अनुपतनम्-पात:
अनुपतनम्-पातः (न.) (पुल्लिंग) [अनु+पत्+ल्युट्, अनु+पत्, घञ् वा]
- 1. ऊपर पड़ना, एक के बाद दूसरे का गिरना
- 2. पीछा करना, अनुसरण
- 3. भाग
- 4. त्रैराशिक-तम (अव्य.) [पत्+णमुल्] क्रमिक अनुसरण, अनुगमन,-लतानुपातं कुसुमान्यगृह्णात् -भटटि. 2 11; (लतामनुपात्य-एक लता से दूसरी लता पर जाकर, या लताओं को झुका कर)।[1]
- REDIRECTसाँचा:इन्हें भी देखें
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
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