अभिष्यं (स्यं) दः (पुल्लिंग) [अभि+स्यन्द्+घञ्]
- 1. स्राव, बहाव, टपकना
- 2. आँख आना
- 3. अतिवृद्धि अतिरेक, आधिक्य, अतिरिक्त भाग अतिरिक्त जनसख्या को दूर करके, अर्थात् उत्प्रवासन द्वारा-तु. -रघु. 15/29[1]
- REDIRECTसाँचा:इन्हें भी देखें
टीका टिप्पणी और संदर्भ
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संस्कृत-हिन्दी शब्दकोश |लेखक: वामन शिवराम आप्टे |प्रकाशक: कमल प्रकाशन, नई दिल्ली-110002 |पृष्ठ संख्या: 84 |
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