
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बचपन में भूपेन हज़ारिका की शिक्षा [[गुवाहाटी]] के सेणाराम हाईस्कूल में, धुबुरी की एक पाठशाला में, फिर गुवाहाटी के कॉटन कलेजियेट स्कूल में और अंत में छठी कक्षा में (सन [[1935]] में) तेजपुर सरकारी उच्चत्तर माध्यमिक विद्यालय में हुई। सन [[1940]] में तेजपुर से वे मैट्रिक की परीक्षा पास करते हैं। सन [[1941]] में कॉटन कॉलेज में (उच्चत्तर माध्यमिक़ कला शाखा में) दाख़िला लिया। सन [[1942]] में [[बनारस हिंदू विश्वविद्यालय]] में स्नातक में उनका दाखिला होता है। सन [[1944]] में सम्मानसह (honours) शिक्षा में स्नातक की उपाधि मिलती है। सन [[1946]] में उसी विश्वविद्यालय से स्नातकोत्तर की उपाधि मिलती है। सन [[1949]] को वे पी.एच.डी. हेतु अमरीका की यात्रा करते हैं। सन [[1952]] में कोलम्बिया विश्वविद्यालय से पी.एच.डी की उपाधि प्राप्त होती है। उनकी गवेषणा का विषय था– "Roll of Mass Communication in India's Adult Education"<ref name="Gyankosh"/>
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====दाम्पत्य जीवन====
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भूपेन हज़ारिका की 23 वर्ष की उम्र में ही सन [[1950]] में [[1 अगस्त]] को न्यूयार्क शहर में प्रियम पटेल के साथ उनकी शादी होती है। प्रियम काम्पला, यूगांडार के प्रसिद्ध चिकित्सक मूलजी भाई पटेल और उनकी पत्नी मणिबेन पटेल की बेटी हैं। इनका मूल निवास स्थान [[गुजरात]] है। गुजरात के नियम के हिसाब से औरत के स्वामी का नाम और बेटा–बेटी को बाप का नाम बीच में लिखने की परम्परा है। इसी कारण पत्नी का नाम शादी के पश्चात् प्रियम भूपेन हज़ारिका (अथवा प्रियम बि. हज़ारिका) और बेटे का नाम कोल्लाक भूपेन्द्र हज़ारिका (अथवा कोल्लाक बि. हज़ारिका/पूर्णांग भूपेन्द्र हज़ारिका/तेज भूपेन्द्र हज़ारिका) पड़ा। कोल्लाक को असम के लोग तेज हज़ारिका से ही जानते हैं। कोल्लाक न्यूयार्क में तथा प्रियम कनाडा में रहती हैं। कोल्लाक व्यवसाय करते हैं।<ref name="Gyankosh"/>
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====गीत संगीत का सफर====
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भूपेन हज़ारिका एक बहुमुखी प्रतिभा संपन्न कलाकार थे। बचपन में ही उन्होंने अपना पहला गीत लिखा और 10 वर्ष की आयु में उसे गाया भी। [[असमिया भाषा]] की फ़िल्मों से भी उनका नाता बचपन में ही जुड़ गया था। उन्होंने असमिया भाषा में निर्मित दूसरी फ़िल्म इंद्रमालती के लिए 1939 में बारह वर्ष की आयु मॆं काम भी किया। सुर सम्राट हज़ारिका ने क़रीब 70 साल तक अपनी आवाज़ से पूर्वोत्तर के साथ बॉलीवुड में भी छाए रहे। हज़ारिका ने अपनी फ़िल्म का निर्देशन 1956 में किया। उन्होंने एरा बतर सुर से अपनी फ़िल्म का पहला निर्देशन किया।
  
भूपेन हज़ारिका (Bhupen Hazarika) भारत के ऐसे विलक्षण कलाकार थे जो अपने गीत खुद लिखते थे, संगीतबद्ध करते थे और गाते थे। उन्हें दक्षिण एशिया के श्रेष्ठतम सांस्कृतिक दूतों में से एक माना जाता है। उन्होंने कविता लेखन, पत्रकारिता, गायन, फिल्म निर्माण आदि अनेक क्षेत्रों में काम किया है। भूपेंद्र हज़ारिका पहले शख्सियत थे जिन्होंने असमिया संस्कृति को विश्व के मंच तक पहुंचाया था। उनके कई लोक गीत बॉलीवुड को भी धन्य कर चुके हैं।
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हज़ारिका ने होश संभालते ही गीत संगीत को सामाजिक परिवर्तन का माध्यम बना लिया और 60 साल तक लगातार भारतीय संगीत जगत् में सक्रिय योगदान दिया। उनके [[गंगा नदी]] पर लिखे और गाए गीत काफ़ी प्रसिद्ध हुए। हज़ारिका ने [[बंगाली भाषा|बंगाली]], असमिया और [[हिंदी]] समेत कई भारतीय भाषाओं में गीत गाए हैं। आज भूपेन हज़ारिका के गाए कई प्रसिद्ध गीत है। फ़िल्म 'रूदाली' के गीत 'दिल हूं हूं करे' के जरिए हज़ारिका हिंदी फ़िल्म जगत् में छा गए। इसके अलावा हज़ारिका ने दमन फ़िल्म में 'गुम सुम' गाना भी गाया। भूपेन ने 'मैं और मेरा साया, एक कली दो पत्तियां, हां आवारा हूं, उस दिन की बात है' जैसे कई सारे हिंदी गानों को गाया था। 'ओ गंगा बहती हो क्यों' को अपनी आवाज़ और संगीत दी है। बिहू के गीतों में भूपेन हज़ारिका ने अपनी चिरजीवी आवाज़ दी है। यही नहीं, ‘गांधी टू हिटलर’ फ़िल्म में [[महात्मा गांधी]] के प्रसिद्ध भजन ‘वैष्णव जन’ को उन्होंने ही अपनी आवाज़ दी।
  
;प्रारंभिक जीवन
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हज़ारिका ने हिंदी फ़िल्म स्वीकृति, एक पल, सिराज, प्रतिमूर्ति, दो राहें, साज, गजगामिनी, दमन, क्यों और चिंगारी जैसी हिंदी फ़िल्मों में अपनी आवाज़ का जादू बिखेरा। यही नहीं उन्होंने हिंदी फ़िल्म स्वीकृति और सिराज जैसी फ़िल्मों को निर्देशित कर फ़िल्म निर्देशन में भी अपनी प्रतिभा का लौहा मनवाया। हज़ारिका ने हिंदी फ़िल्म एक पल में बतौर अभिनेता के तौर पर भी काम किया। हज़ारिका ने 2006 में फ़िल्म 'चिंगारी' में भी गाना गाया।
हजारिका की पहचान न सिर्फ उत्तर- पूर्वी भारत के मशहूर गायक, लेखक, संगीत निर्देशक बल्कि फिल्मकार के रूप में भी होती है। अद्भुत प्रतिभा वाले इस कलाकार का जन्म 8 सितंबर, 1926 को भारत के पूर्वोत्तर राज्य असम के सादिया में हुआ। उनके पिता नीलकांत हजारिका तब सादिया के कमिश्नर साहब की पत्नी को असमिया भाषा सिखाते थे। वहीं के एक स्थानीय स्कूल में वो शिक्षण का कार्य भी करते थे। घर पर उनकी शुरूआती शिक्षा-दीक्षा हुई। मां के गले की आवाज अद्भुत थी। छोटे भूपेन उस समय मां से बंग संगीत सुनते थे। वो भी अपनी मां के साथ गला मिलाकर गाते थे। कुछ दिनों बाद पिता को गुवाहटी के कॉटन कॉलेजिएट स्कूल में नौकरी मिल गई। वहां के सोनाराम स्कूल में पहली बार तीसरी कक्षा में भूपेन का दाखिला हुआ। वैसे बीच में साल भर के लिए उन्हें धूबरी में जाना पड़ा था। उस समय प्रमथेश बड़ुवा धूबरी में अपनी फिल्म "मुक्ति" की शूटिंग के सिलसिले में आए थे। प्रमथेश उनके पिता के अच्छे मित्र थे, इसलिए भूपेन को उन्हें बहुत क़रीब से देखने का मौका मिला था। 1940 में बहुमुखी प्रतिभा के धनी भूपने हजारिका ने केवल 13 साल 9 महीने की उम्र में मैट्रिक की परीक्षा तेजपुर से की। धूबरी के बाद वो लोग फिर गुवाहटी वापस आ गए। तब तक गुवाहटी के कॉटन कॉलेजिएट स्कूल में उनकी पढ़ाई भी शुरू हो गई थी, साथ में शुरू हो गया था गायन और चित्रकारी भी। यहां उन्होंने अपने मामा के घर में रह कर पढ़ाई की। इस बीच यहां के आईपीटीए के दो सदस्य विष्णुप्रसाद आभा और ज्योतिप्रसाद अग्रवाल से इनका परिचय हुआ। इनके सानिध्य में रहकर किशोर भूपेन के दिलो-दिमाग में आम आदमी के गीत-संगीत की बात छा गई। इस उम्र में ही आम आदमी के लिए कुछ करने की बात वो सोचने लगे। इसके बाद 1942 में गुवाहाटी के कॉटन कॉलेज से इंटरमीडिएट किया। फिर अचानक उन्हें ऎसा लगा कि वो असम में और पढ़ाई जारी नहीं रखेंगे। यह सोचने के बाद ही वो तत्काल कोलकता चले आए। सन् 1942 के कोलकता के डलहौजी में जापान ने बम गिराया। एक दहशत से कांप उठा कोलकता। अनगिनत लोगों ने पलायन किया, उन्हीं की तरह भूपेन भी बनारस चले आए। यहां उन्होंने बनारस हिंदू विश्वविद्यालय में दाखिला लिया। वहां से उन्होंने 1946 में स्नातक और फिर राजनीतिक विज्ञान में स्नात्तोकत्तर किया। उस समय यहां के आचार्य पंडित जवाहरलाल नेहर और उपाचार्य सर्वपल्ली डॉक्टर राधाकृष्णण थे। राधाकृण्णजी के क्लास में गीता का व्याख्यान सुनने का सौभाग्य भूपेन को भी मिला था। यही नहीं उस्ताद बिस्मिल्ला के घर के पास के रास्ते पर खड़े होकर शहनाई पर उनकी भैरवी सुनने का सौभाग्य भी उन्हें मिला। मगर तब तक उनके घर की हालात बहुत बदल चुकी थी। पिताजी नौकरी से रिटायर हो गए थे। 145 रूपए पेंशन मिलता था। तब दस भाई-बहनों में सबसे बड़े भूपेन को बाध्य होकर गुवाहाटी आना पड़ा। बीबीआर कॉलेज में अध्यापन की नौकरी शुरू कर दी। शुरूआती वेतन था 125 रुपये प्रतिमाह। कुछ दिन बाद ही उन्हें गुवाहाटी रेडियो में मौका मिल गया। साल होते-होते उनका तबादल दिल्ली हो गया, वहीं उनका परिचय डॉक्टर नारायण मेनन के साथ हुआ। उनकी मदद से उन्हें अमेरिका में मॉस कम्युनिकेशन पर शोध करने की स्कॉलरशिप मिल गई। घर की हालत अच्छी नहीं थी। ऎसे में नौकरी छोड़कर फिर से पढ़ाई शुरू करने में बड़ा जोखिम था, लेकिन उनके अंदर शायद छिपा हुआ था किसी यायावर का मन। 12 सितंबर 1949 को वो अमेरिका चले गए। न्यूयॉर्क स्थित कोलंबिया विश्वविद्यालय में दाखिला ले लिया और उन्होंने पीएचडी (डॉक्टरेट) की डिग्री प्राप्त की। यहां पर अचानक पॉल राबसन के साथ उनका परिचय हुआ। भूपेन को उनका घनिष्ठ सानिध्य मिला। यहीं पर उन्होंने पॉल से सीखा मिसीमिपी नदी को कोसते हुए एक गाना,"वल्र्ड मैन रीवर,यू डोंट सी नथिंग...। बस उन्होंने लिख डाला, "विस्तीर्ण दुपारे, असंख्यो मानुषेर हाहाकार सुने, निशब्दे निरवे ओ गंगा तुमी, ओ गंगा बहिचो केनो..." (विस्तृत फैले हुए दो किनारे, असंख्य लोगों की वेदनापूर्ण हाहाकार सुनकर भी ओ गंगा तुम नि:शब्द होकर बहती हो क्यों...) वैसे तब तक शांतिनिकेतन में पढ़ी-लिखी बरोदरा की लड़की प्रियवंदा से भूपेन का परिचय हो गया था। प्रियवंदा रहती थीं न्यूयॉर्क में। उन दोनों की शादी 1950 में हुई। अब यह अलग बात है कि यह शादी ज्यादा दिनों तक नहीं टिकी। 
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==सम्मान और पुरस्कार==
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दो-दो बार लौटा कर तीसरी बार उन्हें [[पद्मश्री]] सम्मान ग्रहण किया था। "चमेली मेमसाहब" के संगीत के लिए उन्हें [[राष्ट्रपति]] का सम्मान भी मिल चुका है और कभी कम्युनिस्ट होने की वजह से अपने निवास स्थान से भी दूर होना पड़ा है, जबकि इसमें उनका कोई दोष नहीं था। [[1993]] में असम साहित्य सभा के अध्यक्ष भी रहे। वर्ष [[2004]] में उन्हें राजनीति में शिरकत की तथा [[भाजपा]] की तरफ से 2004 में चुनाव भी लड़ा।
  
अमेरिका से लौटते समय अफ्रीका भी घूमकर लौटे थे भूपेन दा। जहाज से प्रशांत महासागर का रूप देखकर वो भावुक हो गए। लिख डाला, "सागर संगमे सातार केटेचि केतो, कखनो तो होई नेई... (सागर-संगम में कितनी बार तैरा हूं, पर कभी भी थकान महसूस नहीं किया है ...)। अपने एक इंटरव्यू में भूपेन दा ने कहा है, "मेरे अंतिम यात्रा में मेरे इस गाने को ही बजाया जाए। यही मेरे जीवन यात्रा का गाना है। भूपेन हजारिका ने अपने जीवन में बहुत कम गाने गाए हैं, लेकिन जो गाने गाए है, वो मनुष्य के दिल को छू गया है। उस दौर के सारे धाकड़ संगीतज्ञ हेमांग विश्वास, सचिनदेव बर्मन, हेमंत मुखर्जी का प्यार उन्हें मिला था। उन्ही दिनों वो गण नाट्य संघ के साथ जुड़ गए। अपने गानों को लेकर वो विश्व भ्रमण कर चुके थे। कविगुरु रवींद्रनाथ टैगोर के एकमात्र प्रिय अमियकुमार चक्रवर्ती से भी भूपेन दा को बहुत मदद मिली थी।
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हज़ारिका को असमिया फ़िल्मों उनके अभूतपूर्व योगदान के लिए [[1992]] में सिनेमा जगत् के सर्वोच्च पुरस्कार [[दादा साहब फाल्के पुरस्कार]] से नवाज़ा गया था। इसके अलावा उन्हें राष्ट्रीय पुरस्कार क्षेत्रीय फ़िल्म ([[1975]]), कला क्षेत्र में [[पद्म भूषण]] ([[2001]]), असम रत्न ([[2009]]) और [[संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार]] ([[2009]]) जैसे कई प्रतिष्ठित पुरस्कारों से नवाजा जा चुका है। हज़ारिका को 2019 में [[भारत रत्न]] से भी सम्मानित किया गया।
 
 
भूपेन की गायकी से जुडा एक मजेदार वाक्या है। एक बार उन्हें कॉलेज में आए नए विद्यार्थियों के लिए रखे गए स्वागत समारोह में एक भाषण पढ़ना था। भूपेन के पिता ने उन्हें वो भाषण लिख कर भी दिया था। लेकिन स्टेज पर आते ही भूपेन वह भाषण भूल गए और वहां उन्होंने एक गाना सुनाया। वहां उपस्थित सभी लोगों को भूपेन ने अपने गाने से मंत्रमुग्ध कर दिया और इसके बाद वो अपने कॉलेज में लोकप्रिय हो गए। इसके बाद भूपेन ने संगीत से जुड़ी कई पुस्तकों का अध्ययन किया। और धीरे-धीरे संगीत के क्षेत्र में खुद को स्थापित किया।
 
 
 
;गीत संगीत का सफर
 
भूपेन हजारिका एक बहुमुखी प्रतिभा संपन्न कलाकार थे। बचपन में ही उन्होंने अपना पहला गीत लिखा और 10 वर्ष की आयु में उसे गाया भी। असमिया भाषा की फिल्मों से भी उनका नाता बचपन में ही जुड़ गया था। उन्होंने असमिया भाषा में निर्मित दूसरी फिल्म इंद्रमालती के लिए 1939 में बारह वर्ष की आयु मॆं काम भी किया। सुर सम्राट हजारिका ने क़रीब 70 साल तक अपनी आवाज से पूर्वोत्तर के साथ बॉलीवुड में भी छाए रहे। हजारिका ने अपनी फिल्म का निर्देशन 1956 में किया। उन्होंने एरा बतर सुर से अपनी फिल्म का पहला निर्देशन किया।
 
 
 
हजारिका ने होश संभालते ही गीत संगीत को सामाजिक परिवर्तन का माध्यम बना लिया और 60 साल तक लगातार भारतीय संगीत जगत में सक्रिय योगदान दिया। उनके गंगा नदी पर लिखे और गाए गीत काफ़ी प्रसिद्ध हुए। हजारिका ने बंगाली, असमिया और हिंदी समेत कई भारतीय भाषाओं में गीत गाए हैं। आज भूपेन हजारिका के गाए कई प्रसिद्ध गीत है। फिल्म रूदाली के गीत 'दिल हूं हूं करे' के जरिए हजारिका हिंदी फिल्म जगत में छा गए। इसके अलावा हजारिका ने दमन फिल्म में 'गुम सुम' गाना भी गाया। भूपेन ने 'मैं और मेरा साया, एक कली दो पत्तियां, हां आवारा हूं, उस दिन की बात है' जैसे कई सारे हिंदी गानों को गाया था। 'ओ गंगा बहती हो क्यों' को अपनी आवाज और संगीत दी है। बिहू के गीतों में भूपेन हजारिका ने अपनी चिरजीवी आवाज दी है। यही नहीं, ‘गांधी टू हिटलर’ फिल्म में महात्मा गांधी के प्रसिद्ध भजन ‘वैष्णव जन’ को उन्होंने ही अपनी आवाज दी।
 
 
 
हजारिका ने हिंदी फिल्म स्वीकृति, एक पल, सिराज, प्रतिमूर्ति, दो राहें, साज, गजगामिनी, दमन, क्यों और चिंगारी जैसी हिंदी फिल्मों में अपनी आवाज का जादू बिखेरा। यही नहीं उन्होंने हिंदी फिल्म स्वीकृति और सिराज जैसी फिल्मों को निर्देशित कर फिल्म निर्देशन में भी अपनी प्रतिभा का लौहा मनवाया। हजारिका ने हिंदी फिल्म एक पल में बतौर अभिनेता के तौर पर भी काम किया। हजारिका ने 2006 में फिल्म 'चिंगारी' में भी गाना गाया।
 
 
 
;पुरस्कार
 
दो-दो बार लौटा कर तीसरी बार उन्हें पद्मश्री सम्मान ग्रहण किया था। "चमेली मेमसाहब" के संगीत के लिए उन्हें राष्ट्रपति का सम्मान भी मिल चुका है और कभी कम्युनिस्ट होने की वजह से अपने निवास स्थान से भी दूर होना पड़ा है, जबकि इसमें उनका कोई दोष नहीं था। 1993 में असोम साहित्य सभा के अध्यक्ष भी रहे। वर्ष 2004 में उन्हें राजनीति में शिरकत की तथा भाजपा की तरफ से 2004 में चुनाव भी लड़ा।
 
 
 
हजारिका को असमिया फिल्मों उनके अभूतपूर्व योगदान के लिए 1992 में सिनेमा जगत के सर्वोच्च पुरस्कार दादा साहब फाल्के पुरस्कार से नवाज़ा गया था। इसके अलावा उन्हें नेशनल अवॉर्ड एज दि बेस्ट रीजनल फिल्म (1975), कला क्षेत्र में पद्म भूषण (2001), असोम रत्न (2009) और संगीत नाटक अकादमी अवॉर्ड (2009) जैसे कई प्रतिष्ठित पुरस्कारों से नवाजा जा चुका है।
 
 
 
;निधन
 
प्रख्यात गायक और संगीतकार भूपेन हजारिका का 5 नवंबर 2011 को मुम्बई के कोकिलाबेन धीरूबाई अंबानी अस्पताल में निधन हो गया था। उनका निधन शाम लगभग 4:37 बजे हुआ था। वह 86 वर्ष के थे। भूपेन हजारिका लम्बे समय से निमोनिया से बीमार थे।
 
 
 
==फ़िल्म जगत में भूपेन हजारिका==
 
 
 
;फिल्म के गायक एवं अभिनेता के रूप में सर्वप्रथम काम किया :
 
1. इन्द्रमालती (असमिया फिल्म, निर्देशक ज्योतिप्रसाद आगरवाला) : 1939 <br>
 
 
 
;फिल्म में सर्वप्रथम पार्श्वगायन
 
1. जयमती : 1936 <br>
 
2. शोणित कुंवरी : 1936 <br>
 
 
 
;कहानी और पटकथा लेखन
 
1. एरा बाटर सुर : 1956 <br>
 
2. माहुत बन्धुरे : 1958 <br>
 
3. शकुन्तला : 1961 <br>
 
4. लटिघटि : 1966 <br>
 
5. चिकमिक बिजुली : 1969 <br>
 
6. रूपकुंवर ज्योतिप्रसाद आरू जयमती : 1976 <br>
 
7. भाग्य : 1968 <br>
 
 
 
;फिल्म का निर्देशन
 
1. एरा बाटर सुर : 1956 <br>
 
2. माहुत बन्धुरे : 1958 <br>
 
3. शकुन्तला : 1961 <br>
 
4. प्रतिध्वनि : 1964 <br>
 
5. लटिघटी : 1966 <br>
 
6. भाग्य : 1968 <br>
 
7. चिकमिक बिजुली : 1969 <br>
 
8. मेरा धरम मेरी मां : 1975 <br>
 
9. रूपकुंवर ज्योतिप्रसाद आरू जयमती : 1976 <br>
 
10. मन प्रजापति : 1979 <br>
 
11. सिराज : 1989 <br>
 
12. मिरि जियरी : 1990 <br>
 
 
 
==भूपेन हजारिका को दी गयी विविध उपाधियां==
 
1. सुधाकण्ठ <br>
 
2. पद्मश्री <br>
 
3. संगीत सूर्य <br>
 
4. सुर के जादूगर <br>
 
5. कलारत्न <br>
 
6. धरती के गन्धर्व <br>
 
7. असम गन्धर्व <br>
 
8. गन्धर्व कुंवर <br>
 
9. कला-काण्डारी <br>
 
10. शिल्पी शिरोमणि <br>
 
11. बीसवीं सदी के संस्कृतिदूत <br>
 
12. यायावर शिल्पी <br>
 
13. विश्वबन्धु <br>
 
14. विश्वकण्ठ <br>
 
 
 
==भूपेन हजारिका ने जिन फ़िल्मों में संगीत दिया==
 
;असमिया :
 
1. सती बेउला : 1948 <br>
 
2. सिराज : 1948 <br>
 
3. पियलि फुकन : 1955 <br>
 
4. एरा बाटर सुर : 1956 <br>
 
5. धुमुहा : 1957 <br>
 
6. केंचा सोन : 1959 <br>
 
7. शकुन्तला : 1961 <br>
 
8. पुवति निशार सपोन : 1959 <br>
 
9. मणिराम देवान : 1963 <br>
 
10. प्रतिध्वनि : 1964 <br>
 
11. लटिघटि : 1966 <br>
 
12. भाग्य : 1968 <br>
 
13. चिकमिक बिजुली : 1969 <br>
 
14. चमेली मेमसाब : 1975 <br>
 
15. खोज : 1975 <br>
 
16. पलाशर रंग : 1976 <br>
 
17. रूपकुंवर ज्योतिप्रसाद आरू जयमती : 1976 <br>
 
18. वनहंस : 1976 <br>
 
19. वनजुई : 1977 <br>
 
20. वृन्दावन : 1978 <br>
 
21. मन प्रजापति : 1979 <br>
 
22. अकन : 1980 <br>
 
23. अपरूपा : 1980 <br>
 
24. मां : 1983 <br>
 
25. अंगीकार : 1985 <br>
 
26. युगे-युगे संग्राम : 1986 <br>
 
27. संकल्प : 1986 <br>
 
28. स्वीकारोक्ति : 1986 <br>
 
29. प्रतिशोध : 1987 <br>
 
30. सिराज : 1989 <br>
 
31. मिरि जियरी : 1990 <br>
 
32. पानी : 1990 <br>
 
 
 
;बांग्ला :
 
1. जीवन तृष्णा : 1957 <br>
 
2. कौडी ओ कमल : 1957 <br>
 
3. असमाप्त : 1957 <br>
 
4. माहुत बन्धुरे : 1958 <br>
 
5. जोनाकीर आलो : 1958 <br>
 
6. दुई बेचारा : 1959 <br>
 
7. एखाने पिंजड : 1971 <br>
 
8. महुआ : 1977 <br>
 
10. सीमाना पेरिए (बांग्लादेश) : 1977 <br>
 
11. नागिनी कन्यार काहिनी : 1979 <br>
 
12. कालो सिन्दूर : 1984 <br>
 
13. चमेली मेमसाब : <br>
 
14. कोमल गान्धार : <br>
 
15. बन्धु : <br>
 
 
 
;हिन्दी :
 
1. आरोप : 1973 <br>
 
2. मेरा धरम मेरी मां : 1975 <br>
 
3. अपेक्षा : 1984 <br>
 
4. एक पल : 1986
 
5. लोहित किनारे (दूरदर्शन के लिए धारावाहिक) : 1988 <br>
 
6. चमेली मेमसाब : <br>
 
7. रूदाली : 1992 <br>
 
8. गजगामिनी : 2000 <br>
 
9. दमन : 2000 <br>
 
 
 
;भोजपुरी :
 
1. छठ मैया की महिमा : <br>
 
 
 
;कार्बी :
 
1. रिंग आंग तंग : <br>
 
 
 
 
 
;जिन मशहूर कलाकारों ने भूपेन हजारिका के लिखे गीतों को उनके ही संगीत निर्देशन में गाया :
 
 
 
;लता मंगेशकर
 
जोनाकरे राति असमीरे माटी : (एरा बांहर सुर) : 1956 <br>
 
 
 
;हेमन्त मुखर्जी
 
रौद पुवाबर कारणे (एरा बांहर सुर) : 1956 <br>
 
जीवन डिंगा बाई थाका बान्धो (एरा बांहर सुर) : 1956 <br>
 
 
 
;इला बसु
 
प्रथम प्रहर रात्रि (शकुन्तला) : 1961 <br>
 
वनरे पखीटी (शकुन्तला) : 1961 <br>
 
नव मल्लिकार (शकुन्तला) : 1961 <br>
 
जीवनटो यदि अभिनय हय (लटिघटि) : 1966 <br>
 
 
 
;तलत महमूद
 
लिएन माकाऊ कोन पाहाडर शिखरते (प्रतिध्वनि) : 1964 <br>
 
 
 
;सुमन कल्याणपुर
 
ओय ओय आकाश सुबो (प्रतिध्वनि) : 1964 <br>
 
मिलनेर शुभक्षण (चिकमिक बिजुली) : 1969 <br>
 
बिजुलीर पोहर मोर नाई (चिकमिक बिजुली) : 1969 <br>
 
 
 
;किशोर कुमार
 
पखीराज घोडा (चिकमिक बिजुली) : 1969 <br>
 
 
 
;मुकेश
 
घर आमार माटिर हय (चिकमिक बिजुली) : 1969 <br>
 
 
 
;मोहम्मद रफी
 
रमजानरे रोजा होल <br>
 
सेनेहरे सैयद <br>
 
साहब जाय आगते <br>
 
 
 
;उषा मंगेशकर
 
सिनाकी मोर मनर मानुह (खोज) : 1974 <br>
 
जिलमिलीया कोमल बाली (खोज) : 1974 <br>
 
असम देशर बागीचारे सोवाली (चमेली मेमसाब) : 1975 <br>
 
हाउवा नाई बातास नाई (चमेली मेमसाब) : 1975 <br>
 
हायरे प्राणेर बाचा मोर (चमेली मेमसाब) : 1975 <br>
 
क ख ग घ (चमेली मेमसाब) : 1975 <br>
 
तुमि बियार निशार (रिकार्ड) : 1978 <br>
 
ओ मालती कथा एटा कऊं शुना (रिकार्ड) : 1978 <br>
 
राधाचूडार फूल गूजि (रिकार्ड) : 1978 <br>
 
श्याम कानू दूर है नायावा (रिकार्ड) : 1980 <br>
 
 
 
;आशा भोंसले
 
पखीराज घोडा (चिकमिक बिजुली) : 1969 <br>
 
ओ अभिमानी बन्धु (मन प्रजापति) : 1978 <br>
 
एई धुनीया गोधूली लग्न (मन प्रजापति) : 1978 <br>
 
 
 
;शबाना यासमीन
 
विमूर्त एई रात्रि मोर (सीमाना पेरिये) <br>
 
 
 
 
 
==भूपेन हजारिका का साहित्यिक योगदान==
 
  
 +
==निधन==
 +
प्रख्यात गायक और संगीतकार भूपेन हज़ारिका का [[5 नवंबर]] [[2011]] को [[मुम्बई]] के कोकिलाबेन धीरूबाई अंबानी अस्पताल में निधन हो गया था। उनका निधन शाम लगभग 4:37 बजे हुआ था। वह 86 वर्ष के थे। भूपेन हज़ारिका लम्बे समय से निमोनिया से बीमार थे।
 +
==भूपेन हज़ारिका का साहित्यिक योगदान==
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{| class="bharattable-purple"
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|- valign="top"
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|
 
;गद्य
 
;गद्य
 
1. सुन्दरर न दिगन्त <br>
 
1. सुन्दरर न दिगन्त <br>
Line 245: Line 71:
 
11. मई एटि यायावर <br>
 
11. मई एटि यायावर <br>
 
12. संपादकीय <br>
 
12. संपादकीय <br>
 
+
|
 
;गीत संग्रह
 
;गीत संग्रह
 
1. जिलिकाबो लुइतरे पार <br>
 
1. जिलिकाबो लुइतरे पार <br>
Line 252: Line 78:
 
4. बन्हिमान ब्रह्मपुत्र <br>
 
4. बन्हिमान ब्रह्मपुत्र <br>
 
5. गीतावली <br>
 
5. गीतावली <br>
 
 
;शिशु साहित्य
 
;शिशु साहित्य
 
1. भूपेन मामार गीते माते अ आ क ख <br>
 
1. भूपेन मामार गीते माते अ आ क ख <br>
 
 
;पटकथा
 
;पटकथा
 
1. चिकमिक बिजुली <br>
 
1. चिकमिक बिजुली <br>
 
2. एरा बाटर सुर <br>
 
2. एरा बाटर सुर <br>
 
3. माहुत बन्धुरे <br>
 
3. माहुत बन्धुरे <br>
 
+
|-
 +
|
 
;पत्रिकाओं का संपादन
 
;पत्रिकाओं का संपादन
 
1. न्यू इंडिया - न्यूयार्क, 1949-50 <br>
 
1. न्यू इंडिया - न्यूयार्क, 1949-50 <br>
Line 268: Line 93:
 
4. आमार प्रतिनिधि (मासिक पत्रिका) - कलकत्ता, 1964-80 <br>
 
4. आमार प्रतिनिधि (मासिक पत्रिका) - कलकत्ता, 1964-80 <br>
 
5. प्रतिध्वनि (मासिक पत्रिका) - गुवाहाटी <br>
 
5. प्रतिध्वनि (मासिक पत्रिका) - गुवाहाटी <br>
 
+
|
==भूपेन हजारिका की छह कविताएँ==
+
|}
 
+
 
;1. बिन्दु
+
{{लेख प्रगति|आधार=|प्रारम्भिक=प्रारम्भिक3 |माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध= }}
निंदिया बिन रैना - <br>
 
कोमल चांद पिघला <br>
 
मुंह अंधेरे ओस की बूंदें उतरी <br>
 
मेघ को चीरते हुए राजहंस <br>
 
सूरज के सातों <br>
 
घोड़ों की मंथर गति की आवाज <br>
 
मेरी चेतना में प्रवेश करते हैं <br>
 
सीने का स्पर्श करता है <br>
 
एक नया गहरा सागर <br>
 
लहर विहीन <br>
 
जिसकी एक बिन्दु <br>
 
हौले से लटक रही है <br>
 
मेरे आंगन में <br>
 
झड़े हुए <br>
 
रातरानी की सफेद पंखुड़ी पर <br>
 
शायद शरत आ गया <br>
 
एक गुप्तांग <br>
 
दो स्तन <br>
 
कुछ अल्टरनेट सेक्स <br>
 
छिप न सके, इसके लिए <br>
 
डिजाइनर की तमाम कोशिश <br>
 
हर आदमी एक द्वीप की तरह <br>
 
एके फोर्टी सेवन जिन्दाबाद <br>
 
आदिम छन्द हेड हंटर का। <br>
 
बैलून/मूल्यबोध/उपभोक्तावाद <br>
 
जीवन जाए <br>
 
जडहीन शून्यता में। <br>
 
मुमकिन हो तो टिकट कटा लें <br>
 
मंगल ग्रह पर जाने के लिए <br>
 
मनुष्य की खोज में <br>
 
मनुष्य की खोज में <br>
 
 
 
;2. मग्न
 
क्षण-क्षण करते हुए <br>
 
क्षण का विश्लेषण <br>
 
क्षण होता ध्यानमग्न <br>
 
मग्न ज्योति की बेडियां तोड़कर <br>
 
चमकता स्फुर्लिंग <br>
 
वहीं तुमसे मिला <br>
 
 
 
;3. विदेह
 
अदृश्य आंधी <br>
 
क्षण के पश्चात् क्षण <br>
 
वायु का संतरण <br>
 
प्रेयसी <br>
 
तुम क्या हो ? <br>
 
 
 
;4. आईना
 
चाह की ऊंचाई पर <br>
 
मन भी कैसा है <br>
 
कैसा है आईना <br>
 
पूरी तरह कोई <br>
 
मन को ही बना देता है आईना <br>
 
आईना को सौंपोगे कुछ <br>
 
न इंकार करेगा न स्वीकार। <br>
 
आईना से मांगोगे कुछ <br>
 
लेगा नहीं कुछ, न ही देगा <br>
 
फेंकेगा नहीं कुछ <br>
 
कैसा है आईना <br>
 
मन कैसा है <br>
 
चाह की ऊंचाई पर ... <br>
 
 
 
;5. बन्धु
 
(कैमरामैन संतोष शिवन के लिए) <br>
 
 
 
बन्धु <br>
 
कुछ शराब <br>
 
कुछ सिगरेट <br>
 
कुछ लापरवाही <br>
 
कुछ धुआं <br>
 
कुछ दायित्वहीनता <br>
 
सोचते हो यही है सुकून <br>
 
मगर बन्धु <br>
 
मरोगे मरोगे <br>
 
उम्र शून्य - <br>
 
मृत्यु के बाद <br>
 
तुम क्या <br>
 
तुम रह जाओगे, बन्धु - <br>
 
दृश्य अदृश्य होता है <br>
 
देह सौन्दर्य पहेली बनता है <br>
 
बची रहती है <br>
 
आग की चमक <br>
 
बन्द दुर्ग <br>
 
जीवन रंगशाला है <br>
 
तुम कहां हो <br>
 
गजदन्त मीनार पर या <br>
 
किसी बन्द दुर्ग के भीतर <br>
 
मीनार को ढंक दिया है बादल ने <br>
 
मीनार जीर्ण-शीर्ण हो गया है <br>
 
दुर्ग धंस रहा है <br>
 
टूट रहा है आदर्श का दुर्ग <br>
 
और तुम <br>
 
नर्सिसस, अपने-आप में <br>
 
व्यस्त <br>
 
झूठा <br>
 
झूठा स्वर्ग। <br>
 
 
 
;6. दशमी
 
एक सुर <br>
 
दो सुर, सुर के पंछियों का झुण्ड <br>
 
झुण्ड के झुण्ड सुर बसेरे बनाते हैं <br>
 
मन-शिविर में <br>
 
आवाजाही जारी रहती है <br>
 
शब्द का पताका तूफान <br>
 
कुछ लोग गीतों के जरिए <br>
 
सामने आते हैं <br>
 
कण्ठरुद्घ प्रकाश <br>
 
कण्ठहीन कण्ठ से <br>
 
अनगिनत अन्तराएं <br>
 
आबद्घ होता है नाद ब्रह्म <br>
 
एक सुर दो सुर <br>
 
सुर के पंछियों का झुण्ड <br>
 
शून्य में उड़ता है <br>
 
विसर्जन की प्रतिमा की तरह <br>
 
 
 
==भूपेन हजारिका के गीतों के कैसेट और रिकार्ड==
 
 
 
1938 : कासते कलसी लै जाय रसकी बाई, सेनोला कम्पनी
 
 
 
उलाहरे नाचि बागि होलि वियाफुल
 
 
 
(विष्णुप्रसाद राभा के सहयोग से)
 
 
 
 
 
1945 : परहि पूवाते टुलूंगा नावते ।।एच.एम.वी./4ई २५७११
 
 
 
बहु दिनर आगते
 
 
 
 
 
1948 : महात्मार महाप्रयाण ।।एच.एम.वी./4ई ७२२८
 
 
 
ओ ओनाली दीपान्विता
 
 
 
सुर नगरीर सुरर कुमार ।।एच.एम.वी./4ई ७८०३
 
 
 
 
 
1955 : दोला दोला ।।एच.एम.वी./4ई २५७०७
 
 
 
भांग शिल भांग
 
 
 
लुइतर भूटूंगाई उलाल शिहू ।।एच.एम.वी./4ई २५७०९
 
 
 
जिलिकाब लुइतरे पार ।।एच.एम.वी./4ई २५७१०
 
 
 
रंग किनिवा कोने
 
 
 
एटि फली दूटी पात
 
 
 
 
 
1960 : हे कानाई पार कराहे ।।एच.एम.वी./4ई २५७१३
 
 
 
बिहूरेनो बिरिना पात
 
 
 
 
 
1962 : मानुहे मानुहर बाबे ।।एच.एम.वी./4ई २५७१४
 
 
 
अस्त आकाशरे
 
 
 
नतून नागिनी तुमि ।।एच.एम.वी./4ई २५७१५
 
 
 
आकाशीगंगा बिसरा नाई
 
 
 
विश्वविजयी नौजवान
 
 
 
(गीतकार : ज्योतिप्रसाद आगरवाला)
 
 
 
लुइतर पाररे आमि डेका लरा ।।एच.एम.वी./4ई २५७१६
 
 
 
(गीतकार : ज्योतिप्रसाद)
 
 
 
 
 
1963 : फूट गोधूलिते कपिली खूटित ।।एच.एम.वी./4ई २५७१८
 
 
 
तुमिये मोर कल्पनारे
 
 
 
सियांगरे गलं लोहितरे खामति ।।एच.एम.वी./4ई २५७२०
 
 
 
रूम जुम नेपूर बजाई
 
 
 
डुग डुग डुग डुग डंबरू ।।एच.एम.वी./4ई २५७२३
 
 
 
चिर युगमीया ढौ तुलि
 
 
 
 
 
1964 : नतून निमाती नियररे निशा ।।एच.एम.वी./4ई २५७२६
 
 
 
मदाररे फूल हेनो पूजातो नेलागे
 
 
 
नेकांदिबा नेकाांदिबा मोरे नतून कइना ।।एच.एम.वी./4ई २५७२६
 
 
 
जीवनरे कांदोनखिनि
 
 
 
रणवलांत नहऊं ।।एच.एम.वी./७ईपीई१०१९
 
 
 
कत जोवानर मृत्यु होल (चार गीत)
 
 
 
हू हू धूमूहा आहिलेऊ
 
 
 
काहिनी एटि लिखा
 
 
 
 
 
1965 : कत जोवानर मृत्यु होल ।।एच.एम.वी./4ई २५७२९
 
 
 
रणक्लांत नहऊं
 
 
 
हू हू धूमूहा आहिले ।।एच.एम.वी./4ई २५७३०
 
 
 
चित्रलेखा चित्रलेखा
 
 
 
 
 
1966 : सौ काजल काजल मेघ ।।एच.एम.वी./4ई २५७३१
 
 
 
जीवरे बेउला ओ
 
 
 
(कविता हजारिका के साथ)
 
 
 
आकाशीयानरे ।।एच.एम.वी./4ईईपीई १०२७
 
 
 
आह आह उलाई आह
 
 
 
गांवर तरा गांवे गांवे
 
 
 
(गीतकार : ज्योतिप्रसाद आगरवाला)
 
 
 
ब्रह्मपुत्रर दूटि पार दलंगे ।।एच.एम.वी./५ईपीई ३००६१
 
 
 
धूमूहा नाहिबि
 
 
 
नतून निमाती नियररे निशा
 
 
 
मदाररे फूल हेनो
 
 
 
 
 
1976 : विस्तीर्ण पाररे
 
 
 
ओ दिसांमुखर डेकाटि
 
 
 
मई विसारिसों
 
 
 
(गीतकार : निर्मलप्रभा बरदलै)
 
 
 
विक्षुब्ध विश्व कंठई ।।एच.एम.वी./५ईडीई ३०११
 
 
 
 
 
1968 : प्रथम नहय द्वितीय नहय ।।एच.एम.वी./ईसीएलपी २३४७
 
 
 
नतून निमाती नियररे निशा
 
 
 
मिठा मिठा बोहागर
 
 
 
नतून नागिनी तुमि
 
 
 
अस्त आकाशेर
 
 
 
मइनाजान मइनाजान
 
 
 
शिवांगर गोधूलि
 
 
 
आकाशीगंगा बिसरा नाई
 
 
 
मदाररे फूल हेनो
 
 
 
चिर युगमीया ढौ तुलि
 
 
 
कलिर कृष्ण बुलि नोजोकाबा
 
 
 
 
 
1969 : आमि असमिया नहऊं दुखीया ।।एच.एम.वी./4ई २५७३५
 
 
 
मइनाजान मइना जान ।।एच.एम.वी./एन८७०७९
 
 
 
मिठा मिठा बोहागर
 
 
 
दिनबोर मोर सोनर सजात नरले ।।एच.एम.वी./४५एन८७०७३
 
 
 
(रवीन्द्र संगीत)
 
 
 
आमि भाइटी भंटी ।।एच.एम.वी./एन४७०८०
 
 
 
(ऋतुपर्ण शर्मा के साथ)
 
 
 
बोहागी ओ बोहागी ।।एच.एम.वी./4ई२५७३७
 
 
 
(गीतकार : हेमेन हजारिका)
 
 
 
(रुनुमी भट्टाचार्य के साथ)
 
 
 
मई कोहिमारे आधुनिका डालिमी
 
 
 
(रुनुमी भट्टाचार्य के साथ)
 
 
 
 
 
1970 : चतरै बिहूरे गीत बान्धै ।।एच.एम.वी./ई4एलपी२४६३
 
 
 
सागर तीरत परि रलो
 
 
 
(गीतकार : निर्मलप्रभा भट्टाचार्य)
 
 
 
मई एटी यायावर
 
 
 
सुसुक सामाककै दीपालीजनीये ।।एच.एम.वी./एसईडीई३०२५
 
 
 
(जयन्त हजारिका के साथ)
 
 
 
चित्रलेखा चित्रलेखा
 
 
 
(जयन्त हजारिका के साथ)
 
 
 
एटुकुरा आलसुवा मेघ भांहि जाय ।।एच.एम.वी./एसईडीई३०३१
 
 
 
की करों करों उपाय
 
 
 
मोर मन चातकर
 
 
 
 
 
1971 : आवेलिर रामधेनु ।।एच.एम.वी./ईसीएलपी३०४३
 
 
 
शीतरे सेमेका राति ।।एच.एम.वी./एसईडीई३०४३
 
 
 
विमूर्त मोर निशाटि
 
 
 
मोर गान हउक
 
 
 
ऑटो रिक्शा चलाऊं ।।एच.एम.वी./एसईडीई३०४५
 
 
 
(जयन्त हजारिका के साथ)
 
 
 
 
 
1972 : जय जय नवजात बंगलादेश ।।एच.एम.वी./७ईपीई२५०२
 
 
 
तोमार उशाह कंहूवा कोमल
 
 
 
एका-बेंकार बाटेरे
 
 
 
गंगा मोर मां
 
 
 
 
 
1973 : बरदैसिला ने सरूदैसिला ने ।।एच.एम.वी./७ईपीई२५१०
 
 
 
(रुनुमी भट्टाचार्य के साथ)
 
 
 
देहि ऐ एई हेन बतरत
 
 
 
 
 
1974 : सराये सिकुने ।।एच.एम.वी./४५एन८७१७३
 
 
 
सेनेहीर फटा रिहा
 
 
 
साहब जाय आगते
 
 
 
(मोहम्मद रफी के साथ)
 
 
 
प्रेम प्रेम बुलि ।।एच.एम.वी./७ईपीई२५१८
 
 
 
(गीतकार : लक्ष्मीनाथ बेजबरुवा)
 
 
 
 
 
1975 : सकला टेंगाटि अकले नेखाबि ।।एच.एम.वी./७ईपीई२५२९
 
 
 
सुउच्च पहाडर
 
 
 
बर बरिबा जाय मेनेका (लोकगीत) ।।एच.एम.वी./७ईपीई१२९
 
 
 
आई तोक किहेरे पूजिम
 
 
 
(गीतकार : मुकुल बरुवा)
 
 
 
राधे कला नुबुलिबि मोक (लोकगीत)
 
 
 
ओ मोर गुरुदेव
 
 
 
 
 
1976 : मई जोन आजीवन उरनीया मौ
 
 
 
मुक्तिकामी लक्षजनर
 
 
 
शैशवते धेमालिते
 
 
 
भांग भांग शिल भांग ।।एच.एम.वी./ईजीएसटी२६५२
 
 
 
सुन सुन रे सुर बैरी (गीतकार : शंकरदेव)
 
 
 
राइज आजि भावरीया
 
 
 
युवती अनामिका गोस्वामी
 
 
 
स्नेहे आमार शत श्रावनर
 
 
 
गुपुते गुपुते
 
 
 
जिलिकाब लुइतरे पार
 
 
 
मोर एकेटि सुरत
 
 
 
(गीतकार : लक्ष्मीनाथ बेजबरुवा)
 
 
 
मई एटि यायावर
 
 
 
 
 
1977 : सेंदूर सेंदूर फोंटटिये ।।एच.एम.वी./७ईपीई२५४१
 
 
 
मोर मन बाघ
 
 
 
जीवन जोरा ज्यातिये यदि
 
 
 
मई एई माटिरे लरा
 
 
 
(गीतकार : निर्मलप्रभा बरदलै)
 
 
 
 
 
1978 : जोनाकी परुवार ।।एच.एम.वी./ईसीएसडी२६५३
 
 
 
(भास्कर दास के साथ)
 
 
 
मई जेतीया एई जीवनर
 
 
 
एंधार कातिर निशाते
 
 
 
(अंजू देवी के साथ)
 
 
 
नामरे कठीया (अंजू देवी के साथ)
 
 
 
ओ काजल बरन कन्या (भास्कर दास के साथ)
 
 
 
तुमि नतून पुरुष
 
 
 
काकिनी तामोलर
 
 
 
(भास्कर दास के साथ)
 
 
 
असम आमार रूपही
 
 
 
कविता आवृत्ति सप्तर्षि
 
 
 
 
 
1979 : शारदी रानी तोमार देखों नाम ।।एच.एम.वी./एस/४एसएनएलपी२०१५
 
 
 
आह आह उलाई आह
 
 
 
कपिली कपिली रांढाली सोवाली
 
 
 
मदाररे फूल हेनो
 
 
 
गौरीपुरीया गाभरू देखिलों
 
 
 
प्रतिध्वनि सुनो मई
 
 
 
नेकांदिबा नेकांदिबा मोरे नतून कईना
 
 
 
 
 
1980 : महाबाहु ब्रह्मपुत्र ।।एच.एम.वी.
 
 
 
आजि ब्रह्मपुत्र होल
 
 
 
आमि असमिया नहऊं दुखीया
 
 
 
बोहागे माथो एटि ऋतु नहय
 
 
 
 
 
1981 : लुइतपरीया डेका बन्धु ।।एच.एम.वी.
 
 
 
नतून नतून साह
 
 
 
महालाई हांसि बोले
 
 
 
तेज दिलों प्राण दिलों
 
 
 
शिहूटो उलोवादि बिहूटि आहिले
 
 
 
तप्त तीखारे अग्निशक्ति
 
 
 
अहो हो महो ओ देशर हके मरों
 
 
 
 
 
1982 : जाय व्रत संकल्प भागि ।।एच.एम.वी.
 
 
 
माज निशा मोर
 
 
 
आहिन महीया
 
 
 
आहिल बीन बोरागी
 
 
 
अल्लार बिने केऊ नाई
 
 
 
किनो पखीये (गीतकार : पार्वतीप्रसाद बरुवा)
 
 
 
 
 
1983 : मेघे गिर गिर करे ।।एच.एम.वी./टीपीएचवी२८१५४
 
 
 
डिफू होल तोमार नाम
 
 
 
बोहाग माथो एटि ऋतु नहय ।।एच.एम.वी.(एस/४५एनएलपी२५५१)
 
 
 
महाबाहु ब्रह्मपुत्र
 
 
 
आजि ब्रह्मपुत्र होल
 
 
 
डुग डुग डग डंबरू
 
 
 
आमि असमिया नहऊं दुखीया
 
 
 
रिम झिम बरखुने
 
 
 
सुसुक सामाककै ।।एच.एम.वी./एसपीएचओ२३०८८
 
 
 
(जयंत हजारिका के साथ)
 
 
 
मई जेन आजीवन
 
 
 
मधुमालती टोपनिजोवा
 
 
 
चित्रलेखा चित्रलेखा
 
 
 
माज निशा मोर
 
 
 
आपन नादे
 
 
 
(जयन्त हजारिका के साथ)
 
 
 
कीनो लीला प्रभु
 
 
 
(जयन्त हजारिका के साथ)
 
 
 
मोर गीतर हेजार श्रोता
 
 
 
लुइतर सोंतत
 
 
 
(जयन्त हजारिका के साथ)
 
 
 
आजि तोक किहेरे पूजिम
 
 
 
 
 
1984 : पार्वती प्रसाद बरुवा रचित ।।एच.एम.वी./टीपीएचवी२८१५४
 
 
 
ग्यारह गीत
 
 
 
उत्स : ग्यारह गीत ईसीएसडी२६५२/७६ ।।एच.एम.वी./टीपीएचवी२८१५५
 
 
 
उत्स ईसीएलपी२३४७ के नौ गीत ।।एच.एम.वी./टीपीएचवी२८१५६
 
 
 
तोमार देखों नाम पत्रलेखा
 
 
 
 
 
1986 : कत जोवानर मृत्यु होल ।।एच.एम.वी./टीपीएचवी२८०३८
 
 
 
अस्त आकाशरे
 
 
 
आकाशीगंगा
 
 
 
एटुकुडा आलसुवा मेघ
 
 
 
हय साहब हय
 
 
 
प्रेम प्रेम बूलि
 
 
 
गंगा मोर मां
 
 
 
नेकांदिबा नेकांदिबा
 
 
 
कलिर कृष्ण
 
 
 
आह आह उलाई आह
 
 
 
मोर गान हउक
 
 
 
शीतरे सेमेका राति
 
 
 
विमूर्त एई रात्रि
 
 
 
1987 : मानुहे मानुहर बाबे ।।एच.एम.वी./टीपीएचवी२८०८७
 
 
 
बिहुरेनो बिरिना
 
 
 
नेकांदिबा नेकांदिबा
 
 
 
रंग किनिबा कोने
 
 
 
नतून नागिनी तुमि
 
 
 
आकाशीगंगा
 
 
 
फूट गोधूलिते
 
 
 
डुग डुग डुग डंबरू
 
 
 
एटि कलि दूटि पात
 
 
 
चिरयुगमीया ढौ तुलि
 
 
 
कानाई पार करा
 
 
 
तुमिये मोर कल्पनारे
 
 
 
अस्त आकाशर
 
 
 
परहि पुवाते टुलुंगा नावते
 
 
 
 
 
1988 : शारदी रानी तोमार नाम ।।एच.एम.वी./एसटीएचवी/२९०९९
 
 
 
आह आह उलाई आह
 
 
 
कपिली कपिली
 
 
 
मदाररे फूल हेनो
 
 
 
गौरीपुरीया गाभरू
 
 
 
प्रतिध्वनि सुनो
 
 
 
नेकांदिबा नेकांदिबा
 
 
 
लुइतपरीया डेकाबन्धु
 
 
 
अहो हो महो हो
 
 
 
महात्माई हासिल बोले
 
 
 
लुइतत भूतूंगाई उलाल शिहू
 
 
 
तेज दिलों प्राण दिलों
 
 
 
लप्त तीखारे अग्नि शक्ति
 
 
 
अग्नियुगर फिरंगति मई
 
 
 
नतून नतून साह
 
 
 
जिकमिक दीवालिर बंति ज्वले
 
 
 
ओ मोर धरित्री आई
 
 
 
मोर मरमे मरम बिसारि जाय
 
 
 
शहीद प्रणामो तोमाक
 
 
 
जीवन सिन्धु बहु बिन्दुरे हय पूर्ण
 
 
 
मोर गातो देखोन
 
 
 
अतीतर बुरंजी
 
 
 
गुइये पोरा तिरासीर
 
 
 
 
 
1989 : समयर गति आजि एन. के. ००८
 
 
 
(गीत और संगीत : मणि महन्त)
 
 
 
पिंधिलों कतना माला
 
 
 
(गीतकार : नगेन बोरा, संगीत : भूपेन उजीर)
 
 
 
आजि ईदर महफिलत
 
 
 
(गीतकार : नुरूल हक, संगीत : मोहम्मद हुसैन)
 
 
 
तुमि असमिया
 
 
 
(गीत एवं संगीत : रसानन्द भोगोई)
 
 
 
आमार समाजर
 
 
 
(गीतकार : नगोन बोरा, संगीत : जयन्त नाथ)
 
 
 
पोहर पियासी पाहरि नेजाबा
 
 
 
(गीतकार : नुरूल हक, संगीत : मोहम्मद हुसैन)
 
 
 
आकौ प्रणाम करों
 
 
 
(गीतकार : हीरेन गोहाईं)
 
 
 
ओ सिपारर बान्धै टी सीरीज़/०६०८
 
 
 
सेंदूर सेंदूर
 
 
 
तेजरे कमलापति
 
 
 
आई सरस्वती
 
 
 
अपरूपा अपरूपा
 
 
 
 
 
1990 : तुमि होवा मोर घरर लखिमी बोवारी टी सीरीज़ एचएफ़/१२०
 
 
 
ओ सपोन तुमि किय निशा करा आमनि
 
 
 
किय कर तोई अहंकार
 
 
 
मई एटि शिक्षित निवनुवा
 
 
 
धाननि पथारत लखिमी नामिसे
 
 
 
हाविसे जाविसे बांहरे पात
 
 
 
बोहागीर पुवातेई कथा एटि करूं
 
 
 
शोणितपुरर उषाई
 
 
 
(आठों गीतों की रचना : सूर्य हजारिका)
 
 
 
मई आहिसों ।।एच.एम.वी./टीपीएचवी/२८१२४९
 
 
 
अनामिका विदाई
 
 
 
पाहाड भैयामर संगमथलीत
 
 
 
तुमिये मोर कल्पनारे
 
 
 
सुख नाई मोर
 
 
 
कहुंवा वन मोर अशान्त मन
 
 
 
जय वा पराजय (संगीत : हैयन्ती शुक्ल)
 
 
 
ओ मोर प्रिय जयगन (गीत-संगीत : अनिल दत्त)
 
 
 
 
 
1991 : एई बोहाग ज्वलन्त अरुण आरएए4/९१०९
 
 
 
चराईपुंगर कपौ चराई (संध्या मेनन के साथ)
 
 
 
बिहूरे उरूका निशा (संध्या मेनन के साथ)
 
 
 
जिन्दाबाद नेल्सन मंडेला
 
 
 
सेनेहरे आई (संध्या मेनन के साथ)
 
 
 
रूपही तोर
 
 
 
 
 
1992 : गोदावरी नैरे पारर (लता मंगेशकर के साथ)
 
 
 
चयनिका चयनिका (आशा भोंसले के साथ)
 
 
 
गुवाहाटीर कोनो एटा मीठा गोधूलि
 
 
 
बिहूटि बसरि आहिबा
 
 
 
असमी आईरे लालिता पालिता (उषा मंगेशकर के साथ)
 
 
 
उदंग उदंग गा (उषा मंगेशकर के साथ)
 
 
 
भालकै पुनर सोवाजोन (आशा भोंसले)
 
 
 
दूयो मुखा मुखी (लता मंगेशकर के साथ)
 
 
 
बांग्ला गीतों के कैसेट व रिकार्ड
 
 
 
 
 
1954 : रेल चले। ओगायेर सीमा नाय ।।एच.एम.वी./जीई२४७१३
 
 
 
 
 
1957 : आंका आंका ए पथेर ।।एच.एम.वी./जीई२४८६२
 
 
 
गुम गुम मेघ गरजाय
 
 
 
(हेमन्त मुखर्जी के साथ)
 
 
 
 
 
1968 : सहस्र जने मोक प्रश्न करे ।।एच.एम.वी./एन८३२७४
 
 
 
तोई काजल काजल दीघि
 
 
 
 
 
1969 : विस्तीर्ण दुपारेर ।।एच.एम.वी./४५जीई२५३६९
 
 
 
 
 
1971 : ए शहर प्रान्त/गंगा आकार मां ।।एच.एम.वी./४५जीई२५४१६
 
 
 
 
 
1976 : साजिए तोपाटि ।।एच.एम.वी.एस/७ईपीई
 
 
 
सुउच्च पाहाडेर
 
 
 
गोपने गोपने
 
 
 
गाव्यगीति ।।एच.एम.वी./ईसीपीएस
 
 
 
(रचना : अजय भट्टाचार्य)
 
 
 
रंगीबा नावरे आमार
 
 
 
 
 
1978 : आमि एक यायावर ।।एच.एम.वी./एस/४५
 
 
 
एनएलपी२००७
 
 
 
 
 
1974 : विस्तीर्ण दुपारे ।।एच.एम.वी./एस४५
 
 
 
एनएलपी२०१९
 
 
 
 
 
1980 : त्रिधारा ।।एच.एम.वी./एल.पी. ईएससीडी२६०५
 
 
 
1989 : स्मृतिर बालूचरे
 
 
 
1990 : स्वर्गेर फोन आलदा
 
 
 
1991 : नदीर नाम भाल बासा
 
 
 
 
 
 
 
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Revision as of 07:59, 29 January 2019

bhoopen hazarika
poora nam bhoopen hazarika
janm 8 sitanbar, 1926
janm bhoomi shadiya, asam
mrityu 5 navanbar, 2011
mrityu sthan mumbee, maharashtr
abhibhavak pita- nilakaant hazarika, mata- shaantipriya hazarika
pati/patni priyam patel
karm bhoomi bharat
karm-kshetr lekhan, patrakarita, gayan, sangit nirdeshak, filmakar
vishay lok sangit, bangali, asamiya aur hiandi samet kee bharatiy bhashaoan mean git gae
shiksha rajanitik vijnan mean snattokattar, piechadi
vidyalay banaras hiandoo vishvavidyalay, kolanbiya vishvavidyalay
puraskar-upadhi padm vibhooshan, padmabhooshan, padmashri, dada sahab phalke puraskar, sangit natak akadami puraskar, bharat ratn
nagarikata bharatiy
any janakari bhoopen hazarika ne hiandi film 'svikriti', 'ek pal', 'siraj', 'pratimoorti', 'do rahean', 'saj', 'gajagamini', 'daman', 'kyoan' aur 'chiangari' jaisi hiandi filmoan mean apani avaz ka jadoo bikhera.

bhoopen hazarika (aangrezi: Bhupen Hazarika, janm- 8 sitanbar, 1926; mrityu- 5 navanbar, 2011) bharat ke aise vilakshan kalakar the, jo apane git khud likhate the, sangitabaddh karate the aur gate the. bhoopen hazarika ko dakshin eshiya ke shreshthatam saanskritik dootoan mean se ek mana jata hai. unhoanne kavita lekhan, patrakarita, gayan, film nirman adi anek kshetroan mean kam kiya hai. bhoopeandr hazarika pahale shakhsiyat the, jinhoanne asamiya sanskriti ko vishv manch tak pahuanchaya tha.

jivan parichay

d aau. bhoopen hazarika bahu–ayami vyaktitv ke dhani the. asam–ratn hazarika ji asam athava bharat ke hi nahian poore sansar ke lie ve ek vishv ratn the. ve sangit rachanakar, surakar, sangitakar, sangit–nirdeshak, vady–yantr vadak, abhineta, sinema nirdeshak to the hi sath hi sath ek achchhe kavi, gadyakar, nibandhakar, natyakar adi bhi the. ve samanvayavadi the, kalyanakari the, shaantidoot the. ve manavatavadi the, manav ke kalyan ke lie svapnadrishta the.[1]

janm

bhoopen hazarika ka janm san 1926 ke 8 sitambar ko shadiya (asam) mean hua tha. nilakaant hazarika unake pita the. ve skool up–paridarshak the. bad mean ve es.di.si. bane the. maan ka nam tha shaantipriya hazarika. bhoopen hazarika ke sat bhaee aur tin bahane thian. ve jyeshth the.[1]

shiksha

bachapan mean bhoopen hazarika ki shiksha guvahati ke senaram haeeskool mean, dhuburi ki ek pathashala mean, phir guvahati ke k aautan kalejiyet skool mean aur aant mean chhathi kaksha mean (san 1935 mean) tejapur sarakari uchchattar madhyamik vidyalay mean huee. san 1940 mean tejapur se ve maitrik ki pariksha pas karate haian. san 1941 mean k aautan k aaulej mean (uchchattar madhyamiq kala shakha mean) dakhila liya. san 1942 mean banaras hiandoo vishvavidyalay mean snatak mean unaka dakhila hota hai. san 1944 mean sammanasah (honours) shiksha mean snatak ki upadhi milati hai. san 1946 mean usi vishvavidyalay se snatakottar ki upadhi milati hai. san 1949 ko ve pi.ech.di. hetu amarika ki yatra karate haian. san 1952 mean kolambiya vishvavidyalay se pi.ech.di ki upadhi prapt hoti hai. unaki gaveshana ka vishay tha– "Roll of Mass Communication in India's Adult Education"[1]

dampaty jivan

bhoopen hazarika ki 23 varsh ki umr mean hi san 1950 mean 1 agast ko nyooyark shahar mean priyam patel ke sath unaki shadi hoti hai. priyam kampala, yoogaandar ke prasiddh chikitsak moolaji bhaee patel aur unaki patni maniben patel ki beti haian. inaka mool nivas sthan gujarat hai. gujarat ke niyam ke hisab se aurat ke svami ka nam aur beta–beti ko bap ka nam bich mean likhane ki parampara hai. isi karan patni ka nam shadi ke pashchath priyam bhoopen hazarika (athava priyam bi. hazarika) aur bete ka nam kollak bhoopendr hazarika (athava kollak bi. hazarika/poornaang bhoopendr hazarika/tej bhoopendr hazarika) p da. kollak ko asam ke log tej hazarika se hi janate haian. kollak nyooyark mean tatha priyam kanada mean rahati haian. kollak vyavasay karate haian.[1]

git sangit ka saphar

bhoopen hazarika ek bahumukhi pratibha sanpann kalakar the. bachapan mean hi unhoanne apana pahala git likha aur 10 varsh ki ayu mean use gaya bhi. asamiya bhasha ki filmoan se bhi unaka nata bachapan mean hi ju d gaya tha. unhoanne asamiya bhasha mean nirmit doosari film iandramalati ke lie 1939 mean barah varsh ki ayu mॆan kam bhi kiya. sur samrat hazarika ne qarib 70 sal tak apani avaz se poorvottar ke sath b aaulivud mean bhi chhae rahe. hazarika ne apani film ka nirdeshan 1956 mean kiya. unhoanne era batar sur se apani film ka pahala nirdeshan kiya.

hazarika ne hosh sanbhalate hi git sangit ko samajik parivartan ka madhyam bana liya aur 60 sal tak lagatar bharatiy sangit jagath mean sakriy yogadan diya. unake ganga nadi par likhe aur gae git kafi prasiddh hue. hazarika ne bangali, asamiya aur hiandi samet kee bharatiy bhashaoan mean git gae haian. aj bhoopen hazarika ke gae kee prasiddh git hai. film 'roodali' ke git 'dil hooan hooan kare' ke jarie hazarika hiandi film jagath mean chha ge. isake alava hazarika ne daman film mean 'gum sum' gana bhi gaya. bhoopen ne 'maian aur mera saya, ek kali do pattiyaan, haan avara hooan, us din ki bat hai' jaise kee sare hiandi ganoan ko gaya tha. 'o ganga bahati ho kyoan' ko apani avaz aur sangit di hai. bihoo ke gitoan mean bhoopen hazarika ne apani chirajivi avaz di hai. yahi nahian, ‘gaandhi too hitalar’ film mean mahatma gaandhi ke prasiddh bhajan ‘vaishnav jan’ ko unhoanne hi apani avaz di.

hazarika ne hiandi film svikriti, ek pal, siraj, pratimoorti, do rahean, saj, gajagamini, daman, kyoan aur chiangari jaisi hiandi filmoan mean apani avaz ka jadoo bikhera. yahi nahian unhoanne hiandi film svikriti aur siraj jaisi filmoan ko nirdeshit kar film nirdeshan mean bhi apani pratibha ka lauha manavaya. hazarika ne hiandi film ek pal mean bataur abhineta ke taur par bhi kam kiya. hazarika ne 2006 mean film 'chiangari' mean bhi gana gaya.

samman aur puraskar

do-do bar lauta kar tisari bar unhean padmashri samman grahan kiya tha. "chameli memasahab" ke sangit ke lie unhean rashtrapati ka samman bhi mil chuka hai aur kabhi kamyunist hone ki vajah se apane nivas sthan se bhi door hona p da hai, jabaki isamean unaka koee dosh nahian tha. 1993 mean asam sahity sabha ke adhyaksh bhi rahe. varsh 2004 mean unhean rajaniti mean shirakat ki tatha bhajapa ki taraph se 2004 mean chunav bhi l da.

hazarika ko asamiya filmoan unake abhootapoorv yogadan ke lie 1992 mean sinema jagath ke sarvochch puraskar dada sahab phalke puraskar se navaza gaya tha. isake alava unhean rashtriy puraskar kshetriy film (1975), kala kshetr mean padm bhooshan (2001), asam ratn (2009) aur sangit natak akadami puraskar (2009) jaise kee pratishthit puraskaroan se navaja ja chuka hai. hazarika ko 2019 mean bharat ratn se bhi sammanit kiya gaya.

nidhan

prakhyat gayak aur sangitakar bhoopen hazarika ka 5 navanbar 2011 ko mumbee ke kokilaben dhiroobaee aanbani aspatal mean nidhan ho gaya tha. unaka nidhan sham lagabhag 4:37 baje hua tha. vah 86 varsh ke the. bhoopen hazarika lambe samay se nimoniya se bimar the.

bhoopen hazarika ka sahityik yogadan

gady

1. sundarar n digant
2. sundarar saroo bad aliyedi
3. samayar pakhi ghodat uthi
4. jyoti kakaeedeoo
5. vishnu kakaeedeoo
6. krishtir pathare-pathare
7. dihiange dipaange
8. bohag matho eti rritu nahay
9. banhiman luitar pare-pare
10. nandan tatvar karmisakal
11. mee eti yayavar
12. sanpadakiy

git sangrah

1. jilikabo luitare par
2. sangram lagn aji
3. agali baanhare lahari gagana
4. banhiman brahmaputr
5. gitavali

shishu sahity

1. bhoopen mamar gite mate a a k kh

patakatha

1. chikamik bijuli
2. era batar sur
3. mahut bandhure

patrikaoan ka sanpadan

1. nyoo iandiya - nyooyark, 1949-50
amerika mean bharatiy chhatr sangh ka mukhapatr
2. gati (kala patrika) - guvahati, 1964-67
3. bindu (laghu patrika) - guvahati, 1970
4. amar pratinidhi (masik patrika) - kalakatta, 1964-80
5. pratidhvani (masik patrika) - guvahati


panne ki pragati avastha
adhar
prarambhik
madhyamik
poornata
shodh

tika tippani aur sandarbh

  1. 1.0 1.1 1.2 1.3 medhi, d aau. dilip. bhoopen hazarika ka jivan-darshan aur vyaktitv (hindi) (pi.ech.pi) jnanakosh. abhigaman tithi: 8 sitambar, 2012.

bahari k diyaan

sanbandhit lekh