अध्यारोप:

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अध्यारोपः (पुल्लिंग) [अधि+आ+रुह्+णिच्+पुक्+घञ्]

1. उठना, उन्नत होना आदि
2. (वे. द. में) भ्रमवश एक वस्तु को अन्य वस्तु समझना, भ्रम के कारण एक वस्तु के गुण दूसरी वस्तु में जोड़ना, भ्रमवश रस्सी को सांप समझना।[1]


  1. REDIRECTसाँचा:इन्हें भी देखें


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. संस्कृत-हिन्दी शब्दकोश |लेखक: वामन शिवराम आप्टे |प्रकाशक: कमल प्रकाशन, नई दिल्ली-110002 |पृष्ठ संख्या: 34 |

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