अनामा
अनामा, अनामिका [नास्ति नाम अन्यांगुलिवत् यस्याः-स्वार्थे कन्]
- कानी तथा बिचली अंगुली के बीच की अंगुली-इसका यह नाम इसलिए पड़ा कि दूसरी अंगुलियों की भाँति इसका कोई नाम नहीं; पुरा कवीनां गणनाप्रसंगे कनिष्ठि-कधिष्ठितकालिदासा, अद्यापि तत्तुल्यकवेरभावाद-नामिका सार्थवती बभूव। सुभा।[1]
- REDIRECTसाँचा:इन्हें भी देखें
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
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