अपरव:
अपरवः [अपकृष्टो स्वः, प्रा. स.]
- 1. झगड़ा, विवाद (संपत्ति के भोग के विषय में) 'उज्झित बिना झगड़े के, बिना विवाद के (किसी वस्तु को अधिकार में करते समय)
- 2. बदनामी[1]
- REDIRECTसाँचा:इन्हें भी देखें
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
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