Difference between revisions of "है प्रीत जहाँ की रीत सदा"
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भारत का रहने वाला हूँ, भारत की बात सुनाता हूँ | भारत का रहने वाला हूँ, भारत की बात सुनाता हूँ | ||
− | जीते हो | + | जीते हो किसी ने देश तो क्या, हमने तो दिलों को जीता है |
जहाँ राम अभी तक है नर में, नारी में अभी तक सीता है | जहाँ राम अभी तक है नर में, नारी में अभी तक सीता है | ||
इतने पावन हैं लोग जहाँ, मैं नित-नित शीश झुकाता हूँ | इतने पावन हैं लोग जहाँ, मैं नित-नित शीश झुकाता हूँ |
Latest revision as of 09:38, 5 November 2012
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jab ziro diya mere bharat ne, duniya ko tab ginati aee |
tika tippani aur sandarbh
bahari k diyaan
sanbandhit lekh