अपोह:

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अपोहः (पुल्लिंग) [अप+वह्‌+घञ्]]

1. हटाना, दूर करना, विरोपण
2. तर्क शक्ति के प्रयोग द्वारा शङ्का निवारण
3. तर्क देना, युक्ति देना
4. निषेधात्मक तर्कना (विप. ऊहः अपरतर्कनिरासाय कृतो विपरीतस्तकः),-अतः ऊहापोह=किसी प्रश्न से संबद्ध पूणे चर्चा
5. प्रसंगानुकूल वर्ग के अन्दर न आने वाली बातों को विचार-कोटि से निकाल देना।[1]


  1. REDIRECTसाँचा:इन्हें भी देखें


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. संस्कृत-हिन्दी शब्दकोश |लेखक: वामन शिवराम आप्टे |प्रकाशक: कमल प्रकाशन, नई दिल्ली-110002 |पृष्ठ संख्या: 72 |

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