अन्त्रम्‌

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Jump to navigation Jump to search

अन्त्रम् (नपुं.) [अन्त्+ष्ट्रन-अम्+क्त वा] औत अंतड़ी।


सम.-कूजः,-कूजनम्-विकूजनम् (नपुं) आंतों में होने वाली गड़गड़ाहट की आवाज,-वृद्धि (स्त्रीलिंग) आंत उतरने की बीमारी, हरणिया, अंडकोश बढ़ने का रोग,-शिला (स्त्रीलिंग) विन्ध्य पहाड़ निकलने वाली एक नदी,-स्रज् (स्त्रीलिंग) अंतड़ियों की माला (जिसको नृसिंह ने धारण किया)।[1]


  1. REDIRECTसाँचा:इन्हें भी देखें


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. संस्कृत-हिन्दी शब्दकोश |लेखक: वामन शिवराम आप्टे |प्रकाशक: कमल प्रकाशन, नई दिल्ली-110002 |पृष्ठ संख्या: 56 |

संबंधित लेख


वर्णमाला क्रमानुसार लेख खोज

                              अं                                                                                                       क्ष    त्र    ज्ञ             श्र   अः