Difference between revisions of "अशोक स्तम्भ"

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Jump to navigation Jump to search
[unchecked revision][unchecked revision]
Line 1: Line 1:
{{बहुविकल्पी शब्द}}
+
;अशोक स्तम्भ से तात्पर्य
# [[अशोक स्तम्भ वैशाली]]
 
# [[अशोक स्तम्भ इलाहाबाद]]
 
# [[अशोक स्तम्भ सारनाथ]]
 
# [[अशोक स्तम्भ दिल्ली]]
 
# [[अशोक स्तम्भ चेन्नई]]
 
# [[अशोक स्तम्भ लुम्बिनी]] 
 
==अशोक स्तम्भ से तात्पर्य==
 
 
[[हुएनसांग]] के अनुसार [[कपिलवस्तु]] के दक्षिण 10 मील की दूरी पर वह पवित्र स्थान वर्तमान था, जहाँ (पूर्व बुद्ध) क्रकुच्छन्द (पालि=क्रकुसंध) उत्पन्न हुए थे। यहाँ एक स्तूप विद्यमान था, जहाँ [[बुद्ध]] की अस्थियाँ गड़ी हुई थीं। उसी के समक्ष [[अशोक]]-निर्मित एक प्रस्तर-स्तम्भ विद्यमान था, जो 30 फीट ऊँचा था। इसके शीर्ष स्थान पर एक सिंह-प्रतिमा निर्मित थी। इस लाट पर बुद्ध के परिनिर्वाण की कथा उत्कीर्ण थी। इस स्थान से लगभग 30 ली (6 मील) उत्तर-पूर्व वह स्थान था, जहाँ कनकमुनि उत्पन्न हुई थे। वहाँ एक [[स्तूप]] विद्यमान था, जिसमें कनकमुनि बुद्ध की अस्थियाँ रखी हुई थीं। यहाँ पर भी एक प्रस्तर-स्तम्भ था, जो सिंह शीर्षक था। यह 20 फीट ऊँचा था। इसका निर्माण अशोक ने कराया था। इस पर बुद्ध के परिनिर्वाण का उल्लेख प्राप्य था। सम्राट अशोक द्वारा निर्मित 30 ज्ञात स्तंभों में 5 अशोक स्तम्भ [[बिहार]] में, एक कोल्हुआ, एक वैशाली, दो रामपुरवा, पश्चिमी चंपारण, एक लौरिया नंदनगढ़ और एक अशोक स्तम्भ अरेराज पूर्वी चंपारण में स्थित है।
 
[[हुएनसांग]] के अनुसार [[कपिलवस्तु]] के दक्षिण 10 मील की दूरी पर वह पवित्र स्थान वर्तमान था, जहाँ (पूर्व बुद्ध) क्रकुच्छन्द (पालि=क्रकुसंध) उत्पन्न हुए थे। यहाँ एक स्तूप विद्यमान था, जहाँ [[बुद्ध]] की अस्थियाँ गड़ी हुई थीं। उसी के समक्ष [[अशोक]]-निर्मित एक प्रस्तर-स्तम्भ विद्यमान था, जो 30 फीट ऊँचा था। इसके शीर्ष स्थान पर एक सिंह-प्रतिमा निर्मित थी। इस लाट पर बुद्ध के परिनिर्वाण की कथा उत्कीर्ण थी। इस स्थान से लगभग 30 ली (6 मील) उत्तर-पूर्व वह स्थान था, जहाँ कनकमुनि उत्पन्न हुई थे। वहाँ एक [[स्तूप]] विद्यमान था, जिसमें कनकमुनि बुद्ध की अस्थियाँ रखी हुई थीं। यहाँ पर भी एक प्रस्तर-स्तम्भ था, जो सिंह शीर्षक था। यह 20 फीट ऊँचा था। इसका निर्माण अशोक ने कराया था। इस पर बुद्ध के परिनिर्वाण का उल्लेख प्राप्य था। सम्राट अशोक द्वारा निर्मित 30 ज्ञात स्तंभों में 5 अशोक स्तम्भ [[बिहार]] में, एक कोल्हुआ, एक वैशाली, दो रामपुरवा, पश्चिमी चंपारण, एक लौरिया नंदनगढ़ और एक अशोक स्तम्भ अरेराज पूर्वी चंपारण में स्थित है।
  

Revision as of 11:59, 24 September 2013

ashok stambh se tatpary

huenasaang ke anusar kapilavastu ke dakshin 10 mil ki doori par vah pavitr sthan vartaman tha, jahaan (poorv buddh) krakuchchhand (pali=krakusandh) utpann hue the. yahaan ek stoop vidyaman tha, jahaan buddh ki asthiyaan g di huee thian. usi ke samaksh ashok-nirmit ek prastar-stambh vidyaman tha, jo 30 phit ooancha tha. isake shirsh sthan par ek sianh-pratima nirmit thi. is lat par buddh ke parinirvan ki katha utkirn thi. is sthan se lagabhag 30 li (6 mil) uttar-poorv vah sthan tha, jahaan kanakamuni utpann huee the. vahaan ek stoop vidyaman tha, jisamean kanakamuni buddh ki asthiyaan rakhi huee thian. yahaan par bhi ek prastar-stambh tha, jo sianh shirshak tha. yah 20 phit ooancha tha. isaka nirman ashok ne karaya tha. is par buddh ke parinirvan ka ullekh prapy tha. samrat ashok dvara nirmit 30 jnat stanbhoan mean 5 ashok stambh bihar mean, ek kolhua, ek vaishali, do ramapurava, pashchimi chanparan, ek lauriya nandanagadh aur ek ashok stambh areraj poorvi chanparan mean sthit hai.

tika tippani aur sandarbh

sanbandhit lekh