अन्वक्
अन्वक् (अव्य.) [अनु+अञ्च्+क्विप् नपुं. ए. व.]
- 1. बाद में
- 2. पीछे से
- 3. मैत्रीभाव से व्यवहृत, अनुकूल रूप में, अन्वग्भूत्वा,-भावम्,-आस्ते मित्रता-पूर्वक व्यवहृत होना।
- 4. (कर्म. के साथ) पश्चात् ताम्... अन्वग्ययौ मध्यमलोकपालः- रघु. 2/16[1]
- REDIRECTसाँचा:इन्हें भी देखें
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
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