अन्त्रम्
अन्त्रम् (नपुं.) [अन्त्+ष्ट्रन-अम्+क्त वा] औत अंतड़ी।
सम.-कूजः,-कूजनम्-विकूजनम् (नपुं) आंतों में होने वाली गड़गड़ाहट की आवाज,-वृद्धि (स्त्रीलिंग) आंत उतरने की बीमारी, हरणिया, अंडकोश बढ़ने का रोग,-शिला (स्त्रीलिंग) विन्ध्य पहाड़ निकलने वाली एक नदी,-स्रज् (स्त्रीलिंग) अंतड़ियों की माला (जिसको नृसिंह ने धारण किया)।[1]
- REDIRECTसाँचा:इन्हें भी देखें
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
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